Airport Visibility: नियम के अनुसार कि अगर किसी भी एयरपोर्ट पर कम विजिबिलिटी जैसी स्थिति है तो पैसेंजर्स की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किसी भी स्थिति में फ्लाइट्स को उड़ान की अनुमति नहीं दी जाएगी.
Airport Visibility: पैसेंजर्स की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बनाये गए नियम के कारण किसी भी स्थिति में फ्लाइट्स को उड़ान की अनुमति नहीं दी जाती है. खास तौर पर जब ठंड के समय पर कोहरे के कारण ये समस्या आम हो जाती है. सुबह के समय कोहरे का धुंध होने के कारण ज्यादातर उड़ानों में संभवतः देरी की जाती है. लेकिन यदि समय तीन घंटे से ज्यादा बढ़ने लगता है तो उड़ानों को रद्द कर दिया जाता है.
Airport Visibility: सख्त नियमों का पालन करना अनिवार्य
यह नियम सख्ती से लागु हो जाता है की किसी भी कारण की वजह से फ्लाइट में देरी होती है या उड़ान कैंसिल होती है तो इसके बारे में यात्रियों को पूरी सटीक जानकारी दी जाए. अगर फ्लाइट में तीन घंटे से ज्यादा की देरी होती है तो एयरलाइन को वह उड़ान रद्द करनी होगी।
Airport Visibility: कम विजिबिलिटी से जूझ रहा सबसे बड़ा एयरपोर्ट
प्रदेश के सबसे बड़े एयरपोर्ट में शुमार कांगड़ा एयरपोर्ट में पिछले दिनों में मौसम खराब होने के कारण करीब 14 फ्लाइटस रदद हो चुकी हैं. इन फ्लाइटस की लैंडिंग के समय एयरपोर्ट पर विजिविलिटी 3 हजार मीटर की थी, जबकि कांगड़ा एयरपोर्ट के लिए 5 हजार मीटर की विजिविलिटी होना आवश्यक है. ऐसे में एयरपोर्ट प्रशासन की मानें तो स्पेशल VFR प्रोसिजर से 5 हजार मीटर से विजिविलिटी ढाई हजार मीटर तक आने से एयरपोर्ट पर फ्लाइटस रद्द होने की समस्या कम हो जाएगी.
Airport Visibility: 4 दिन के भीतर 12 से 14 फ्लाइटस रद्द
जानकारी के अनुसार Kangra Airport विजुअल फ्लाइट रुल्स (VFR) की गाइडलाइन के तहत कार्य करता है. कांगड़ा एयरपोर्ट फ्लाइट लैंडिंग के लिए विजिविलिटी 5 हजार मीटर आवश्यक है. विजिविलिटी 5 हजार मीटर से कम होने, धुंध या मौसम खराब होने पर फ्लाइट को इंतजार करवाया जाता है, यदि विजिविलिटी में सुधार की संभावना न हो तो फ्लाइट रद भी होती है. मौसम खराब होने के चलते पिछले 4 दिन में 12 से 14 फ्लाइटस रद हो गई. इस समस्या से एयरपोर्ट अथॉरिटी परिचित है.
Airport Visibility: एयरपोर्ट के एयर स्पेस पर एयरफोर्स का कंट्रोल
कांगड़ा एयरपोर्ट का एयर स्पेस, अभी एयरफोर्स के अधीन है, जिसका कंट्रोल ATC कांगड़ा एयरपोर्ट के पास नहीं है. एयरपोर्ट अथॉरिटी आफ इंडिया (ATC) इस मामले पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन के माध्यम से एयरफोर्स से भी बातचीत कर रहा है, जो कि बात चल रही है. यदि यह बातचीत सफल हो जाती है और एयर स्पेस का कुछ एरिया एयरपोर्ट के एटीसी के कंट्रोल में आ जाता है तो एक स्पेशल वीएफआर प्रोसिजर होता है, यदि उसके अनुरूप काम करें और एक प्रोसिजर बन जाए तो यह विजिविलिटी 5 हजार मीटर से ढाई हजार मीटर तक आ सकती है. विजिविलिटी ढाई हजार तक आने से कांगड़ा एयरपोर्ट पर रद्द होने वाली फ्लाइटस की समस्या नहीं रहेगी.
Airport Visibility: प्रदेश और मंत्रालय स्तर का मसला
पिछले दिनों में जो फ्लाइटस रदद हुई हैं, उनके समय विजिविलिटी 3 हजार मीटर तक की थी, लेकिन कांगड़ा एयरपोर्ट के लिए विजिविलिटी 5 हजार मीटर होने के चलते फ्लाइटस रद्द हो गई. विजिवलिटी की समस्या को लेकर प्रदेश सरकार से भी हस्तक्षेप का आग्रह किया है, क्योंकि यह प्रदेश और मंत्रालय स्तर का मसला है.