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SC ने Bulldozer Action पर लगाई रोक, केंद्र से कहा- फट नहीं पड़ेगा आसमान

by Divyansh Sharma
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Bulldozer Action Supreme Court Verdict On leader reactions

Supreme Court Hearing On Bulldozer Action: सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि यह आदेश सार्वजनिक सड़कों, फुटपाथों, रेलवे लाइनों या जलाशयों पर अतिक्रमण पर लागू नहीं होगा.

Supreme Court Hearing On Bulldozer Action: बुलडोजर कार्रवाई को लेकर बड़ी जानकारी सामने आ रही है. सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए करते हुए आदेश जारी किया कि उसकी अनुमति के बिना कोई भी तोड़फोड़ नहीं होनी चाहिए. यह रोक 1 अक्टूबर तक जारी रहेगी.

सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि अगली सुनवाई तक देश में किसी भी जगह बुलडोजर कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि यह आदेश सार्वजनिक सड़कों, फुटपाथों, रेलवे लाइनों या जलाशयों पर अतिक्रमण पर लागू नहीं होगा.

‘अपने हाथ थाम लीजिए, 15 दिनों में क्या होगा?’

न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने यह निर्देश कई राज्य सरकारों की ओर से अपराध के आरोपी व्यक्तियों की इमारतों को ध्वस्त करने की कथित कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका पर मंगलवार को पारित किया. SC ने मामले की अगली सुनवाई 1 अक्टूबर को तय की है. पीठ ने कहा कि उसने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह निर्देश पारित किया है.

इस पर केंद्र सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायालय के आदेश पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि वैधानिक अधिकारियों के हाथ इस तरह से नहीं बांधे जा सकते. सॉलिसिटर जनरल की आपत्ति पर SC ने नरमी बरतने से इन्कार करते हुए कहा कि अगर दो सप्ताह तक तोड़फोड़ रोक दी जाए तो आसमान नहीं गिर जाएगा . न्यायमूर्ति बीआर गवई ने कहा कि अपने हाथ थाम लीजिए. 15 दिनों में क्या होगा?

यह संविधान की भावना के विरुद्ध : सुप्रीम कोर्ट

न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन ने कहा कि यदि अवैध विध्वंस (Bulldozer Action) का एक भी उदाहरण है, तो यह संविधान की भावना के विरुद्ध है. न्यायमूर्ति बीआर गवई ने सुनवाई के दौरान कहा कि हमने स्पष्ट कर दिया है कि हम अवैध निर्माण के बीच में नहीं आएंगे, लेकिन कार्यपालिका न्यायाधीश नहीं हो सकती.

सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता चंदर उदय सिंह ने कहा कि पिछली सुनवाई में न्यायालय की ओर से तोड़फोड़ की कार्रवाई पर चिंता व्यक्त किए जाने के बावजूद तोड़फोड़ जारी है. उन्होंने कहा कि एक पक्ष पर पथराव का आरोप लगाया गया था और उसी रात उसका घर गिरा दिया गया. वहीं, एक मामले का हवाला देते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पार्टियों को 2022 में ही तोड़फोड़ के लिए नोटिस भेजे गए थे और इस बीच उन्होंने कुछ अपराध किए. उन्होंने कहा कि तोड़फोड़ और अपराधों में आरोपियों की संलिप्तता का आपस में कोई संबंध नहीं है.

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‘SC को प्रभावित नहीं कर रहे हैं बाहरी शोर’

सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि भ्रम फैलाया जा रहा है कि राज्य सरकार एक विशेष समुदाय को निशाना बना रही है. ऐसे में कोर्ट ने कहा कि बाहरी शोर SC को प्रभावित नहीं कर रहे हैं. न्यायमूर्ति बीआर गवई ने कहा कि आदेश के बाद भी ऐसे बयान आए हैं कि बुलडोजर एक्शन जारी रहेगा.

न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन ने कहा कि 2 सितंबर के बाद इस मामले में जोरदार तरीके से तर्क दिए गए और इसे उचित ठहराया गया. क्या हमारे देश में ऐसा होना चाहिए? क्या चुनाव आयोग को इस पर ध्यान देना चाहिए? हम निर्देश तैयार करेंगे. गौरतलब है कि, पिछली तारीख पर न्यायालय ने अखिल भारतीय स्तर पर दिशा-निर्देश बनाने की मंशा जाहिर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने 12 सितंबर की सुनवाई के दौरान भी कहा था कि बुलडोजर एक्शन देश के कानूनों पर बुलडोजर चलाने जैसा है.

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