Russia-Ukraine War: माना जा रहा है कि यूरोपीय देश यूक्रेन के लिए खुलकर सामने आ गए हैं और अमेरिका की बादशाहत खत्म भी हो सकती है.
Russia-Ukraine War: व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के साथ शुक्रवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के बीच हुई तीखी झड़प ने पूरे यूरोप को बदलने पर मजबूर कर दिया. अब यूरोपीय देशों ने रूस को सबक सिखाने का प्रण लिया है. साथ ही ब्रिटेन और यूरोपीय नेताओं ने यूक्रेन शांति योजना का मसौदा तैयार किया है, जिसे अमेरिका को पेश किया जाएगा. ऐसे में माना जा रहा है कि यूरोपीय देश यूक्रेन के लिए खुलकर सामने आ गए हैं और अमेरिका की बादशाहत खत्म भी हो सकती है.
हवाई और समुद्री हमलों को रोकने पर जोर
दरअसल, रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म कराने के लिए एक दिन पहले ब्रिटेन में डिफेंस समिट का आयोजन किया गया. इसमें 15 देशों के राष्ट्राध्यक्ष, तुर्की के विदेश मंत्री, NATO के महासचिव, यूरोपीय संघ और यूरोपीय काउंसिल के प्रेसिडेंट शामिल हुए थे. इस बैठक के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने कहा कि यूरोपीय नेताओं ने यूक्रेन शांति योजना तैयार करने पर सहमति व्यक्त की है, जिसे अमेरिका के सामने रखा जाएगा.
यूरोपीय नेताओं ने सहमति भी जताई कि उन्हें अपनी रक्षा पर अधिक खर्च करना चाहिए, ताकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दिखाया जा सके कि यूरोप अपनी रक्षा स्वयं कर सकता है. ऐसे में कीर स्टारमर ने कहा कि यह और अधिक बातचीत का समय नहीं है. यह काम करने, आगे आने, एकजुट होने और नेतृत्व करने का समय है. बता दें कि नेताओं ने अपनी योजना का ब्यौरा नहीं दिया.
हालांकि, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने एक न्यूज पेपर को बताया कि इस योजना में एक महीने का युद्ध विराम शामिल होगा, जो हवाई और समुद्री हमलों पर लागू होगा, लेकिन जमीनी लड़ाई पर नहीं. ठोस शांति समझौता होने पर यूरोपीय सैनिकों को तैनात किया जाएगा. वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने साफ कर दिया है कि वह यूक्रेन शांति समझौते के तहत रूस को कोई भी क्षेत्र नहीं देगा. वह अमेरिका के साथ खनिज समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार है.
यह भी पढ़ें: ट्रंप ने दुत्कारा, यूरोपीय नेताओं ने दुलारा, डिफेंस समिट में तय होगा रूस-यूक्रेन युद्ध का भविष्य
पोलैंड के प्रधानमंत्री ने दिखाई ताकत
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप और वोलोडिमिर जेलेंस्की की नोकझोंक के बाद यूरोपीय देशों में डर है कि अमेरिका यूक्रेन से समर्थन वापस ले सकता है और रूस के साथ बातचीत के जरिए बनाई गई शांति योजना को लागू कर सकता है. ऐसे में यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि हमें रक्षा निवेश को बढ़ाना ही होगा. उन्होंने यह भी कहा कि पूरे यूरोप को यूक्रेन को एक ऐसे स्टील में बदल देना चाहिए, जो आक्रमणकारियों के लिए पचने लायक न हो.
पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने कहा कि यह बड़ा अजीब है कि 50 करोड़ यूरोप की जनता 30 करोड़ अमेरिकियों से गुहार लगा रही है कि वह 14 करोड़ रशियन से उनकी रक्षा करें. पोलिश प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि यूरोप साहस की कमी से ग्रस्त है. उन्होंने जोर देकर कहा कि यूक्रेन के साथ यूरोपीय देशों की सेना में 26 लाख, अमेरिका के पास 13 लाख, चीन के पास 20 लाख और रूस के पास 11 लाख सैनिक हैं. ऐसे में यूरोप के पास बढ़त हासिल है.
उन्होंने कहा कि यही बात लड़ाकू विमानों पर भी लागू होती है. यूक्रेन के साथ यूरोप के पास 2,091, अमेरिका के पास 1,456, चीन के पास 1,409 और रूस के पास 1,224 लड़ाकू विमान हैं. पोलिश प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि पूरे यूरोप के पास यूक्रेन के साथ रूस के मुकाबले दोगुने लड़ाकू विमान हैं. उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन के साथ यूरोप के पास 14,400 तोपखाने, अमेरिका के पास 5,000, चीन के पास 9,500 और रूस के पास 5,157 तोपखाने हैं.
यह भी पढ़ें: अगर US ने छोड़ा यूक्रेन का साथ, तो क्या रूस से टकरा पाएगा यूरोप, कौन पड़ेगा किस पर भारी?
Follow Us On: Facebook | X | LinkedIn | YouTube | Instagram