Manipur Violence : मणिपुर में हुई हिंसा के चलते 27 सुरक्षाकर्मी और 40 अन्य लोग घायल हो गए. इनमें से 12 की हालत गंभीर है. एक शख्स की मौत भी हो चुकी है.
Manipur Violence : मणिपुर में इंफाल-दीमापुर राजमार्ग (NH-2) पर सभी वाहनों की मुक्त आवाजाही लागू होने के बाद से ही स्थिति गंभीर बनी हुई है. इसके बाद से कुकी समुदाय के लोगों और सुरक्षा बल के बीच झड़प हुई, जिसमें 27 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए और 1 की मौत हो गई. कुकी समुदाय के लोग फ्री मूवमेंट का विरोध कर रहे थे, जिसकी वजह से उन्होंने रोड को ब्लॉक कर दिया था. रोड को खुलवाने की कोशिश करने वाले सुरक्षाकर्मी के साथ हिंसा शुरू कर दी. वहीं, भीड़ को अलग करने के लिए सुरक्षाकर्मी ने बल का प्रयोग किया.
एक की हुई मौत
सूत्रों की मानें तो कांगपोकपी में राष्ट्रीय राजमार्ग 2 से लगे क्षेत्रों में तनाव बढ़ने की वजह से स्थानीय अधिकारियों ने कर्फ्यू लगा दिया. मणिपुर में करीब 2 साल से जातीय हिंसा जारी है, जिसके चलते वहां पर कई लोगों की मौत हो चुकी है. इस हिंसा पर रोक लगाने के लिए केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए 1 मार्च को सुरक्षा बैठक की थी. इस बैठक में उन्होंने मणिपुर के सभी मुख्य मार्गों पर 8 मार्च से बिना रोकटेक के आवाजाही सुनिश्चित करने का निर्देश केंद्रीय बलों को दिया था.
8 मार्च से शुरू है फ्री मूवमेंट
यहां बता दें कि फ्री मूवमेंट की शुरुआत 8 मार्च से होनी थी. इसके लिए केंद्रीय रिजर्व बल ने राज्य प्रशासन के साथ मिलकर 8 मार्च से इस मूवमेंट को शुरू किया. इसके पहले दिन की राज्य में हिंसा देखने को मिली. कांगपोकपी से सेनापति जा रही एक सार्वजनिक बस पर भीड़ की ओर से हमला किया गया. बस पर कथित तौर पर कुकी समुदाय के लोगों द्वारा पत्थरबाजी की गई.
पुलिस ने दिया बयान
इस घना को लेकर मणिपुर पुलिस ने एक बयान जारी कर बताया कि गामगीफाई में भीड़ ने बस पर पथराव करना शुरू किया. सुरक्षा बलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और बल का प्रयोग किया. इन लोगों ने राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ कई जगहों पर सड़क अवरोध लगाए गए थे. बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी सड़कों पर थे, जो बस से आ-जा रहे थे. विरोध के दौरान प्रदर्शनकारियों की ओर से सुरक्षा बलों पर गोलीबारी भी हुईं, जिसका सुरक्षा बलों ने जवाब दिया.
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