PM Narendra Modi US Visit: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी टैरिफ में रियायत, नए व्यापारिक सौदे और चीन को दबाने के मुद्दे पर बहुत बड़ी चर्चा कर सकते हैं.
PM Narendra Modi US Visit: भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस समय अमेरिका के दौरे पर हैं. इस दौरान वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी टैरिफ में रियायत, नए व्यापारिक सौदे और चीन को दबाने के मुद्दे पर बहुत बड़ी चर्चा कर सकते हैं. बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति बने अभी एक महीना भी नहीं हुआ है और उन्होंने अपने दोस्त और दुश्मन देशों के खिलाफ टैरिफ वॉर छेड़ दिया है.
लोहे और एल्युमीनियम पर लगा टैरिफ
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता संभालते ही एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी किए थे. इसके तहत अमेरिका पर 4 फरवरी से टैरिफ लागू हो गया. वहीं, कनाडा और मेक्सिको पर लगे टैरिफ को 30 दिनों के लिए टाल दिया गया है. डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर से एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी करने वाले हैं. वहीं, डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकी वाले देशों में भारत समेत ब्राजील और यूरोपीय देश भी शामिल हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ही लोहे और एल्युमीनियम पर टैरिफ लगाकर सभी देशों को हिला दिया है.
ऐसे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात को अहम माना जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक बैठक से पहले भारत की ओर से प्राकृतिक गैस, स्ट्राइकर लड़ाकू वाहन और जेट इंजन की खरीद बढ़ाने समेत कई बड़े वादे किए हैं. ऐसे में दोनों देश अमेरिकी कृषि निर्यात, परमाणु ऊर्जा में निवेश, इलेक्ट्रॉनिक्स, हेल्थ और केमिकल पर लगे टैरिफ में कटौती करने पर विचार कर सकते हैं.
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एलन मस्क से भी हो सकती है मुलाकात
विश्व व्यापार संगठन के आंकड़ों के अनुसार भारत के साथ अमेरिका का व्यापार घाटा लगभग 45 बिलियन डॉलर के करीब है. वहीं, अमेरिका की व्यापार-भारित औसत टैरिफ दर लगभग 2.2% और भारत की 12% रही है. ऐसे में भारत को रियायत मिल सकती है. टैरिफ के अलावा अमेरिका में रहने वाले खालिस्तान का समर्थन करने वाले आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की कथित हत्या की साजिश के मामले में दोनों देशों के बीच चर्चा हो सकती है.
बता दें कि अपने देश से अवैध प्रवासियों को निकालने के लिए डोनाल्ड ट्रंप भारत की तरफ उम्मीद से देख रहे हैं. साथ ही भारत सरकार ने भी उन्हें नाउम्मीद नहीं किया है. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री अमेरिकी दिग्गज कारोबारी एलन मस्क से भी मुलाकात कर सकते हैं और उनकी कंपनी स्टारलिंक को भारत में बिजनेस करने की अनुमति मिल सकती है. इसके साथ ही प्रतिबंधों के बाद भी भारत ने रूस से कच्चा तेल खरीदना बंद नहीं किया था. ऐसे में माना जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति रूस पर दबाव डालने के लिए भारत की मदद ले सकते हैं.
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