Home Entertainment Raj Kapoor@100: मर कर भी एक्शन-एक्शन चिल्लाना चाहते थे ‘शोमैन’, जब आखिरी वक्त में बेटी से कहा- ‘मेरे शव को…’

Raj Kapoor@100: मर कर भी एक्शन-एक्शन चिल्लाना चाहते थे ‘शोमैन’, जब आखिरी वक्त में बेटी से कहा- ‘मेरे शव को…’

by Preeti Pal
0 comment
RAJ KAPOOR

Introduction

13 December, 2024

Raj Kapoor@100: हिंदी सिनेमा के सबसे बेहतरीन एक्टर्स में से एक राज कपूर ने अपनी पूरी जिंदगी ही सिनेमा को समर्पित कर दी थी. वो पहले ऐसे भारतीय एक्टर थे जिनकी विदेश में भी उतनी ही फैन फॉलोइंग थी जितनी देश में. राज कपूर की बेटी ने अपनी किताब में लिखा है कि वो कहते थे जब मैं मर जाऊं, तब मेरे शव को स्टूडियो ले आना. शायद मैं रोशनी के बीच जागूं और एक्शन…एक्शन चिल्लाऊं. उनके ये शब्द मानो एक फ्रेम में कैद हो गए. ये शब्द ऐसे फिल्म मेकर के जुनून की गवाही दे रहे हैं जिन्होंने भारतीय सिनेमा पर अमिट छाप छोड़ी. ऐसे में आज हिंदी सिनेमा के शोमैन यानी राज कपूर के बारे में जानते हैं कुछ दिलचस्प बातें.

Table of Content

  • राज कपूर के 100 साल
  • पर्दे पर राज करने वाले शोमैन
  • एक्टर के रूप में चमके
  • जब टूट गए थे राज कपूर
  • आज भी हिट हैं राज कपूर के गाने
  • पिता की शर्त
  • जब बने इंडियन चार्ली चैपलिन
  • आवारा ने क्यों मचाई सनसनी
  • हिंदी सिनेमा का शोमैन
  • राज कपूर की पहली बड़ी फिल्म

राज कपूर के 100 साल

राज कपूर 14 दिसंबर, 2024 को 100 साल के हो जाते. उनकी पहली फिल्म ‘आग’ आजादी के एक साल बाद यानी 1948 में रिलीज हुई थी. राज कपूर की शुरुआती ब्लैक एंड व्हाइट फिल्में समाज के सपनों और संघर्षों को दिखाती थीं. बाद में चमकदार रंगों में उनकी फिल्में बनीं. राज कपूर ने अपनी पहली फिल्म से ही RK स्टूडियो की शुरुआत कर दी थी. उन्होंने अपने करियर में कई अलग-अलग किरदार निभाकर लोगों का मनोरंजन किया. जहां ‘बरसात’ में वो एक प्रेमी बने तो ‘श्री 420’ में एक गरीब, ‘आवारा’ में चैपलिन जैसा अंदाज तो ‘‘मेरा नाम जोकर’’ में संवेदनशील जोकर और ‘संगम’ में पत्नी का बेहद ख्याल रखने वाला पति बनकर ‘शोमैन’ ने लोगों का दिल जीत लिया. फिर ‘बॉबी’, ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ और ‘राम तेरी गंगा मैली’ जैसी फिल्में बनाकर राज कपूर ने ये साबित किया वो सिर्फ अच्छे एक्टर ही नहीं बल्कि एक शानदार फिल्म मेकर भी हैं.

