Al-Qaeda in India: NIA की छापेमारी में बैंकिंग लेनदेन से जुड़ी फाइल्स, मोबाइल फोन और टेरर फंडिंग से जुड़े सबूत बरामद हुए हैं. आगे की जांच जारी है.
Al-Qaeda in India: भारत में बढ़ते आतंकी साजिशों के बीच NIA यानी राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने बहुत बड़ा कदम उठाया है. NIA ने सोमवार (11 नवंबर) को देशभर में कई स्थानों पर बड़े पैमाने पर छापेमारी की है.
इस दौरान भारी मात्रा में बैंकिंग लेनदेन से जुड़ी फाइल्स, मोबाइल फोन और टेरर फंडिंग से जुड़े सबूत बरामद किए है. पूरा मामला आतंकी संगठन अलकायदा से जुड़ा हुआ है.
साल 2023 से जुड़ा है पूरा मामला
दरअसल, न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक NIA ने बांग्लादेश स्थित अलकायदा नेटवर्क के मामले में सोमवार को संदिग्ध व्यक्तियों से जुड़े नौ ठिकानों पर बड़ी छापेमारी की है.
इसमें जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, बिहार, त्रिपुरा और असम स्थित ठिकाने शामिल है. छापेमारी के दौरान बैंकिंग लेनदेन से जुड़ी फाइल्स, मोबाइल फोन समेत डिजिटल उपकरण और टेरर फंडिंग से जुड़े सबूत भारी मात्रा में बरामद किए हैं.
NIA के मुताबिक, जिन संदिग्धों के ठिकानों पर रेड पड़ी है, वह सभी बांग्लादेश स्थित अल-कायदा नेटवर्क से जुड़े हुए हैं और भारत में किसी बड़ी आतंकी साजिश को अंजाम देने की प्लानिंग कर रहे हैं.
इसमें साल 2023 से जुड़ा मामला भी शामिल है. बता दें कि साल 2023 में NIA ने बांग्लादेश स्थित अल-कायदा नेटवर्क से जुड़े हुए कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था.
भारत में आतंकी गतिविधियों का कर रहे प्रचार
NIA ने बताया कि अल-कायदा नेटवर्क से जुड़े आतंकी भारत में आतंकी गतिविधियों का प्रचार कर रहे हैं और देश के भोले-भाले युवकों को बड़े पैमाने पर कट्टरपंथी बनाने की योजना बना रहे हैं.
इसी मामले में चार बांग्लादेशी नागरिकों मोहम्मद सोजिबमियान, मुन्ना खालिद अंसारी उर्फ मुन्ना खान, अजारुल इस्लाम उर्फ जहांगीर, अब्दुल लतीफ उर्फ मोमिनुल अंसारी समेत एक भारतीय नागरिक फरीद को गिरफ्तार किया था.
SATP यानी साउथ एशिया टेररिज्म पोर्टल के मुताबिक बांग्लादेश की धरती का उपयोग धार्मिक चरमपंथियों, इस्लामी आतंकी समूहों और भारत के पूर्वोत्तर में सक्रिय विद्रोहियों की ओर से आतंकी गतिविधियों के लिए तेजी से किया जा रहा है.
इसमें पाकिस्तान की ISI यानी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस का बड़ा हाथ है, जो लंबे समय से उनकी मदद करता आ रहा है.
रेडियोएक्टिव बम बनाने वाला मिला था मटेरियल
SATP के मुताबिक, बांग्लादेश में इस्लामी चरमपंथियों के पास रेडियोएक्टिव मटेरियल्स से बड़े बम बनाने की तकनीकी जानकारी हासिल करने की संभावना जताई गई थी.
दरअसल, साल 2003 में बांग्लादेश की पुलिस उत्तरी गांव पुइया के एक घर 4 आतंकियों को गिरफ्तार किया था. उनके पास से फुटबॉल के आकार का पैकेज भी बरामद किया गया था.
पैकेज पर लिखा था कजाकिस्तान में निर्मित यूरेनियम का कच्चा माल. ढाका स्थित बांग्लादेश परमाणु ऊर्जा आयोग में बाद में पुष्टि करते हुए बताया कि बरामद पैकेट 225 ग्राम वजनी यूरेनियम ऑक्साइड थी.
बता दें कि यूरेनियम ऑक्साइड को बड़े एरिया में रेडिएशन फैलाने में सक्षम हथियार बनाने के लिए किया जाता है. 225 ग्राम यूरेनियम ऑक्साइड बड़े इलाके में रेडिएशन फैलाने के लिए काफी थी. इसी दौरान बांग्लादेश में अलकायदा के आतंकियों की पुष्टि की गई.
यह भी पढ़ें: क्या सच में हुई ट्रंप और पुतिन की फोन पर बात? रूस ने खोला राज, जानें क्या है पूरा मामला
BNP पार्टी की सरकार बनते ही फैला आतंकी नेटवर्क
SATP से मिली जानकारी के मुताबिक, साल 2001 में BNP यानी बांग्लादेश नेशनल पार्टी की जीत के बाद बेगम खालिदा जिया के प्रधानमंत्री बनते ही कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी की ओर से बांग्लादेश में सांप्रदायिक तनाव और इस्लामी चरमपंथी बढ़ गई.
SATP ने बताया कि बेगम खालिदा जिया के दो मंत्रियों को कथित तौर पर ISI से समर्थन प्राप्त था. इसमे टेटर फंडिंग और हथियारों की तस्करी भी शामिल है.
बता दें कि अलकायदा समेत कई अंतरराष्ट्रीय इस्लामी आतंकी समूहों ने बांग्लादेश में कई उग्रवादी कट्टरपंथी संगठनों के साथ गठबंधन करके अपनी पैठ बना ली है.
इनमें से एक है हरकत-उल-जेहादी-ए-इस्लामी, जिसकी स्थापना साल 1992 में ओसामा बिन लादेन ने सीधे तौर पर की थी.
यह भी पढ़ें: Manipur में उग्रवादियों ने पुलिस स्टेशन पर की जमकर फायरिंग; जवानों ने 11 को किया ढेर
Follow Us On: Facebook | X | LinkedIn | YouTube | Instagram