Home International सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच लड़ाई से Sudan हुआ बेहाल, 5 लाख लोगों की रोकनी पड़ी सहायता

सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच लड़ाई से Sudan हुआ बेहाल, 5 लाख लोगों की रोकनी पड़ी सहायता

by Sachin Kumar
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Crisis in Sudan Paramilitary Forces and army war

Crisis in Sudan : सूडान में एक साल पहले अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्सेज और सूडान सेना के बीच जंग शुरू हो गई थी और इसके बाद से ही देश गृहयुद्ध का मैदान बन गया है.

Crisis in Sudan : सूडान के अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) ने विस्थापित व्यक्तियों के लिए जमजम शिविर पर हमला कर दिया और इसमें घटना में कम से कम 31 लोगों की मौत हो गई, जबकि 81 लोग गंभीर रूप से घायल हैं. बताया जाता है कि यह देश का सबसे बड़ा शिविर है और इसमें करीब 5 लाख से ज्यादा लोग अपना व्यतीत कर रहे हैं. वहीं, डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने सोमवार को शिविर में सेवा देने का अभियान रोक दिया क्योंकि आसपास के इलाकों में हमलों की संख्या बढ़ गई है.

दो सैनिक बलों के बीच हिंसा से देश बहाल

एक फ्रांसीसी मेडेसिन सैन्स फ्रंटियर्स संस्थान ने कहा कि उत्तरी दारफुर के शिविर में सूडानी सेना और उसके प्रतिद्वंद्वी अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट के बीच लड़ाई काफी तेज हो गई है और इसकी वजह से विस्थापित लोगों को जीवन रक्षक मानवीय सहायता प्रदान करना असंभव हो गया है. इसी कड़ी में संस्था ने फील्ड अस्पताल समेत सभी गतिविधियों को बंद कर दिया है. सूडान में एक संगठन के प्रमुख याह्या कलिला ने कहा कि हमले बढ़ने की वजह से हमें कई परियोजनाओं को रोकना पड़ रहा है और यह एक तरह से दिल-दहला देने वाला है. उन्होंने आगे कहा कि हिंसा बढ़ने से सप्लाई भेजने में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों को बाहर निकालना भी काफी मुश्किल भरा हो चुका है.

सूडन बना गृहयुद्ध का मैदान

मामला यह है कि अप्रैल 2023 में जब सत्ता कब्जाने के लिए सूडानी सेना और RSF के बीच लड़ाई छिड़ गई तो सूडान का पूरा इलाका गृहयुद्ध में तब्दील हो गया. इसके बाद देश में तेजी से हिंसक घटनाएं बढ़ने लगी जिसकी वजह से अभी तक 24 हजार से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और 14 मिलियन से अधिक लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने के लिए मंजूर कर दिया. देश के विभिन्न हिस्सों में अकाल की स्थिति पैदा हो गई है और लाखों को लोगों को एक वक्त का खाना भी नहीं मिल पा रहा है. वहीं, MSF के अनुसार जमजम में 11-12 फरवरी को लड़ाई तेज हो गई और इस दौरान गोली लगने से करीब 130 लोगों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. बता दें कि देश में MSF ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई बड़े काम किए हैं और भारी संख्या में घायल हुए लोगों का इलाज किया था.

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