Raj Kapoor@100: Even after dying, wanted to shout action-action 'Showman.' - Live Times

पर्दे पर राज करने वाले शोमैन

राज कपूर ने देव आनंद और दिलीप कुमार जैसे दो दिग्गज कलाकारों के साथ बड़े परदे पर सालों तक राज किया. राज कपूर की फिल्मों का संगीत कई दशकों बाद भी लोगों के दिलों को छूता है. उन्होंने अपने करियर में सिर्फ 10 फिल्में ही डायरेक्ट कीं. इनमें कुछ का नाम हिंदी सिनेमा की कल्ट फिल्मों की लिस्ट में शामिल है. राज कपूर की ‘आवारा’ और ‘श्री 420’ इसी लिस्ट का हिस्सा हैं. बाकी ‘बॉबी’ और ‘संगम’ ब्लॉकबस्टर फिल्में रहीं. राज कपूर की फिल्में वक्त से आगे की हुआ करती थीं. यही वजह है कि उन्हें लेकर अक्सर विवाद भी हो जाया करता था.

यह भी पढें: Raj Kapoor’s 100th Birth: कपूर परिवार ने मोदी से की मुलाकात, राज कपूर फिल्म महोत्सव का दिया न्योता

राज कपूर के डायरेक्शन में बनी ‘सत्यम शिवम सुंदरम’, ‘प्रेम रोग’ और ‘राम तेरी गंगा मैली’ ऐसी ही कुछ फिल्में थीं. जब ये फिल्में सिनेमाघरों में रिलीज हुईं तब काफी विवाद भी हुआ. बहुत से लोग राज कपूर की दूरदर्शिता को पचा नहीं पाए. हालांकि, आज इन्हीं फिल्मों को हिंदी सिनेमा की बेहतरीन फिल्मों में शामिल किया जाता है.

एक्टर के रूप में चमके

राज कपूर की शानदार फिल्मों की लिस्ट में ‘अंदाज’, ‘जागते रहो’ और ‘तीसरी कसम’ शामिल हैं. इनमें ‘शोमैन’ ने एक एक्टर के तौर पर अपनी चमक बिखेरी. उन्होंने अपने RK स्टूडियो के जरिए कई फिल्में बनाईं. ये स्टूडियो कई दशकों तक इंडस्ट्री में सबसे बड़े और असरदार फिल्म स्टूडियो में से एक रहा.

Raj Kapoor@100: Even after dying, wanted to shout action-action 'Showman.' - Live Times

जब टूट गए थे राज कपूर

राज कपूर के करियर की सबसे बड़ी फिल्मों में नाम आता है ‘मेरा नाम जोकर’ का, जिसे बनाने में राज कपूर ने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया था. आज भले ही ये हिंदी सिनेमा की कल्ट क्लासिक फिल्मों में शुमार है लेकिन साल 1970 में जब ‘मेरा नाम जोकर’ रिलीज हुई तब बॉक्स ऑफिस पर बड़ी फ्लॉप निकली और राज कपूर कर्ज में डूब गए. इस फिल्म की असफलता ने राज कपूर को पूरी तरह से तोड़ दिया था. हालांकि,

यह भी पढें: PM Modi होंगे कपूर फैमिली के मेहमान, Raj Kapoor की 100वीं बर्थ एनिवर्सरी होगी खास

इसके बावजूद भी ‘शोमैन’ ने हार नहीं मानी और एक खूबसूरत रोमांटिक फिल्म बनाई जिसका नाम था ‘बॉबी’. इस फिल्म से राज कपूर ने अपने बेटे ऋषि कपूर को बॉलीवुड में बतौर हीरो लॉन्च किया. उनके साथ 16 साल की डिंपल कपाड़िया की जोड़ी को लोगों ने इतना पसंद किया कि बॉबी ने बॉक्स ऑफिस पर पैसों की बरसात कर दी. फिल्म ‘बॉबी’ से इतनी कमाई हुई कि राज कपूर का सारा कर्जा उतर गया और बॉलीवुड को ऋषि कपूर के रूप में अपना नया चॉकलेट बॉय मिल गया था.

