Introduction
Donald Trump Political Journey : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जितने शक्तिशाली व्यक्ति हैं उतने ही बड़े एक सफल उद्योगपति भी रहे हैं. राजनीति में कदम रखने से पहले ट्रंप एक रियल स्टेट कारोबारी भी रह चुके हैं और उनके पिता भी एक मशहूर प्रॉपर्टी डीलर थे. बचपन में काफी चंचल होने की वजह से उन्हें 13 साल की उम्र में सैन्य स्कूल में एडमिशन करा दिया और उसके उनके पिता की मौत के बाद ट्रंप ने सबसे पहले बिजनेस संभाला. वहीं, धीरे-धीरे उन्होंने इस बिजनेस को अमेरिका के बाहर भी विस्तार देना शुरू कर दिया. डोनाल्ड ट्रंप स्कूल के समय से ही काफी आक्रामक थे और यह वजह थी कि उनके खिलाफ स्कूल से पिता फ्रेड ट्रंप के पास काफी शिकायतें जाती थीं. ट्रंप बचपन में अपने बैच के स्टूडेंट्स को बुली भी किया करते थे और इन्हीं सभी शैतानियों को देखते हुए फ्रेड ट्रंप ने उनका एडमिशन मिलिट्री स्कूल में करा दिया था और उस समय डोनाल्ड ट्रंप की उम्र मात्र 13 वर्ष ही थी. मिलिट्री स्कूल से शिक्षा प्राप्त करने के बाद ट्रंप फोर्डहम यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए एडमिशन लिया. इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वह पेंसिलवेनिया यूनिवर्सिटी चले गए. उन्होंने रियल स्टेट प्रोग्राम को अपना सब्जेक्ट चुना और इसमें अपने आपको विशेषज्ञ बनाने के लिए तेजी से काम किया. इसी कड़ी में उन्होंने साल 1968 में इकोनॉमिक साइंस में भी डिग्री प्राप्त की और इसके बाद अपने पिता का पारंपरिक बिजनेस प्रॉपर्टी डीलर का संभाल लिया. लेकिन कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि डोनाल्ड ट्रंप ने प्रॉप्रर्टी डीलर का बिजनेस संभालने से पहले अपने पिता से 1 मिलियन डॉलर उधार लेकर रियल एस्टेट का बिजनेस किया और जब फ्रेड ट्रंप की मौत हो गई तो उसके बाद 47वें राष्ट्रपति ने प्रॉपर्टी डीलर की कमान अपने हाथों में ले ली.
Table Of Content
- कैसा रहा शुरुआती जीवन?
- चर्चाओं और विवादों में ऐसे आए ट्रंप
- कैसे बने ट्रंप रियल एस्टेट के कारोबारी?
- पहले राजनीति से नफरत, फिर राष्ट्रपति बने
- ट्रंप के साथ जुड़ा सबसे बड़ा विवाद
कैसा रहा शुरुआती जीवन?
डोनाल्ड ट्रंप का जन्म 14 जून 1946 को अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में हुआ था. प्रॉपर्टी डीलर का बिजनेस होने की वजह से उनका परिवार शुरुआत से काफी अमीर था. यही एक वजह थी कि उन्हें बचपन में आर्थिक संकट का सामना नहीं करना पड़ था और यह भी कहा जा सकता है कि वह चांदी की चम्मच लेकर पैदा हुए थे. लेकिन उनकी माता ‘मैरी ट्रंप’ की बचपन में काफी तबीयत खराब रहती थी इसलिए ट्रंप पर सबसे ज्यादा प्रभाव उनके पिता फ्रेड ट्रंप का पड़ा था. डोनाल्ड की माता एक अप्रवासी स्कॉटिश थी और वह साल 1930 में मात्र 50 डॉलर लेकर अमेरिका चली आईं थीं जहां उन्होंने लोगों के घरों में भी काम किया था. लेकिन 1936 में फ्रेड ट्रंप से शादी होने के बाद आर्थिक तंगी से काफी दूर हो गई थीं. इस जोड़े ने साल 1936 में शादी की और उनके पांच बच्चे हुए जो इस प्रकार थे मैरिएन, फ्रेड जूनियर, एलिजाबेथ, डोनाल्ड ट्रंप और रॉबर्ट.
