South Korea Martial Law: मार्शल लॉ की घोषणा के बाद से एशिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था दक्षिण कोरिया में राजनीतिक संकट पैदा हो गया.
South Korea Martial Law: दक्षिण कोरिया में इस वक्त हालात बहुत तनावपूर्ण हैं. दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सूक येओल ने 3 दिसंबर को देश में मार्शल लॉ लगाने का फैसला 6 घंटे बाद ही वापस ले लिया. मार्शल लॉ की घोषणा के बाद से एशिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था दक्षिण कोरिया में राजनीतिक संकट पैदा हो गया.
मार्शल लॉ की घोषणा के तुरंत बाद ही सशस्त्र सैनिकों ने नेशनल असेंबली भवन को अपने कब्जे में लिया. वहीं अब मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी ने राष्ट्रपति यूं सूक येओल से इस्तीफा देने या महाभियोग का सामना करने की चुनौती दी है. इससे लोगों में भय का माहौल देखने को मिला.
तानाशाह किम जोंग उन पर भी बोला बड़ा हमला
दरअसल, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सूक येओल ने मंगलवार देर रात एक भाषण में बिना किसी चेतावनी के मार्शल लॉ का आदेश दे दिया. इस दौरान उन्होंने राज्य विरोधी ताकतों को खत्म करने की भी कसम खाई थी. उन्होंने जोर देकर कहा कि मुख्य विपक्षी दल नॉर्थ कोरिया का समर्थन कर रहे हैं और यह ताकतें विद्रोह की साजिश रच रही हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि नॉर्थ कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन की परमाणु धमकियों से साउथ कोरिया को बचाने के लिए सख्त रुख अपनाना ही एकमात्र रास्ता है. हालांकि, इस दौरान उन्होंने को सबूत नहीं दिया.
बता दें कि 80 के दशक में दक्षिण कोरिया के कई नेता राजनीतिक विरोधियों को नियंत्रित करने के लिए बार-बार नॉर्थ कोरिया का सहारा लेते थे. ऐसे में साल 1980 के बाद यह पहली बार है कि साउथ कोरिया में मार्शल लॉ लागू किया गया हो.
हालांकि, इस बार विपक्ष के प्रभुत्व वाली संसद ने मार्शल लॉ के फैसले को पलट दिया. बता दें कि राष्ट्रपति यूं सूक येओल की पार्टी 300 सदस्यीय विधायिका में 108 सीटों पर नियंत्रण रखती है. ऐसे में उनके फैसले को पलट दिया गया.
South Korean opposition parties and unions are calling on President Yoon Seok-yeol to resign immediately, or parliament will launch impeachment proceedings today
— S p r i n t e r (@SprinterFamily) December 4, 2024
South Korea's Democratic Party (DP) said it would bring treason charges against Yun Seok-yeol and the defense and… pic.twitter.com/zQH0T1ijre
आरोपों-रेटिंग में पिछड़ने से डरे राष्ट्रपति यूं सूक येओल
वहीं, विपक्ष के नेताओं ने राष्ट्रपति यूं सूक येओल के इस कदम को अलोकतांत्रिक बताया. बता दें कि विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता ली जे-म्यांग साल 2022 के राष्ट्रपति चुनाव में यूं सूक येओल से मामूली अंतर से हार गए थे. उन्होंने भी मार्शल लॉ को अवैध और असंवैधानिक बताया.
साथ ही यूं सूक येओल की ही पार्टी यानी पीपुल पावर पार्टी के के नेता हान डोंग-हून ने भी विरोध किया. साल 2022 में यूं सूक येओल के सत्ता संभालने के बाद से उन्हें विपक्ष की ओर से नियंत्रित संसद में अपनी नीतियों को पास कराने में बहुत कम सफलता मिली है.
वहीं, दावा किया जा रहा है कि साल 2027 में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता ली जे-म्यांग राष्ट्रपति पद के लिए सबसे ज्यादा पसंदीदा उम्मीदवार हैं. इन सब के अलावा राष्ट्रपति यूं सूक येओल और उनकी पत्नी किम कियोन-ही पर गंभीर आरोप लगे हैं.
ऐसे में यूं सूक येओल के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर उनकी रेटिंग को बहुत नुकसान पहुंचा है. देश में उनकी समर्थन रेटिंग 20 फीसदी के आसपास है, जो सबसे कम है.
वहीं, 1950-1953 के कोरियाई युद्ध के बाद दक्षिण कोरिया में लगभग 28,500 अमेरिकी सैनिक भी मौजूद हैं.
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टैंकों-बख्तरबंद वाहनों का किया जाता है इस्तेमाल
दावा किया जा रहा है कि इन्हीं कारणों से मार्शल लॉ को लागू करना पड़ा. बता दें कि साल 1987 में साउथ कोरिया लोकतांत्रिक देश बना था. ऐसे में मार्शल लॉ लागू कर सेना के जवानों को विपक्ष और नागरिक मामलों हस्तक्षेप बेहद संवेदनशील माना जा रहा है.
साल 1950-53 के कोरियाई युद्ध के बाद साउथ कोरिया में तानाशाही शासन देखने को मिला था. इस दौरान कई बार मार्शल लॉ की घोषणा की गई, जिससे सरकार विरोधी प्रदर्शनों को रोकने के लिए लड़ाकू सैनिकों, टैंकों और बख्तरबंद वाहनों को तैनात करने की अनुमति मिल गई.
तानाशाह पार्क चुंग-ही ने साल 1979 में अपने जासूस प्रमुख के हाथों मारे जाने से पहले लगभग 20 सालों तक साउथ कोरिया पर शासन किया और विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए कई बार मार्शल लॉ की घोषणा की.
तानाशाह पार्क चुंग-ही की मौत के दो महीने बाद ही मेजर जनरल चुन डू-ह्वान ने देश के दूसरे तख्तापलट में टैंकों और सैनिकों का इस्तेमाल किया. इसमें करीब 2 सौ लोग मारे गए थे. इसके बाद साल 1987 में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों ने राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव कराने पर मजबूर कर दिया.
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