Home National उत्तराखंड में साइबर हमले की आशंका पर 22 वेबसाइटें बंद, सुरक्षा को बनेगा डिजास्टर रिकवरी सेंटर

उत्तराखंड में साइबर हमले की आशंका पर 22 वेबसाइटें बंद, सुरक्षा को बनेगा डिजास्टर रिकवरी सेंटर

by Sanjay Kumar Srivastava
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CYBER ATTACK

उत्तराखंड में साइबर हमले की आशंका को देखते हुए 22 वेबसाइटें बंद कर दी गईं. सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (ITDA) ने चेतावनी जारी करते हुए नौ विभागों की वेबसाइट बंद कर दी है. जबकि 13 वेबसाइटें विभागों ने खुद ही बंद कर दी हैं.

DEHRADUN: उत्तराखंड में साइबर हमले की आशंका को देखते हुए 22 वेबसाइटें बंद कर दी गईं. सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (ITDA) ने चेतावनी जारी करते हुए नौ विभागों की वेबसाइट बंद कर दी है.जबकि 13 वेबसाइटें विभागों ने खुद ही बंद कर दी हैं. मालूम हो कि पिछले साल अक्तूबर में साइबर हमला हो गया था, जिसकी वजह से सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी ने सरकारी विभागों की सभी वेबसाइटों को बंद कर दिया था.अब इन सभी 22 वेबसाइटों की कोड़िंग के लिए साइबर विशेषज्ञों की टीम बुलाई गई है. इसके बाद एक-एक कर सिक्योरिटी ऑडिट व अन्य सुरक्षा संबंधी मानक पूरे करने वाली वेबसाइटों को शुरू किया जाएगा.

विशेषज्ञों की टीम करेगी कोडिंग, तभी चलेंगी वेबसाइटें

इसके अलावा 16 वेबसाइट ऐसी थी, जिनकी जरूरत नहीं थी. इस वजह से उन्हें हमेशा के लिए बंद किया गया. अब नौ वेबसाइट ऐसी ट्रेस हुई है जिनके माध्यम से वायरस का खतरा हो रहा है. इन्हें भी ITDA विशेषज्ञों ने बंद कर दिया है. 13 विभागों की वेबसाइट साइबर हमले के बाद से बंद है, जिनकी कोडिंग या सिक्योरिटी सिस्टम संबंधी मानक पूरे नहीं हैं. अब इन 22 वेबसाइटों को दोबारा शुरू करने से पहले ITDA ने आईटीआई लिमिटेड, टीसीआईएल समेत कई सरकारी कंपनियों के विशेषज्ञों को बुलाया है. ये सभी विशेषज्ञ इन बंद पड़ी वेबसाइटों की कोडिंग करेंगे. इसके बाद इनका संचालन शुरू होगा.

उधर, धामी सरकार ने डेटा की सुरक्षा के लिए पहल भी शुरू कर दी है. सरकार प्रदेश की डेटा सुरक्षा के लिए दूसरे भौगोलिक राज्यों में डिजास्टर रिकवरी सेंटर बनाने जा रही है. सचिव आईटी नितेश झा ने बताया कि डीआर सेंटर के लिए केंद्र सरकार ने 21 एजेंसी को सूचीबद्ध किया है. इनमें से जिसकी सेवाएं और खर्च सही होगा, उसे ये काम सौंपा जाएगा. उन्होंने बताया कि डिजास्टर रिकवरी सेंटर बनने के बाद राज्य के डेटा की एक कॉपी वहां भी सुरक्षित होगी.

इसका मकसद ये है कि राज्य में कोई बड़ी आपदा जैसी स्थिति में डेटा सेंटर के क्षतिग्रस्त होने पर तत्काल डीआर से वेबसाइटों का संचालन शुरू किया जा सके. इसी वजह से ये सेंटर किसी दूरस्थ राज्य में बनाया जाता है. जिस डेटा सेंटर पर साइबर हमला हुआ था, वह भविष्य में सॉफ्टवेयर विकसित करने जैसे ट्रायल में काम आएगा. अब आईटी पार्क स्थित सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (ITDA) के बराबर में नई इमारत बनाई जा रही है. यह ITDA का नया डेटा सेंटर होगा जो अत्याधुनिक और ज्यादा सुरक्षित होगा.

ये भी पढ़ेंः भारत में बढ़ रहे साइबर हमलों के लिए कौन जिम्मेदार? क्लाउड रिसोर्सेज को लेकर एक स्टडी ने किया बड़ा खुलासा

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