Nepal Political Crisis: मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हिंसा तब भड़क उठी जब प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा घेरा तोड़कर पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी.
Nepal Political Crisis: नेपाल की राजधानी काठमांडू में शुक्रवार को राजशाही समर्थकों और सुरक्षाबलों के बीच हिंसक झड़पें हुईं. स्थिति बिगड़ने के बाद प्रशासन ने तिनकुने, सिनामंगल और कोटेश्वर इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया है. इसके अलावा, त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को आज रात 10 बजे तक के लिए बंद कर दिया गया है.
प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हिंसा तब भड़क उठी जब प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा घेरा तोड़कर पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी. इसके जवाब में सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले दागे और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने एक बिजनेस कॉम्प्लेक्स, शॉपिंग मॉल, एक राजनीतिक दल के मुख्यालय और एक मीडिया हाउस की इमारत में आग लगा दी.
इस हिंसक झड़प में 12 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जबकि कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है. राजधानी में हालात को देखते हुए सुरक्षा बलों की भारी तैनाती कर दी गई है.
हजारों राजशाही समर्थकों की सड़कों पर रैली
शुक्रवार को हुए इस प्रदर्शन में हजारों की संख्या में राजशाही समर्थक सड़कों पर उतर आए. इस प्रदर्शन का नेतृत्व मुख्य रूप से राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी और अन्य राजशाही समर्थक संगठनों ने किया. प्रदर्शनकारियों ने नेपाल का राष्ट्रीय झंडा लहराते हुए पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह की तस्वीरें थाम रखी थीं. वे “राजा आओ, देश बचाओ” और “हमें राजशाही वापस चाहिए” जैसे नारे लगा रहे थे. काठमांडू में बढ़ते तनाव को देखते हुए प्रशासन ने विशेष सुरक्षा बलों को तैनात किया है.
नेपाल में राजशाही की बहाली की बढ़ती मांग
नेपाल ने 2008 में एक संसदीय घोषणा के तहत अपनी 240 साल पुरानी राजशाही समाप्त कर देश को संघीय, लोकतांत्रिक गणराज्य में बदल दिया था. हालांकि, हाल के महीनों में राजशाही की बहाली की मांग जोर पकड़ रही है. पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह ने 19 फरवरी को लोकतंत्र दिवस के मौके पर एक वीडियो संदेश जारी कर जनता से समर्थन की अपील की थी. इसके बाद से ही नेपाल में राजशाही समर्थकों के प्रदर्शनों में तेजी आ गई है.
नेपाल सरकार का कर्फ्यू आदेश
नेपाल सरकार के गृह मंत्रालय और जिला प्रशासन कार्यालय, काठमांडू ने हालात को देखते हुए कई इलाकों में कर्फ्यू लागू कर दिया है। 3:25 PM से रात 10:00 PM तक कर्फ्यू की टाइमिंग रहेगी. गौशाला से त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, मैत्रीधारा, तिनकुने, कोटेश्वर कोटेश्वर से जडिबुटी पुल और बालकुमारी पुल बानेश्वर चौराहे से शंखमुल पुल, गौशाला चौराहे से नया बानेश्वर चौक इन क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा रहेगा. इस दौरान कर्फ्यू क्षेत्र में किसी भी प्रकार की सभा, जुलूस, प्रदर्शन, धरना और आवाजाही पर सख्त पाबंदी रहेगी।
सुरक्षा कड़ी, नेपाली सेना तैनात
झड़पों के बाद काठमांडू की सड़कों पर नेपाली सेना को तैनात कर दिया गया है। प्रशासन और सुरक्षाबल हालात को नियंत्रित करने में जुटे हैं, लेकिन प्रदर्शनकारियों की बढ़ती संख्या से तनाव बरकरार है।
पूर्व राजा ज्ञानेंद्र का बढ़ता जन समर्थन
इस महीने की शुरुआत में जब पूर्व राजा ज्ञानेंद्र धार्मिक यात्रा से लौटे, तो त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हजारों समर्थकों ने उनका भव्य स्वागत किया था. प्रदर्शनकारियों ने “राजा वापस आओ, देश बचाओ” और “हमें राजशाही चाहिए” जैसे नारे लगाए. कुछ समर्थकों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीरें भी ज्ञानेंद्र शाह के साथ प्रदर्शित कीं, जिससे नेपाल में हिंदू राष्ट्र की मांग को और अधिक बल मिल रहा है.
ये भी पढ़ें..‘भारत हर संभव मदद को तैयार’, म्यांमार और थाईलैंड के भूकंप पर पीएम मोदी का रिएक्शन