Russia-Ukaine War : यूरोपीय देशों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रस्ताव पेश किया और इस युद्ध में रूस को दोषी ठहराने की बात कही गई. लेकिन अमेरिका ने इसके खिलाफ जाकर रूस का समर्थन किया.
Russia-Ukaine War : रूस-यूक्रेन युद्धे को खत्म करने के लिए अमेरिका हर स्तर पर कोशिश कर रहा है और यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की पर दबाव बना रहा है कि वह युद्ध को समाप्त करने वाले समझौते पर पहुंचे. इसी बीच संयुक्त राज्य अमेरिका ने तीन साल से जारी युद्ध को समाप्त करने की मांग को लेकर संयुक्त राष्ट्र में पेश करने के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया. जिसमें बताया गया है कि इस प्रस्ताव के मुताबिक अमेरिका यूक्रेन पर आक्रमण करने के लिए रूस को दोषी ठहराने से इंकार कर दिया है. इसी बीच अमेरिका के साथ यूरोप के संबधों में भी मतभेद देखे गए हैं क्योंकि यूरोपीय देशों का मानना था कि युद्ध को समाप्त किया जाना चाहिए लेकिन यूक्रेन को किसी भी हालत में अकेला नहीं छोड़ा जाए.
रूस को दोषी ठहराने की कोशिश
वहीं, यूरोपीय देशों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रस्ताव पेश किया और इस युद्ध में रूस को दोषी ठहराने की बात कही गई. इस प्रस्ताव पर अमेरिका ने यूरोपीय देशों के खिलाफ जाकर रूस के समर्थन में वोट किया है. इसके बाद अमेरिका ने प्रस्ताव पर वोटिंग से परहेज किया, क्योंकि मामला यह है कि फ्रांस के समर्थन वाले प्रस्ताव में कुछ फेरबदल के बाद एक बार फिर प्रस्ताव पेश किया गया ताकि रूस को युद्ध में दोषी ठहराया जा सके. यह मतदान उस वक्त हो रहा था जब डोनाल्ड ट्रंप वाशिंगटन में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ बैठक कर रहे थे. हालांकि, इस प्रस्ताव के परित होने से कोई भी देश कानूनी रूप से बाध्यकारी साबित नहीं होगा लेकिन 193 सदस्यों वाले मंच पर ट्रंप प्रशासन के लिए बड़ा झटका था क्योंकि विश्व की राय में यह बैरोमीटर के रूप में देखा जाता है.
यूक्रेन के समर्थन में कम हुई वोटिंग
दूसरी तरफ सबसे शक्तिशाली संस्था संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में यूरोप ने अपने मूल मसौदे के लिए अपने पक्ष में मतदान के लिए दबाव डालने की कोशिश की. सोमवार को हुए पहले मतदान में यूक्रेनी प्रस्ताव को 93-18 से मंजूरी दे दी गई. हालांकि, इस बार यूक्रेन के पक्ष में कम समर्थन दिखा क्योंकि पिछली बार 140 देशों ने यूक्रेन के पक्ष में वोट किया था और रूस की आक्रामकता की कड़ी निंदा की थी. इसके बाद ट्रंप प्रशासन आने के बाद नया प्रस्ताव दिया गया जिसमें रूस-यूक्रेन संघर्ष के दौरान हुई दुखद जनहानि को स्वीकार किया गया और संघर्ष को जल्द समाप्त करने की बात कही गई. साथ ही इस प्रस्ताव में रूस की आक्रामकता के बारे में कोई बात नहीं कही गई. इसी बीच फ्रांस ने एक आश्चर्यजनक कदन उठाते हुए तीन संशोधन प्रस्ताव दिए जिसका समर्थन 100 से अधिक यूरोपीय देशों ने किया. इसमें कहा गया कि संघर्ष रूसी संघ द्वारा यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने पर आक्रमण का परिणाम था.
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