Congress And Rahul Gandhi News: पार्टी कार्यकर्ताओं को चेतावनी जारी करते हुए राहुल ने कहा कि कुछ नेताओं को हटाकर हम एक उदाहरण स्थापित करने के लिए तैयार हैं.
Congress And Rahul Gandhi News: ‘अगर हमें गुजरात के लोगों से जुड़ना है, तो हमें दो काम करने पडेंगे. हमारा पहला काम होगा दो ग्रुप को अलग करना यानि कांग्रेस पार्टी के वफादारों और बागियों के ग्रुप को अलग करना. अगर हमें सख्त कार्रवाई करनी पड़े और 30-40 लोगों को निकालना पड़े, तो निकाल देना चाहिए. BJP के लिए लोग पार्टी के अंदर से काम कर रहे हैं, तो उन लोगों को निकालो और बाहर से BJP के लिए काम करने दो. फिर देखते हैं, कैसे इनकी वहां जगह बनती है, क्योंकि BJP उन्हें उठाकर बाहर फेंक देगी.’ – राहुल गांधी, सांसद, कांग्रेस.
हमारा पहला काम- इन दो ग्रुप को अलग करना है।
— Congress (@INCIndia) March 8, 2025
अगर हमें सख्त कार्रवाई करनी पड़े, 30-40 लोगों को निकालना पड़े तो निकाल देना चाहिए।
BJP के लिए लोग अंदर से काम कर रहे हैं, तो उन लोगों को निकालो और बाहर से BJP के लिए काम करने दो।
फिर देखते हैं, कैसे इनकी वहां जगह बनती है, क्योंकि वो… pic.twitter.com/X8w97HO8R3
एक दिन पहले ही राहुल गांधी ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को कड़ी नसीहत दी है. गुजरात इकाई के कुछ नेताओं को चेतावनी जारी करते हुए उन्होंने कहा कि नेताओं को हटाकर हम एक उदाहरण स्थापित करने के लिए तैयार हैं. अब ऐसे में बड़ा सवाल बन गया है कि क्या राहुल गांधी अब पार्टी हित के लिए कड़े से कड़े फैसले लेने के लिए तैयार हैं. साथ ही BJP यानि भारतीय जनता पार्टी के लिए B टीम बनकर काम करने वाले कार्यकर्ताओं और पार्टियों से भी राहुल गांधी चुनावी मैदान में दो-दो हाथ करने के लिए तैयार हैं.
कई वरिष्ठ नेता भी खुलकर दिखा रहे हैं बागी तेवर
दरअसल, पिछले साल के लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस अभी हालातों की समीक्षा करने में ही जुटी हुई थी कि महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली में भी हार का मुंह देखना पड़ा. पार्टी के नेताओं की अंतर्कलह भी खुल कर सामने आ गई. पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भी खुलकर बागी तेवर दिखा रहे हैं.
चुनाव के बाद ही AAP यानि आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन टूटा. समाजवादी पार्टी के साथ भी रिश्तों में कड़वाहट देखने को मिल रही है. कई वरिष्ठ नेताओं ने हार और गठबंधन के लिए सीधे तौर पर कांग्रेस नेतृत्व को ही जिम्मेदार बताया है. इसी मामले पर एक दिन पहले BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने भी बड़ा हमला बोला था.
उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जब से राहुल और उनकी मां सोनिया गांधी ने पार्टी की कमान संभाली है, तब से ही कांग्रेस की हालत खराब हो गई है. उन्होंने कहा कि हालांकि, यह पार्टी का आंतरिक मामला है, लेकिन राहुल गांधी का बयान निश्चित रूप से कांग्रेस की आंतरिक दुर्दशा और उनकी बिगड़ती मानसिक हालत की तरफ इशारा कर रहे हैं.
दूसरी ओर शिवसेना-UBT नेता संजय राउत की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि सिर्फ कांग्रेस में ही B टीम नहीं है, बल्कि कई पार्टियों में हैं. अगर राहुल ने B टीम को हटाने के बारे में सोचा है, तो यह उनकी पार्टी का मामला है. मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं.
VIDEO | Mumbai: On Congress MP Rahul Gandhi’s ‘B-Team’ remark, Shiv Sena (UBT) leader Sanjay Raut says, “‘B-Teams’ are there in many parties and not just in Congress. If Rahul Gandhi has thought of removing this ‘B-Team’, then it’s their party's matter. I welcome this decision.”… pic.twitter.com/kIPgGxlAfv
— Press Trust of India (@PTI_News) March 9, 2025
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BJP को उसी के गढ़ में घेरने की तैयारी में राहुल गांधी
हाल के समय में BSP यानि बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने भी बड़ा हमला बोला था. मायावती ने राहुल गांधी को अपने गिरेबान में झांकने की नसीहत भी दी थी. उन्होंने दिल्ली में हार के बाद कांग्रेस को BJP की B टीम बताया था. उन्होंने अपने एक X पोस्ट में कहा था कि कांग्रेस के सर्वेसर्वा राहुल गांधी को किसी भी मामले में BSP और दूसरों पर उंगली उठाने से पहले अपने गिरेबान में भी जरूर झांक कर देखना चाहिए, तो यह बेहतर होगा. इनको यही सलाह है.
अब ऐसे में कई सियासी जानकारों का मानना है कि राहुल गांधी की गुजरात कार्यकर्ताओं को दी गई चेतावनी कई तरह के संकेत दे रही है. माना जा रहा है कि राहुल गांधी समझ चुके हैं कि अगर BJP को हराना या कड़ी टक्कर देना है, तो BJP के गढ़ में ही कड़े कदम और एग्जांपल सेट करने पड़ेंगे.
हाल के समय में स्थानीय दलों के साथ कांग्रेस का गठबंधन भी यह दिखा रहा है कि कांग्रेस अकेले दम पर BJP को टक्कर देने के लिए काफी नहीं है. ऐसे में वह इस मिथक को तोड़ने के लिए ही BJP के गढ़ में ही अकेले चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं. अगर गुजरात में कांग्रेस साल 2017 और साल 2022 के चुनाव से बेहतर प्रदर्शन करती है, तो अन्य राज्यों में भी BJP और BJP के नेतृत्व वाले NDA को हराने का आत्मविश्वास पैदा होगा.
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