आज भी हिट हैं राज कपूर के गाने

राज कपूर की लगभग सभी फिल्मों में बेहतरीन गाने थे. राज कपूर के ‘आवारा हूं’, ‘‘जीना यहां मरना यहां’, ‘प्यार हुआ इकरार हुआ’ या ‘हम तुम एक कमरे में बंद हो’, ‘ये गलियां ये चौबारा’, ‘किसी की मुस्कुराहटों पे’ जैसे गाने आज भी खूब हिट हैं. राज कपूर तीन भाइयों में सबसे बड़े थे, जिनमें दिग्गज एक्टर शम्मी कपूर भी शामिल थे. अपने पिता पृथ्वीराज कपूर की छाया से दूर, तीनों भाइयों ने हिंदी सिनेमा में अपनी अलग जगह बनाई. आपको जानकर हैरानी होगी कि राज कपूर केवल 17 साल के थे जब उन्होंने अपने पिता से पढ़ाई छोड़कर फिल्मों में करियर बनाने की इजाजत मांगी थी.

Raj Kapoor@100: Even after dying, wanted to shout action-action 'Showman.' - Live Times

पिता की शर्त

पृथ्वीराज कपूर इस शर्त पर राजी हुए कि राज कपूर 10 रुपये सैलरी पर उनके असिस्टेंट के तौर पर काम शुरू करेंगे. राज कपूर ने बिना देर लगाए शर्त मानी और सेट पर बाकी सब लोगों की तरह काम करना शुरू कर दिया. साल 1947 में मधुबाला के साथ बनी ‘नील कमल’ समेत राज कपूर ने कुछ फिल्मों में काम किया. इसके बाद उन्होंने फिल्म ‘आग’ के साथ निर्देशक और निर्माता के रूप में बॉलीवुड में कदम रखने का फैसला किया. उस वक्त राज कपूर की उम्र 24 साल थी. वो उस समय दुनिया के सबसे यंग फिल्म मेकर्स में एक थे. डायरेक्शन में राज कपूर का मन ऐसा रमा कि उन्होंने ‘आग’ के बाद ‘बरसात’ (1949) और ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ (1978) जैसी खूबसूरत फिल्में भी बनाईं.

जब बने इंडियन चार्ली चैपलिन

राज कपूर ने अपनी कई शुरुआती फिल्मों में चार्ली चैपलिन के व्यक्तित्व को अपनाया. साल 1951 में रिलीज हुई फिल्म ‘आवारा’ में उनका किरदार कुछ इसी तरह का था. फिर ‘श्री 420’ और ‘जिस देश में गंगा बहती है’ में भी राज कपूर ने उसी तरह का शानदार काम किया. बतौर फिल्मकार अपने 37 साल के करियर में राज कपूर ने एक से बढ़कर एक फिल्में दीं. उनकी टीम में लेखक केए अब्बास, छायाकार करमाकर, संगीतकार शंकर-जयकिशन, गीतकार शैलेंद्र और गायक मुकेश शामिल थे. राज कपूर इस टीम को अपनी आत्मा कहते थे.

Raj Kapoor@100: Even after dying, wanted to shout action-action 'Showman.' - Live Times

आवारा ने क्यों मचाई सनसनी

राज कपूर ने एक बार बताया था कि उनकी फिल्मों ने फिल्म जगत में इतनी सनसनी क्यों मचाई थी? दरअसल, राज कपूर की फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ में उनके साथ काम करने वालीं एक्ट्रेस सिमी ग्रेवाल के एक न्यूड सीन शूट किया था. इसके बाद हर तरफ हंगामा मच गया था. इसे लेकर राज कपूर ने कहा था- ‘ये कहानी मेरे दिमाग में ठीक उस समय आई जब भारत एक नयी सामाजिक अवधारणा विकसित कर रहा था’. हिंदी सिनेमा में जब हीरोइन एक दो गानों में ही नजर आती थी तब राज कपूर की फिल्मों की एक्ट्रेसेस उनकी फिल्मों में लीड रोल निभाती थीं. राज कपूर की ‘बरसात’, ‘आवारा’, ‘अंदाज’ और ‘चोरी चोरी’ जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों में एक्ट्रेसेस ने बड़ी भूमिकाएं निभाईं.

