Home Latest दिल्ली में GRAP-4 प्रतिबंधों में ढील देने का निर्देश, SC ने श्रमिकों को हर्जाना सही से न देने पर लगाई फटकार

दिल्ली में GRAP-4 प्रतिबंधों में ढील देने का निर्देश, SC ने श्रमिकों को हर्जाना सही से न देने पर लगाई फटकार

by Divyansh Sharma
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AQI And Air Pollution In Delhi-NCR: सुप्रीम कोर्ट ने CAQM को निर्देश दिया कि वह दिल्ली-NCR में GRAP प्रतिबंधों में ढील देते हुए दूसरे चरण का लागू कर दे.

AQI And Air Pollution In Delhi-NCR: दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने AQI यानी वायु गुणवत्ता सूचकांक में सुधार को देखते हुए CAQM यानी वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) चौथे चरण को हटाने का निर्देश दे दिया.

हालांकि, इसके बाद दिल्ली-NCR में GRAP का दूसरा चरण लागू रहेगा. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने GRAP के कारण श्रमिकों को पूर्ण मुआवजा देने में विफल रहने के लिए दिल्ली सरकार को फटकार भी लगाई है.

AQI के 350 पार होने पर लागू होगा GRAP-III

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को AQI में सुधार के मद्देनजर CAQM को निर्देश दिया कि वह दिल्ली-NCR में GRAP प्रतिबंधों में ढील देते हुए दूसरे चरण का लागू कर दे. इस दौरान कोर्ट ने यह भी कहा कि दूसरे चरण में GRAP के तीसरे चरण के तहत लागू किए जाने वाले प्रतिबंधों को जोड़ने पर विचार किया जा सकता है.

जस्टिस अभय एस ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने CAQM से कहा कि अगर AQI 350 को पार करता है, तो GRAP-III जल्द लागू कर दिया जाएगा और जैसे ही यह 400 तक पहुंचता है, तो GRAP-IV लागू किया जाना चाहिए. इस मामले पर अगले सप्ताह फिर से गुरुवार को सुनवाई होगी. भारत की अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी की दलील पर पीठ ने यह निर्देश दिया है. इसके साथ ही पीठ ने दिल्ली के मुख्य सचिव धर्मेंद्र को फटकार लगाई.

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दिल्ली में सभी श्रमिकों को मुआवजा देने का निर्देश

पीठ ने दिल्ली के मुख्य सचिव से सवाल किया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद भी पंजीकृत श्रमिकों को पूरी राशि का भुगतान क्यों नहीं किया है. इस पर उन्होंने 10 दिन का समय मांगा है.

इस पर पीठ ने कहा कि क्या आप यह चाहते हैं कि श्रमिक भूखे मरें. साथ ही पीठ ने कोर्ट के अवमानना ​​का नोटिस भी जारी करने की बात कही. इस दौरान दिल्ली सरकार और दिल्ली के मुख्य सचिव के बीच असहमति भी सामने आ गई.

दरअसल, दिल्ली सरकार की ओर से वकील शादान फरासत ने दलील दी कि श्रमिकों को हर्जाने के रूप में 2 हजार रुपये का भुगतान किया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि मुख्य सचिव पता नहीं क्यों कह रहे हैं कि श्रमिकों को 6 हजार रुपये अधिक मिलेंगे.

मुख्य सचिव ने बाद में कहा कि हम अगले ही दिन पैसे देंगे. हमने तत्काल सहायता के लिए 2 हजार रुपये दिए थे. साथ ही कोर्ट ने कहा कि 90 हजार से अधिक श्रमिक दिल्ली में हैं. उनकी भी पहचान जल्द होनी चाहिए.

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