चर्चाओं और विवादों में ऐसे आए ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप लगातार सार्वजनिक मंचों से अपनी संपत्ति और सफलता का हर वक्त बखान करने लगे थे. इसके अलावा मैक्सिको पर आरोप लगाया था कि वह अमेरिका में नशीले पदार्थ, दुष्कर्मियों और अपराध को ट्रांसफर कर कर रहा है. साथ ही हर रैली में जनता के बीच वादा करने लगे कि वह संयुक्त राज्य की सीमाओं पर दीवार बनाने में आने वाली लागत को मैक्सिको से वसूलेंगे. वहीं, बर्थरिज्म नाम से एक एक थ्योरी है जिसके माध्यम से डोनाल्ड ट्रंप ने सवाल खड़ा किया कि क्या बराक ओबामा अमेरिका में पैदा हुए हैं? इसके बाद डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन ने उनकी आलोचना की और एक सभा में ट्रंप की प्रतिक्रिया पर निराशा व्यक्त की. इसके अलावा डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी इतिहास के सबसे विवादित राष्ट्रपति हैं जिन पर कई मुकदमे दर्ज हैं और उनमें से एक हश मनी केस में दोषी भी पाए गए हैं. मामला यह है कि ट्रंप ने एडल्ट फिल्म स्टार स्टॉर्मी डेनियल को चुप रहने के लिए 1,30,000 डॉलर दिए थे ताकि वह अपने और ट्रंप के बीच शारीरिक संबंध को लेकर कोई भी सूचना सार्वजनिक न करें. बता दें कि हश मनी को चुप रहने के लिए पैसा देना कोई गैर-कानूनी नहीं है बल्कि उन्होंने अपने रिकॉर्ड में बिजनेस खर्चा बताया था.
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कैसे बने ट्रंप रियल एस्टेट के कारोबारी?
रियल एस्टेट के शुरुआती काम को डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पिता से सीखा था. इसके बाद उन्होंने धीरे-धीरे अपने पिता के प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू दिया और देश-विदेश के क्लाइंट्स से बातचीत भी शुरू कर दी. साथ ही न्यूयॉर्क शहर में रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट्स का प्रबंधन पर भी काम किया. वहीं, पिता की मृत्यु के बाद ट्रंप ने सारा बिजनेस अपने हाथों में ले लिया और साल 1971 में उन्होंने ट्रंप ऑर्गेनाइजेशन की शुरुआत की. इस दौरान उन्होंने ट्रंप टावर बनवाया जो वहां पर रियल एस्टेट कारोबार के क्षेत्र में काफी मशहूर है. वहीं, ट्रंप ने समय बीतने के साथ ही इस बिजनेस को अमेरिका के बाहर भारत, फिलीपींस और तुर्की में फैलाना शुरू कर दिया. साथ ही ट्रंप टॉवर ऑर्गेनाइजेशन ने होटल्स, गोल्फ कोर्स और कैसिनो का निर्माण करना भी शुरू कर दिया.
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पहले राजनीति से नफरत, फिर राष्ट्रपति बने
साल 1980 की बात है जब डोनाल्ड ट्रंप ने अपने एक इंटरव्यू में राजनीति को सबसे ज्यादा ‘स्वार्थी जीवन’ बताया था. उस दौरान उन्होंने कहा था कि दुनिया में सबसे ज्यादा सक्षम व्यक्ति राजनीति की जगह बिजनेस का चयन करते हैं. हालांकि, 1987 तक आते-आते उन्होंने राष्ट्र्पति पद की उम्मीदवारी के लिए प्रचार करना शुरू कर दिया. उन्होंने अपनी एक रिफॉर्म पार्टी बनाई और राजनीतिक क्षेत्र में कदम रखा. वहीं, साल 2012 में वह रिपब्लिकन उम्मीदवार के रूप में लोगों के सामने आए. इसके बाद 9 नवम्बर 2016 को अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव जीतने में कामयाब रहे.
