Home International मारकाट से दहला पाकिस्तान! खूबसूरत घाटी में बिछ गई 70 से ज्यादा लाशें, जानें क्यों भड़की हिंसा

मारकाट से दहला पाकिस्तान! खूबसूरत घाटी में बिछ गई 70 से ज्यादा लाशें, जानें क्यों भड़की हिंसा

by Divyansh Sharma
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Violence in Kurram Khyber Pakhtunkhwa Pakistan: हिंसा के बाद खैबर पख्तूनख्वा आदिवासी बहुल कुर्रम जिले में पिछले तीन दिनों के दौरान 70 से ज्यादा लाशें बिछ गई.

Violence in Kurram Khyber Pakhtunkhwa Pakistan: पाकिस्तान के अशांत खैबर पख्तूनख्वा में सांप्रदायिक तनाव ने हिंसा का रूप ले लिया.

हिंसा के बाद खैबर पख्तूनख्वा के आदिवासी बहुल कुर्रम जिले में पिछले तीन दिनों के दौरान 70 से ज्यादा लाशें बिछ गई. अब इस हिंसा के बाद युद्धरत जनजातियों के बीच सात दिन के लिए युद्ध विराम पर सहमती बन गई है.

प्रांतीय सरकार के प्रतिनिधिमंडल और शिया और सुन्नी दोनों समुदायों के बुजुर्गों के बीच बैठकों के बाद यह फैसला लिया गया है.

Violence in Kurram Khyber Pakhtunkhwa Pakistan 72 people killed latest update

हमलों में कम से कम 72 लोगों की मौत

दरअसल, अफगानिस्तान की सीमा से लगे कुर्रम जिले के ओचट इलाके में पाराचिनार से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर जा रही तीन गाड़ियों पर बंदूकधारियों ने घात लगाकर हमला किया. इस हमले में 42 लोगों की हत्या हो गई थी.

काफिले पर हुए इस हमले की जिम्मेदारी अभी तक किसी ने नहीं ली है. इसके बाद भी शिया और सुन्नी दोनों समुदायों के बीच हिंसा भड़क गई.

पाकिस्तानी न्यूज चैनल के मुताबिक रविवार को इस हिंसा ने उग्र रूप ले लिया और नतीजन 12 लोग मारे गए. ऐसे में पिछले तीन दिनों के दौरान हुए घातक हमलों में कम से कम 72 लोगों की मौत हो गई.

इस हिंसा को खत्म करने के लिए प्रांतीय सरकार उच्चस्तरीय आयोग का गठन किया गया था. आयोग के प्रतिनिधिमंडल और शिया और सुन्नी दोनों समुदायों के बुजुर्गों के बीच बैठक की गई. बैठक में शिया और सुन्नी के बीच जारी हिंसा को सात दिन तक रोकने पर सहमति बनी है.

जुलाई में हुई थी ताजा हिंसा की शुरुआत

बता दें कि आदिवासी जिले में शिया और सुन्नी जनजातियों के बीच ताजा झड़प की शुरुआत जुलाई के अंत में 46 लोगों की जान जाने के बाद हुई थी. जुलाई में हुई हिंसा को लेकर 2 अगस्त को अंतर-जनजातीय युद्धविराम के समझौत पर साइन भी किया गया, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ.

इसके बाद फिर हिंसा भड़क गई. सितंबर के अंत में हुए हमले में 25 लोग मारे गए और इसके बाद 12 अक्टूबर को एक काफिले पर हुए हमले में कम से कम 15 लोग मारे गए थे.

बता दें कि खैबर पख्तूनख्वा का कुर्रम एक पाकिस्तान का पहाड़ी इलाका है, जो बेहद खूबसूरत है. उत्तर-पश्चिमी प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में अफगानिस्तान के साथ एक लंबी सीमा कुर्रम से लगी हुई है, जिसे डूरंड लाइन कहा जाता है. सुन्नी बहुल इस इलाके में शिया मुसलमानों की संख्या लगभग 15 प्रतिशत है.

साथ ही यह इलाका पूरी तरह से आतंकी संगठनों का गढ़ बन चुका है. TTP यानी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड सीरिया के आतंकी इस इलाके में सबसे ज्यादा सक्रिय हैं. दोनों ही आतंकी संगठन कट्टर शिया विरोधी हैं.

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पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच भी विवाद

वहीं दोनों ही समुदायों के बीच जमीनी विवादों को लेकर हिंसक झड़प होती ही रहती है. इन जमीनी विवादों का फायदा आतंकियों मिलता है. झड़प के अलावा आतंकियों के हमले में बड़ी संख्या में आम नागरिकों की भी जान चली जाती है.

खैबर पख्तूनख्वा को लेकर पाकिस्तान और अफगानिस्तान बीच भी लंबे समय से विवाद देखने को मिलता है. बॉर्डर एरिया को लेकर अफगानिस्तान का दावा है कि खैबर पख्तूनख्वा उसका इलाका है. वहीं, पाकिस्तान की सेना ने बाउंड्री लाइन मानते हुए कांटेदार तार से फेंसिंग की है.

हिंसा के कारण पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच की सीमा को भी बंद कर दिया जाता है, जिससे स्थानीय निवासियों को परेशानी होती है. सीमा बंद होने के कारण खाना, अनाज दवाओं, पेट्रोल और डीजल की भी भारी कमी देखने को मिलती है.

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