Russia-Ukraine War: डोनाल्ड ट्रंप के पदभार ग्रहण से दो महीने पहले जो बाइडेन ने यूक्रेन को रूस के अंदर लंबी दूरी की मिसाइलों के उपयोग की अनुमति दे दी है.
Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 2 साल से जारी युद्ध अब भीषण हो सकता है. दरअसल, अमेरिका ने नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पदभार ग्रहण से दो महीने पहले जो बाइडेन प्रशासन ने यूक्रेन को रूस के अंदर लंबी दूरी की मिसाइलों के उपयोग की अनुमति दे दी है.
अमेरिकी मीडिया ने सूत्रों के हवाले से इस बात की जानकारी दी है. खुद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने भी इस मामले पर बड़ी प्रतिक्रिया दी. अब इस अनुमति के बाद कैसे हालात बदल सकते हैं, यह जानना बहुत जरूरी हो गया है.
युद्ध में यूक्रेन ने बार-बार लगाई गुहार
बता दें कि लंबी दूरी के यूक्रेनी हमलों से रूस का गंभीर नुकसान हो सकता है. इस बीच न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने विश्लेषकों के हवाले से दावा है कि यह निर्णय बहुत देर से लिया गया है. उनका दावा है कि युद्ध के मैदान में यूक्रेन बहुत पीछे हैं.
अमेरिका के वाशिंगटन स्थित कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के सीनियर फेलो माइकल कोफमैन ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि यूक्रेन को रूस के अंदर लंबी दूरी की मिसाइलों के उपयोग की अनुमति बहुत देर से मिली है.
उन्होंने दावा किया कि लंबी दूरी के हमले हमेशा से ही पहेली का एक हिस्सा रहे हैं. इसी वजह से इस युद्ध में भी इन मिसाइलों से इसी तरह की अपेक्षा की गई थी.
बता दें कि यूक्रेन इसके लिए युद्ध शुरू होने के बाद से ही गुहार लगाता रहा है. यूक्रेन ने बार-बार कहा है कि रूसी फाटर जेट्स और हमलों को रोकने में उसकी बहुत बड़ी असमर्थता है.
हमलों से बचने के लिए रूस ने की बड़ी तैयारी
वहीं, रूस ने सीधी चेतावनी दी है कि अगर उस पर लंबी दूरी की मिसाइलों से हमला किया जाता है, तो वह ऐसा हमला करेगा कि यूक्रेन देश नक्शे भी खत्म हो जाएगा. साथ ही NATO देशों के खिलाफ वह कड़े हमले कर सकता है.
रूस दावा करता है कि यूक्रेन NATO देशों की सीधी मदद के बिना रूस के अंदर मिसाइलों को दाग नहीं सकता है. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार आने वाले दिनों में यूक्रेन ATACMS मिसाइल से अपना पहला बड़ा हमला कर सकता है. ATACMS की मारक क्षमता 190 मील यानी 306 किमी तक है.
ऐसे में रूस पूरी तरह से तैयार है. रूस की सेना ने अपने मिसाइलों और अन्य युद्ध के हथियारों को पहले ही पश्चिमी देशों के लंबी दूरी की हथियारों की पहुंच से बाहर कर दिया है. हालांकि, इससे यूक्रेन को कुर्स्क रीजन में बड़ी मदद मिल सकती है.
यह भी पढ़ें: Pakistan में अजीबोगरीब फतवा! VPN को बताया गैर इस्लामी, जगहंसाई होने पर लाउडस्पीकर से की तुलना
नॉर्थ कोरियाई सैनिकों को भी किया तैनात
वहीं, रूस ने कुर्स्क रीजन को वापस पाने के लिए 50 हजार सैनिकों को इकट्ठा किया है. साथ ही रूस ने 11 हजार नॉर्थ कोरियाई सैनिकों को भी तैनात किया. रूस ने न तो कोरियाई सैनिकों की तैनाती की पुष्टि की है और न ही इन्कार किया है.
इन सबके अलावा फ्रांस और ब्रिटेन ने अमेरिका की तरह स्टॉर्म शैडो/SCALP क्रूज मिसाइलों का उपयोग करने की अनुमति देने पर कोई टिप्पणी नहीं की है. स्टॉर्म शैडो/SCALP क्रूज मिसाइलों की मारक क्षमता 155 मील यानी 250 किमी है.
हालांकि, इतने दिनों में रूस ने क्रूज मिसाइलों का भी तोड़ निकाल चुका है. हालांकि, रूस इन मिसाइलों के बदले में कितना बड़ा हमला करेगा यह कहना मुश्किल है. ऐसे में इन विश्लेषकों का दावा है कि लंबी दूरी की मिसाइलों के उपयोग अब इस युद्ध में कोई बड़ी भूमिका नहीं निभा सकते हैं.
यह भी पढ़ें: तीसरे विश्व युद्ध का काउंटडाउन शुरू? यूक्रेन को US ने दी खुली छूट, रूस बोला- जल्द कर देंगे खत्म
Follow Us On: Facebook | X | LinkedIn | YouTube | Instagram