Home International सीरिया के सहारे ईरान को सबक सिखाने चला US, जानें क्यों चुपचाप इराक पहुंचे अमेरिकी विदेश मंत्री

सीरिया के सहारे ईरान को सबक सिखाने चला US, जानें क्यों चुपचाप इराक पहुंचे अमेरिकी विदेश मंत्री

by Divyansh Sharma
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Syrian Civil War Iran US Foreign Minister Antony Blinken Iraq visit

Syrian Civil War: सीरिया में बशर अल-असद की सरकार के पतन के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चुपचाप अपने विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को इराक भेज दिया.

Syrian Civil War: सीरिया में बशर अल-असद की सरकार के पतन के बाद से अमेरिका काफी परेशान है. अब इस परेशानी का समाधान करने के लिए जो बाइडेन ने चुपचाप अपने विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को इराक भेज दिया. दरअसल, कमांडर मोहम्मद अल-जोलानी के नेतृत्व में विद्रोही गुट HTS यानी हयात तहरीर अल-शाम का सीरिया के बड़े हिस्से पर कब्जा हो गया है. ऐसे में अमेरिका विद्रोहियों से संपर्क स्थापित करने की कोशिश कर रहा है और ईरान को सबक सिखाने की कोशिश कर रहा है.

इराक के पीएम से सीरिया पर की चर्चा

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन शुक्रवार को इराक की अघोषित यात्रा की. इस दौरान उन्होंने इराक के प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी से मुलाकात की और पड़ोसी देश सीरिया के भविष्य पर लंबी बातचीत की. न्यूज एजेंस रॉयटर्स ने अमेरिकी विदेश विभाग के हवाले से बताया कि इराक की राजधानी बगदाद में एंटनी ब्लिंकन अमेरिका-इराक रणनीतिक साझेदारी और इराक की सुरक्षा, स्थिरता और संप्रभुता के प्रति अमेरिकी प्रतिबद्धता पर बातचीत करेंगे.

इसके साथ ही वह सीरिया में सभी समुदायों के साथ जुड़ाव के लिए अमेरिका के समर्थन पर भी चर्चा की. बताया जा रहा है कि बशर अल-असद की सरकार गिरने से जो बाइडेन प्रशासन परेशान है और वह विद्रोही गुट से बात करने के लिए रास्ते खोज रहा है. बता दें कि अमेरिका आग्रह कर रहा है कि सीरिया में विजयी विद्रोही गुट एक ऐसी सरकार बनाए, जो ईरान के इस्लामवादी गुटों से दूर रहे और जिसमें सीरिया के अल्पसंख्यकों को भी शामिल किया जाए.

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ईरान के प्रभाव को कम करने पर तुला अमेरिका

इसके लिए अमेरिका इराक की सहायता ले रहा है. दरअसल, सीरिया समेत मीडिल- ईस्ट में ईरान का प्रभाव बहुत ज्यादा है. ऐसे में मिडिल ईस्ट में ईरान के प्रभाव को कम करने के लिए इराक बेहतर खिलाड़ी है. इराक का नेतृत्व ज्यादातर शिया राजनीतिक दलों और ईरान के करीबी सशस्त्र समूहों के गठबंधन करते हैं. ऐसे में इराक सीरिया और अमेरिका के लिए जरूरी बन गया है. वहीं, इराक ने सीरिया में शिया मिलिशिया को सुन्नी विद्रोहियों के खिलाफ कोई भी कदम नहीं उठाने का निर्देश दिया था.

बता दें कि साल 2003 में अमेरिका के हमले के बाद जारों सुन्नी लड़ाके सीरिया से इराक में घुस आए और कई सालों तक सांप्रदायिक हत्याओं को बढ़ावा दिया. बाद में यही गुट ISIS यानी इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया बनकर देश के एक तिहाई हिस्से पर कब्जा कर लिया. दूसरी ओर, सीरिया में HTS ने ISIS को कुचल दिया है. ऐसे अमेरिका इराक के जरिए ईरान के प्रभाव को कम और सीरिया में संबंध बेहतर करने की कोशिश कर रहा है.

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