World camel day 2024: हर साल 22 जून को दुनियाभर में ‘ऊंट दिवस’ मनाया जाता है. इसका उद्देश्य ऊंटों के ऐतिहासिक महत्व और इनकी उपयोगिता को लेकर जागरुकता बढ़ाना होता है.
23 June, 2024
World camel day 2024: बीकानेर में राष्ट्रीय ऊंट अनुसंधान केंद्र ने शनिवार को ‘विश्व ऊंट दिवस’ के अवसर पर ऊंटों से जुड़ी दौड़ और दूसरी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया. समारोह में राजस्थान के विभिन्न हिस्सों से कई ऊंट पालकों ने भाग लिया.
प्रतियोगिता में पहली बार ऊंट गाड़ी
बीकानेर के NRCC निदेशक डॉ. आर.के. सावल ने बताया कि, ‘यहां जो ऊंट दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया उसमें पहली बार ऊंट गाड़ियों को शामिल किया है. ये ऐसी प्रतियोगिता है, जिसमें लोगों को मजा भी आया और ये सीख भी मिली कि गाड़ियों के लिए ऊंटों का कैसे इस्तेमाल किया जाता है औऱ इसकी देखभाल कैसे करते हैं.’
ऊंटों का अनूठा ‘ब्यूटी कॉन्टेस्ट’
ऊंटों के लिए एक ब्यूटी कॉन्टेस्ट भी आयोजित किया गया है, जिसमें शामिल होने के लिए कई ऊंट मालिक ट्रेडिशनल ज्वेलरी से ऊंटों को सजाकर लाए. ऊंट पालक रघुनाथ ने बताया कि, ‘हमने ऊंट को सीपियों, मोतियों और रंगीन धागों से बने कई आभूषणों से सजाया है. चांदी के आभूषण हमारे लिए बहुत महंगे हैं. ऊंट को सजाने में लगभग एक घंटा लगा.
प्रतियोगिता से मिला खूब मनोरंजन
जर्मन पर्यटक पेट्रा ने बताया कि, ‘यह पहली बार है जब मैंने यहां ऊंट की दौड़ देखी. इससे पहले कभी नहीं देखी.’ जब उनसे पूछा गया कि क्या आप यहां आनंद ले रहे हैं? तो उन्होंने कहा, हाँ, यह हास्यास्पद था क्योंकि यह सऊदी अरब या ओमान या अमीरात की तरह पैसे या लाभ के लिए नहीं है, यह केवल मनोरंजन के लिए है.’
ऊंट माने जाते हैं रेगिस्तान का जहाज
दुनिया भर के रेगिस्तानी इलाकों में ऊंट का उपयोग परिवहन के लिए किया जाता है. गर्म रेगिस्तान में ऊंट 4 Km प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकता है. ऊंट 15 दिनों तक बिना पानी पिए जीवित रह सकता है. दरअसल, ऊंट के कूबड़ में करीब 800 पाउंड तक वसायुक्त ऊतक होते हैं. वे अपने कूबड़ में वसा को इक्ट्ठा करते रहते हैं जिससे उन्हें बिना पानी पिए जीवित रहने में मदद मिलती है. वहीं रेगिस्तान एक गर्म और पानी की कमी वाली जगह है इसलिए ऊंट को रेगिस्तान का जहाज कहा जाता है.
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