Sleeping Habits: भागदौड़ भरी जिंदगी में नींद की समस्या तो मानो आम सी हो गई है. लोगों को सोने और जागने दोनों ही स्थिति में परेशानी का सामना करना पड़ता है.
Sleeping Habits: नींद की समस्या से भारत की आधी आबादी परेशान है. भागदौड़ भरी जिंदगी की वजह से लोगों को अपनी नींद पूरी करने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में आपको लग सकता है कि यह तो बड़ी आम सी बात है. हालांकि, कुछ लोगों के लिए यह इडियोपैथिक हाइपरसोमनिया (IH) का संकेत हो सकता है.
यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें लोग अच्छी नींद लेने के बावजूद थका हुआ महसूस करते हैं. इस स्थिति से जूझ रहे लोग रात में अगर 10 घंटे की नींद भी लेते हैं तब भी थका हुआ ही महसूस करते हैं. इसके अलावा, IH से प्रभावित लोग कभी-कभी दिन के 18 घंटे की नींद भी लेते हैं. नींद से जागने में कठिनाई IH का सबसे बड़ा लक्षण है.
आम है यह समस्या
IH की समस्या आम है, पर कई लोग इसे गंभीर श्रेणी की बीमारी बताते हैं. ऐसे में इससे प्रभावित लोग ऐसी दवाएं लेते हैं, जिनकी जरूरत उन्हें नहीं होती. IH की पहचान साल 1970 में पहली बार की गई थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिलाएं IH से ज्यादा प्रभावित होती हैं, जबकि करीब 25,000 युवाओं में से 1 इससे प्रभावित होता है.
IH से पीड़ित को दिन के दौरान नींद नहीं पूरी होने की शिकायत रहती है. उन्हें घर में सामान खोना या घर की चाबियां या अन्य वस्तुओं को फ्रिज में रख देना जैसी समस्याएं पेश आती हैं. आमतौर पर ये गलतियां ऐसे लोग करते हैं जिनकी नींद पूरी नहीं होती है
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