Akhilesh Yadav : समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने शुक्रवार को अयोध्या में प्रशासनिक नियुक्तियों में पिछड़ी जातियों, दलितों और अल्पसंख्यकों के प्रतिनिधित्व में भारी असमानता का आरोप लगाया.
Akhilesh Yadav : समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को अयोध्या में प्रशासनिक नियुक्तियों में पिछड़ी जातियों, दलितों और अल्पसंख्यकों के प्रतिनिधित्व में भारी असमानता को लेकर बड़ा आरोप लगाया है. इस मामले में उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकांउट एक्स पर एक चार्ट साझा करते हुए लिखा कि शासन में भेदभाव के लिए BJP के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा.
पोस्ट में अखिलेश ने क्या लिखा ?
सत्ताधारी विपक्ष पर आरोप लगाते हुए अखिलेश यादव ने अपने पोस्ट में लिखा कि BJP शासन के तहत, पूर्वाग्रह का उलटा अंकगणित प्रचलित है. पीडीए (पिछड़ी जातियों, दलितों और अल्पसंख्यकों का एक संयोजन) की 90 प्रतिशत आबादी होने के बावजूद, अयोध्या की प्रशासनिक नियुक्तियों में उनकी हिस्सेदारी सिर्फ 20 प्रतिशत है. इस बीच, जो समुदाय केवल 10 प्रतिशत हैं, वे 80 प्रतिशत पदों पर हावी हैं. साझा किया गया ग्राफ़ अयोध्या में कुल 13 प्रशासनिक पोस्टिंग दिखाता है, जिनमें से केवल तीन पीडीए समुदायों से हैं. अखिलेश यादव ने पिचडे (पिछड़े), दलित और अल्पसंख्याक (अल्पसंख्यक) समुदायों के राजनीतिक गठबंधन का वर्णन करने के लिए पीडीए शब्द गढ़ा है. उन्होंने अपनी पोस्ट का अंत तीखी टिप्पणी के साथ करते हुए लिखा कि कुछ कहने की जरूरत नहीं है.
मिल्कीपुर विधानसभा सीट से पहले आया बयान
अखिलेश यादव ने यह आलोचना मिल्कीपुर विधानसभा सीट के लिए 5 फरवरी को होने वाले उपचुनाव से पहले आई है. मिल्कीपुर अयोध्या जिले (फैजाबाद संसदीय क्षेत्र) में आता है. SP ने जाति प्रतिनिधित्व और सशक्तिकरण पर तेजी से ध्यान केंद्रित किया है और खुद को BJP के शासन मॉडल के खिलाफ खड़ा किया है. उन्होंने पिछले मौकों पर भी राज्य में प्रशासनिक पोस्टिंग में इसी तरह के पक्षपात का आरोप लगाया है.
सारे अधिकारी BJP के निर्देश पर कर रहे हैं काम
इस मुद्दे पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि डीएम और एसपी लखनऊ के इशारे पर काम कर रहे हैं. जनता निष्पक्ष चुनाव चाहती है और अगर ऐसा हुआ तो SP ऐतिहासिक जीत हासिल करेगी. BJP, पुलिस और अधिकारियों का इस्तेमाल कर चुनाव में धांधली करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने आगे कहा कि चुनावों को प्रभावित करने के लिए अधिकारियों का इस्तेमाल करने की बढ़ती प्रथा की भी आलोचना करते हुए कहा कि यह परंपरा लोकतंत्र के लिए गलत है.
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