US Dollar News : डोनाल्ड ट्रंप के बयान से पूरी दुनिया में खलबली मच गई है. राष्ट्रपति चुनाव में बहुमत प्राप्त करने के बाद ट्रंप ने एलान कर दिया है कि जिन देशों ने डॉलर से इतर व्यापार करने की कोशिश की तो उनपर 100% टैरिफ लगेगा.
US Dollar News : राष्ट्रपति चुनाव में भारी मतों से जीतने के बाद डोनाल्ड ट्रंप अपने बयानों से पूरी दुनिया में खलबली मचा रहे हैं. इसी बीच ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को सीधी धमकी दे डाली कि अगर उन्होंने अमेरिकी डॉलर की जगह दूसरी करेंसी का इस्तेमाल किया तो उनपर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा. लेकिन अभी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है कि डोनाल्ड ट्रंप किस हद इस नीति को लागू करेंगे. साथ ही यह भी देखना होगा कि ऐसे मुद्दों को लागू करने के लिए अमेरिकी कानून इजाजत देता है या नहीं? RBI के पूर्व गवर्नर दुव्वुरी सुब्बाराव ने सोमवार को कहा कि ब्रिक्स में अभी अमेरिकी डॉलर का विकल्प लाने के लिए आंतरिक मतभेद है.
डॉलर से इतर व्यापार करने पर हुआ विचार
9 सदस्यीय वाले ब्रिक्स में भारत, रूस, चीन, ब्राजील और साउथ अफ्रीका लगातार अमेरिकी डॉलर से बाहर निकलने के लिए एक आम मुद्रा पर विचार कर रहे हैं. रूस के कजान में हाल ही में खत्म हुए ब्रिक्स सम्मेलन में डॉलर से इतर लेन-देन बढ़ाने पर जोर देने की बात कही गई थी, जिसके बाद ही डोनाल्ड ट्रंप का यह धमकी भरा बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने डॉलर से इतर व्यापार करने वाले देशों के ऊपर 100 फीसदी टैरिफ लगाने की बात कही. अमेरिकी के साथ व्यापारिक संबंध रखने वाला भारत ट्रंप की संरक्षणवादी नीतियों को लेकर सतर्क है.
कई क्षेत्रों में पिछड़ सकता है भारत!
ट्रंप का स्पष्ट रूप से कहना है कि उनकी सरकार की नीतियां अमेरिका की भलाई के लिए होगी. दूसरी तरफ ट्रंप की नीतियों से भारत की चिंता काफी बढ़ सकती है क्योंकि उसकी निर्यात सूची में फार्मास्युटिकल्स, आईटी सर्विस और कपड़ा जैसे वस्तुओं आती हैं. अगर ट्रंप अपनी बातों को लागू करेंगे इससे भारतीय व्यापारियों को ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी और इसके बाद उनके प्रोडक्ट अमेरिकी बाजार की दौड़ से बाहर होने की पूरी संभावना होगी. एक तरफ जहां भारत ने अमेरिकी डॉलर की निर्भरता को कम किया है लेकिन दूसरी तरफ 2023-24 में अमेरिका भारत का प्रमुख साझीदार व्यापारिक देश बन गया है और दोनों देशों के बीच 120 अरब डॉलर तक व्यापार पहुंच गया है.
यह भी पढ़ें- संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना आयोग का सदस्य बना भारत, वैश्विक शांति में दे रहा है कई वर्षों से योगदान