हिंदी सिनेमा का शोमैन

राज कपूर का जन्म 14 दिसंबर, 1924 को पेशावर में रणबीर राज कपूर के रूप में हुआ था. इसके बाद में उन्होंने चेंबूर में जमीन खरीदी और मुंबई में अपनी जड़ें जमा लीं. यहीं पर उन्होंने RK स्टूडियो की स्थापना की. राज कपूर एख ऐसे फिल्म मेकर थे जो हर तरह के बंधन से मुक्त थे, उनका यही आजाद व्यक्तित्व राज कपूर की फिल्मों में भी झलकता है. फिर चाहे अपनी फिल्म आवारा के सपने वाले सीन को फिल्माने के लिए एक विशाल सेट डिजाइन करना हो या ‘बॉबी’ में महंगी शैंपेन लाना हो या फिर ‘मेरा नाम जोकर’ का सर्कस रिंग.

यह भी पढें: Raj Kapoor@100: बॉलीवुड के ‘आवारा’ का जश्न मनाएगा इंडियन सिनेमा, हो जाइए तैयार

साल 2005 में ‘टाइम’ पत्रिका ने राज कपूर की फिल्म ‘आवारा’’ को वर्ल्ड सिनेमा में अब तक की 10 महानतम प्रस्तुतियों’ में शामिल किया था. ये वो फिल्म भी थी जिसने राज कपूर को स्टारडम भारतीय सीमाओं से परे, खासतौर से रूस में कायम किया.

Raj Kapoor@100: Even after dying, wanted to shout action-action 'Showman.' - Live Times

राज कपूर की पहली बड़ी फिल्म

साल 1964 में रिलीज हुई राज कपूर की फिल्म ‘संगम’ पहली बड़ी हिंदी फिल्म थी जिसे टेक्नीकलर और विदेश में शूट किया गया था. ये वो फिल्म भी है जिसमें उनकी ‘शोमैन’ की झलक साफ नजर आई. वहीं, राज कपूर की बेटी रितु नंदा ने अपनी किताब ‘राज कपूर स्पीक्स’ में लिखा है कि राज कपूर ने एक बार कहा था- ‘हम नग्नता देखकर चौंक जाते हैं, हमें मेच्योर होने की जरूरत है. मैंने हमेशा महिलाओं का सम्मान किया है, लेकिन समझ में नहीं आता कि मुझ पर उनका शोषण करने का आरोप क्यों लगाया जाता है. फेलिनी (इतालवी फिल्मकार) की न्यूड फीमेल को कला माना जाता है, लेकिन मैं जब परदे पर किसी महिला की सुंदरता दिखाता हूं, तो उसे शोषण कहा जाता है.’

Raj Kapoor@100: Even after dying, wanted to shout action-action 'Showman.' - Live Times

Conclusion

2 मई, 1988 को राज कपूर दादा साहब फाल्के पुरस्कार लेने के लिए दिल्ली आए. उस दौरान उन्हें अस्थमा का गंभीर दौरा पड़ा और वो सभागार में ही बेहोश हो गए. इसके बाद राज कपूर को अस्पताल ले जाया गया. इसके एक महीने बाद ही 63 साल की उम्र में राज कपूर का निधन हो गया. आज भले ही राज कपूर हमारे बीच नहीं हैं लेकिन अपनी बेहतरीन फिल्मों के जरिए वो सदियों तक लोगों के दिलों और जेहन में जिंदा रहेंगे.

यह भी पढें: 100 Years of Indian Cinema: सिनेमा के 100 साल के सुनहरे इतिहास को, जानें कब और कहां?

Follow Us On: Facebook | X | LinkedIn | YouTube Instagram

You may also like

Leave a Comment

Feature Posts

Newsletter

Subscribe my Newsletter for new blog posts, tips & new photos. Let's stay updated!

@2024 Live Time. All Rights Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?
-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00