NATO Meeting To Support Ukraine: बीते सप्ताह वरिष्ठ ब्रिटिश और फ्रांसीसी सैन्य अधिकारी यूक्रेन के युद्ध ग्रस्त क्षेत्र कीव की यात्रा पर गए थे. जिसके बाद नाटो की यह बैठक बुलाई गई है.
NATO Meeting To Support Ukraine: रूस और यूक्रेन के बीच तीन साल से जंग छिड़ी हुई है. यूक्रेन पर रूसी हमलों के खिलाफ नाटो अब बड़ा एक्शन लेने की तैयारी कर रहा है. नाटो ने कहा है कि वह रूस के खिलाफ रणनीति बना रहे हैं. इसी सिलसिले में नाटो मुख्यालय में 30 देशों के रक्षा मंत्रियों की एक बड़ी बैठक बुलाई गई. इस बैठक की अगुवाई करने वाले देशों में ब्रिटेन और फ्रांस जैसे देश शामिल हैं.
इस तरह की यह नाटो की पहली बैठक
NATO के मुताबिक इस मीटिंग का उद्देश्य है कि रूस के साथ किसी भी तरह की वार्ता की संभावना को तलाशने और उसकी निगरानी के लिए, यूक्रेन में सेना को तैनात करने पर चर्चा की जाए. NATO मुख्यालय में होने वाली ये बैठक, संगठन में शामिल देशों के रक्षा मंत्रियों के साथ होने वाली है. इस तरह की यह नाटो की पहली बैठक है.
कीव की यात्रा पर गए थे ब्रिटिश और फ्रांसीसी सैन्य अधिकारी
इससे पहले बीते सप्ताह वरिष्ठ ब्रिटिश और फ्रांसीसी सैन्य अधिकारी यूक्रेन के युद्ध ग्रस्त क्षेत्र कीव की यात्रा पर गए थे. जिसके बाद नाटो की यह बैठक बुलाई गई है. अंतर्राष्ट्रीय मामलों के जानकार ऐसा मानकर चल रहे हैं कि इस मुलाकात में नेताओं के बीच पहले हुई बैठकों में हुए समझौतों को मूर्त रूप प्रदान किया जाएगा.
अमेरिका नहीं बनेगा मीटिंग का हिस्सा
हालांकि गौर करने वाली बात ये है कि अमेरिका जो कभी जोर शोर से नाटो का समर्थन किया करता था वह इस बैठक का हिस्सी नहीं होगा. हाल ही में जब यूक्रेन के राष्ट्रपति ने जब अमेरिकी प्रेसीडेंट ट्रंप से मुलाकात की थी तो जिस तरह का माहौल वहां पैदा हुआ था. उसपर दुनिया भर में चर्चा हुई. कई यूरोपीय देशों ने ट्रंप के इस रवैये पर सवाल भी उठाए थे. इसी के बाद से यूरोप से यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को काफी समर्थन मिल रहा है. अब यूक्रेन के लिए सैन्य समर्थन जुटाने के लिए 50 देशों के प्रतिनिधि नाटो मुख्यालय में एकत्रित हो रहे हैं.
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