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Lebanon पर Israel के हमले से भारत की बढ़ी टेंशन! जानें क्या है इसकी वजह

by Divyansh Sharma
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Lebanon पर Israel के हमले से भारत की बढ़ी टेंशन! जानें क्या है इसकी वजह-

Israel-Hezbollah War: भारत ने 1975 से 1990 तक गृहयुद्ध के दौरान लेबनान (Lebanon ) की राजधानी बेरूत में अपना दूतावास खुला रखा और काम करता रहा. वहीं अन्य देशों के दूतावासों ने ऐसा नहीं किया.

Israel-Hezbollah War: फिलिस्तीन में हमास के बाद इजराइल की लेबनान (Lebanon) में हिज्बुल्लाह के साथ जंग तेज हो गई है. लेबनान में इजराइल लगातार बड़े हमले कर रहा है. इजराइल के हमले में कई लोगों की मौत हो चुकी है. ऐसे में हमास के बाद हिज्बुल्लाह पर यह बड़े हमले दुनिया के लिए चिंता पैदा कर रहे हैं. दुनिया के साथ-साथ लेबनान से 3816 किलोमीटर भारत को कई तरह की टेंशन सता रही हैं.

लेबनान में हैं 4000 से अधिक भारतीय नागरिक

दरअसल, भारत और लेबनान के बीच ऐतिहासिक रूप से घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं. भारत ने साल 1954 में लेबनान के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए. इन संबंधों में सांस्कृतिक समानताओं के अलावा, लिखित संविधान, स्वतंत्रता, संसदीय प्रणाली, काम करने वाली प्रवासी शामिल हैं. इसके अलावा भारत ने 1975 से 1990 तक गृहयुद्ध के दौरान लेबनान की राजधानी बेरूत में अपना दूतावास खुला रखा और काम करता रहा. वहीं अन्य देशों के दूतावासों ने ऐसा नहीं किया. इस बात की लेबनानी जनता बहुत सराहना करती है. भारतीय दूतावास के मुताबिक लेबनान में लगभग 4 हजार भारतीय नागरिक हैं. इनमें से अधिकांश कंपनियों, निर्माण क्षेत्र, किसान के रुप में कामगार के रूप में काम कर रहे हैं. भारतीय सेना के 900 जवान साल 1998 से लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (UNIFIL) में तैनात हैं.

47.4 मिलियन डॉलर का खरीदा कैल्शियम फास्फेट

वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान भारत और लेबनान के बीच कुल व्यापार 595 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया. इसमें लेबनान को भारत का निर्यात 403 मिलियन डॉलर और लेबनान से भारत का आयात 92 मिलियन डॉलर रहा. भारत से मुख्य निर्यात होने वाले सामानों में केमिकल मोती, कीमती पत्थर और धातु, मशीनरी, कपड़ा उत्पाद, प्लास्टिक जैसे सामान शामिल हैं. लेबनान से आयात होने वाले सामानों में धातु और उनसे बनी वस्तुएं शामिल हैं. इसमें सबसे अहम है कैल्शियम फास्फेट (Calcium Phosphate). इनवेस्ट इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में भारत ने 47.4 मिलियन डॉलर का कैल्शियम फास्फेट लेबनान से खरीदा है. भारत को कैल्शियम फास्फेट का सबसे बड़ा इमोर्टर देश माना जाता है. लेबनान के साथ जॉर्डन, मोरक्को, टोगो, इजिप्ट और अल्जीरिया से भी भारत कैल्शियम फास्फेट खरीदता है.

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कहां होता है कैल्शियम फास्फेट का इस्तेमाल

बता दें कि कैल्शियम फास्फेट का इस्तेमाल कई जगहों पर होता है. इसका सबसे अहम इस्तेमाल दवाइयों के निर्माण में होता है. लो बोन डेंसिटी बीमारी से जूझ रहे लोगों को दी जाने वाली दवाइयों में कैल्शियम फास्फेट का ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है. डेंटल पाउडर (दांत साफ करने वाले पाउडर) में भी कैल्शियम फास्फेट का इस्तेमाल किया जाता है. इन सबके अलावा अलावा खेती-किसानी में जिन फर्टिलाइजर का इस्तेमाल होता है, वहां भी एक कैल्शियम फास्फेट का ही इस्तेमाल होता है. इसके अलावा लेबनान से स्क्रैप आयरन, स्क्रैप एलुमिनियम भी भारत आयात करता है. ऐसे में लेबनान में हो रहे युद्ध का असर भारत पर भी पड़ सकता है. हालांकि, यह कितना व्यापक होगा, यह तो समय ही बताएगा.

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