Donald Trump News : ट्रंप प्रशासन ने 20 जनवरी को आदेश दिया था कि 90 दिवसीय कार्यक्रमों की समीक्षा की जाएगी और उसके बाद तय किया जाएगा कि कौन-सी योजना विदेशी सहायता के लिए महत्वपूर्ण है और कौन सी योग्य नहीं.
Donald Trump News : अमेरिकी सत्ता पर काबिज होने के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक के बाद एक ताबड़तोड़ फैसले ले रहे हैं. ट्रंप प्रशासन ने बुधवार को बताया कि अंतरराष्ट्रीय विकास के लिए अमेरिकी एजेंसी के 90 प्रतिशत विदेशी सहायता अनुबंधों और दुनिया भर में कुल 60 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता को समाप्त करने का फैसला किया गया है. इसके अलावा डोनाल्ड ट्रंप ने यूरोपीय संघ से आयात होने वाली वस्तुओं पर भी 25 फीसदी टैरिफ लगाने का एलान कर दिया है और इससे अब यूरोप में पहली बार खलबली का माहौल बना गया है.
सहायता से ट्रंप प्रशासन पीछे हटा
एसोसिएटेड प्रेस में ज्ञापन और संघीय मुकदमों से एक दस्तावेजों में अपनी योजनाओं की रूपरेखा प्रस्तुत की है जिसमें खुलासा हुआ है कि ट्रंप प्रशासन का विदेशों में विकास के लिए सहायता देने से पीछे हटने का साफ पता चलता है. यह संस्था दशकों से अमेरिका में काम कर रही है और इसके माध्यम से अन्य देशों की अर्थव्यवस्था को स्थिर करके और गठबंधन बनाकर अमेरिकी हितों की मदद करती है. बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप और उनके सहयोगी एलन मस्क ने संघीय सरकार में कटौती तेजी से की जा रही है और इसी कड़ी में USAID पर भी चाबुक चलाया जा रहा है. दोनों नेताओं का कहना है कि USAID उदारवादी एजेंडे पर काम करती है और इससे देश को आर्थिक रूप से बहुत नुकसान होता है.
डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ही दी थी चेतावनी
ट्रंप प्रशासन ने 20 जनवरी को आदेश दिया था कि 90 दिवसीय कार्यक्रमों की समीक्षा की जाएगी और उसके बाद तय किया जाएगा कि कौन-सी योजना विदेशी सहायता के लिए महत्वपूर्ण है और कौन सी योग्य नहीं है. इसके बाद लगातार सभी विदेशी सहायताओं पर चाबुक चलाया जा रहा है. फंडिंग फ्रीज करने के बाद विदेशी सहायता वाले कई सारे कार्यक्रमों को रोक दिया गया है. क्योंकि ट्रंप प्रशासन और मस्क के नेतृत्व वाले DOGE लगातार विभाग के कर्मचारियों को जबरन छुट्टी और बर्खास्तगी कर रहा है. इसी बीच खबर सामने आ रही है कि USAID के जिन कर्मचारियों को जबरन निकाला और छुट्टी दी गई वह डोनाल्ड के खिलाफ लगातार सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
यह भी पढ़ें- ‘जिसकी जितनी संख्या, उसकी उतनी हिस्सेदारी’, क्या नीतीश ने चुनाव से पहले चला दिया ब्रह्मास्त्र?