Home Health मेमोरी लॉस और कमजोर याददाश्त हो सकती है खतरनाक! जानें क्यों बढ़ सकता है Brain Cancer का खतरा

मेमोरी लॉस और कमजोर याददाश्त हो सकती है खतरनाक! जानें क्यों बढ़ सकता है Brain Cancer का खतरा

by Divyansh Sharma
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Brain Cancer Symptoms: शुरुआती ब्रेन और मेटास्टेटिक कैंसर रोगी को सीधे प्रभावित कर सकते हैं. इससे लोगों को किसी चीज को याद करने में दिक्कत हो सकती है.

Brain Cancer Symptoms: क्या मेमोरी लॉस खरनाक हो सकता है? इसका जवाब हां है और यह ब्रेन कैंसर से जुड़ा हुआ है. दरअसल, मेमोरी लॉस ब्रेन कैंसर के लक्षणों में एक हो सकता है. अगर लगातार मेमोरी लॉस हो रही है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से मिल लेना चाहिए. बातचीत को याद रखने में दिक्कत, नाम या स्थान न याद कर पाना जैसी चीजें ब्रेन कैंसर के लक्षणों से जुड़ी हैं.

बढ़ती उम्र या तनाव भी मेमोरी लॉस का कारण

दरअसल, एक रिपोर्ट के मुताबिक हाल की घटनाओं, बातचीत को याद रखने में दिक्कत होना, कोई नाम या स्थान याद न कर पाना जैसे मेमोरी लॉस के लक्षण हैं. साथ ही इस तरह के मेमोरी लॉस ब्रेन कैंसर के शुरुआती लक्षणों में से एक हो सकती है. हालांकि, इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अन्य स्थितियां यानी बढ़ती उम्र या तनाव भी मेमोरी लॉस का कारण बन सकती है.

गौरतलब है कि मस्तिष्क किसी जानकारी को प्रोसेस करके, सेव करता है और फिर से रिकॉल करता है. मेमोरी से जुड़े यह सारे काम मस्तिष्क के पहले भाग यानी हिप्पोकैम्पस में होते हैं. हिप्पोकैम्पस टेम्पोरल लोब में स्थित होता है. यह सेव जानकारी को फिर से याद करने में मदद करता है. ऐसे में अगर मस्तिष्क के किसी भी भाग में दिक्कत हो, तो इससे मेमोरी लॉस हो सकते हैं.

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ट्यूमर का आकार बढ़ने पर होता है नुकसान

शुरुआती ब्रेन और मेटास्टेटिक कैंसर रोगी को सीधे प्रभावित कर सकते हैं. इससे लोगों को किसी चीज को याद करने में दिक्कत हो सकती है. कैंसर से कई तंत्र न्यूरोनल मार्ग बाधित होते हैं और इसके मेमोरी के रिकॉल करने की क्षमता प्रभावित होती है. ब्रेन ट्यूमर का स्थान भी ट्यूमर का रोगी की मेमोरी पर प्रभाव डालता है.

जैसे-जैसे ट्यूमर का आकार बढ़ता है, इंट्राक्रैनील का दबाव बढ़ता है और टिश्यू को छोटा करते हुए नुकसान पहुंचाता है. इसे न्यूरोनल नेटवर्क में बाधा होने लगती है. इस कारण फिर से मेमोरी को रिकॉल कर पाना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में ब्रेन ट्यूमर की वजह से बार-बार दौरे पड़ने लगते हैं. ब्रेन ट्यूमर से मस्तिष्क में सूजन भी होती है, जिससे ट्यूमर से टिश्यू की लड़ने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है. इससे ब्रेन कैंसर का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है.

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Disclaimer: यह जानकारी आपको PNN के साथ एक समझौते के तहत न्यूज एजेंसी PTI ने दी है. Live Times इसके लिए जिम्मेदार नहीं है.

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