Heat Wave Effect: मौसम में लगातार बदलाव होने से मौसम विभाग ने हीट वेव के कुछ मानक निर्धारित किए हैं. आइए आज हम आपको बताएंगे क्या है हीट वेव और IMD कब करता है इसका एलान.
21 May, 2024
What is Heat Wave: मौसम में लगातार बदलाव हो रहा है. कभी तेज धूप से गर्मी तो कभी बारिश के होने से ठंडक महसूस हो रही है. ऐसे में मौसम विभाग द्वारा हीट वेव के लिए मानक निर्धारित किए गए हैं. चलिए आज हम आपको बताएंगे क्या होती है हीट वेव और IMD के द्वारा कब किया जाता है हीट वेव का एलान. इसके साथ ही जानते हैं हीट वेव का सेहत पर क्या प्रभाव पड़ता है.
क्या होता है हीट वेव
हीट वेव उस स्थिति को कहते हैं जब अधिकतर टेंपरेचर लगातार 2-3 या उससे ज्यादा वक्त तक 40 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो. साथ ही ये नॉर्मल से 4.5 डिग्री ज्यादा होना चाहिए. वहीं न्यूनतम टेंपरेचर नॉर्मल से 4 डिग्री ज्यादा हो. अगर अधिकतर टेंपरेचर नॉर्मल से 5.5 डिग्री ज्यादा होता है तो ये स्थिति सीवियर या गंभीर हीट वेव कहलाती है.
शरीर पर प्रभाव
जो लोग धूप के संपर्क में सीधे तौर पर आते हैं, वो ज्यादातर हीट वेव की चपेट में आ जाते हैं. खासकर मेहनत मजदूरी करने वाले लोग हीट वेव के शिकार जल्दी होते हैं. हीट वेव की संख्या में पिछले कई सालों में खूब बढ़ोत्तरी हो रही है. स्टडी के मुताबिक हर साल हीट वेव की चपेट में आकर कई लोगों की मौत हो जाती है.
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो हीट वेव के कारण शरीर में पानी और सोडियम की कमी हो जाती है जिससे ब्लड सर्कुलेशन धीमा हो जाता है. साथ ही रक्त चाप कम हो जाता है जिससे किडना और दिल के कार्य करने की क्षमता में गिरावट आती है. अगर कोई हीट वेव की चपेट में आ गया है तो उसको एक छायादार जगह पर ले जाएं और उसके सिर पर ठंडे पानी की पट्टियां रखें, जिससे बॉडी टेंपरेचर को कम किया जा सकता है.
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