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ट्रंप के साथ जुड़ा सबसे बड़ा विवाद
अमेरिका में 46वें राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए जो बाइडेन को 306 और डोनाल्ड ट्रम्प को 232 सीटें मिली थीं. इसके बाद भी ट्रंप ने अपनी को नहीं माना था और उस वक्त उनका कहना था कि चुनाव के दौरान धांधली हुई है. ट्रंप ने उस समय कई राज्यों में केस दर्ज कराए लेकिन ट्रंप के समर्थकों की अपील खारिज कर दी गई. दो मामलों में तो सुप्रीम कोर्ट ने भी याचिका खारिज कर दी थी. लेकिन वह लगातार इशारों ही इशारों में जिक्र करते रहे थे कि अगर चुनाव में नतीजे निष्पक्ष नहीं आए तो कुछ गलत हो सकता है. इसी बीच डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने सुरक्षा एजेंसियों को गच्चा देते हुए अमेरिकी संसद पर चढ़कर हिंसा शुरू कर दी और इस घटना की इतिहासकारों, राजनीतिक जानकारों और बौद्धिक लोगों ने जमकर आलोचना की कि लोकतंत्र में मतभेद हो सकते हैं और चुनाव मैदान में राजनीतिक दल अपना मुद्दा लेकर जाते हैं. इसके बाद जनता किसे स्वीकार करती है और किसे नकारती है उस फैसले को वह अपने वोट के माध्यम से बता देती है. वहीं, जनता की आवाज किस पार्टी को बहुमत मे लाती है और विपक्ष को बैठाना चाहती है उसे सभी राजनीतिक दलों को स्वीकार करना चाहिए. लेकिन देश की सर्वोच्चा संस्था पर हमला करना देश का अपमान तो है ही साथ ही वर्षों पुरानी लोकतांत्रिक व्यवस्था का भी अपमान है. उस दौरान कैपिटल हिस्टोरिकल सोसाइटी के डायरेक्टर सैम्युअल हॉलिडे ने कहा था कि 24 अगस्त, 1814 में ब्रिटेन ने अमेरिका पर हमला कर दिया था. अमेरिकी सैनिकों को हराने के बाद ब्रिटिश सैनिकों ने कैपिटल हिल्स पर चढ़ाई की और वहां पर आग लगा दी. तब से लेकर 206 साल बाद 2021 में अमेरिकी संसद पर ऐसा हमला हुआ है.
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Conclusion
डोनाल्ड ट्रंप ने 47वें अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण कर ली है और उन्होंने अपने ऑफिस में कदम रखते ही जो बाइडेन के कई फैसलों को बदल दिया है. वहीं, इससे पहले वह साल 2017 से 2021 तक भी अमेरिका के राष्ट्रपति रहे उस दौरान उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि यही रही थी कि उनके कार्यकाल के दौरान विश्व के किसी भी हिस्से में कोई बड़ा युद्ध नहीं हुआ था, जैसे की बाइडेन प्रशासन के कार्यकाल में रूस-यूक्रेन और फिलिस्तीन-इजराइल के बीच में चला है. लेकिन ट्रंप के साथ कई सारे विवाद भी जुड़े हैं जिनमें से कई तो आज भी उनका पीछा नहीं छोड़ रहे हैं. सबसे मुख्य विवाद हश मनी केस रहा है जिसके मामले में उन्हें दोषी तक ठहरा दिया गया है. लेकिन कोर्ट ने अभी सजा का एलान करने से मना कर दिया है एक समय तो चर्चा होने लगी थी कि अगर डोनाल्ड ट्रंप को इस मामले में सजा मिल जाती है तो उनका राष्ट्रपति पद पर पहुंचना मुश्किल हो जाएगा. हालांकि, शपथ ग्रहण समारोह से पहले कोर्ट ने उन्हें दोषी तो ठहरा दिया, लेकिन सजा नहीं दी. लेकिन उससे पहले दुनिया में चर्चा तेज होने लगी कि ट्रंप का शपथ ग्रहण समारोह का क्या होगा? क्या वह राष्ट्रपति बन पाएंगे? लेकिन कोर्ट ने उनकी सजा को फिलहाल टाल दिया.
इसके अलावा डोनाल्ड ट्रंप राजनीतिक क्षेत्र को भी अच्छा नहीं मानते थे लेकिन वह एक नहीं दो बार अमेरिका के राष्ट्रपति बन गए. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक प्रोपर्टी डीलर के रूप में की थी और उसको पूरे देश में फैलाने के बाद विदेश में लेकर गए जहां पर उन्होंने इस क्षेत्र पर दबदबा बना लिया. लेकिन साल 1987 में उन्होंने राजनीतिक क्षेत्र में आने का प्रयास किया और एक पार्टी बना ली. हालांकि उस दौरान उनको ज्यादा कामयाबी नहीं मिली लेकिन उनको जनता के बीच में पहचान मिलने लगी. इसके बाद वह धीरे-धीरे अपने कदम आगे बढ़ाने लगे और साल 2012 में रिपब्लिकन पार्टी में शामिल हो गए और राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय हो गए. डोनाल्ड ट्रंप ने धीरे-धीरे पार्टी के नेताओं के बीच अपनी पकड़ मजबूत कर ली और साल 2015 में अमेरिकी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी का दावा पेश कर दिया और साल 2016 में 45वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली.
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