100 years of Indian cinema: हिंदी सिनेमा के इतिहाल में कई बेहतरीन फिल्मों का जन्म हुआ है. ऐसे में अगर आप भी सिनेमा के 100 साल के सुनहरे इतिहास को महसूस करना चाहते हैं तो ये खबर आपके लिए ही है.
08 December, 2024
100 years of Indian cinema: हिंदी सिनेमा का 100 साल का सुनहरा इतिहास वाकई में बहुत दिलचस्प है. बीते 100 सालों में हिंदी सिनेमा में कई बेहतरीन फिल्मों का जन्म हुआ. कुछ फिल्में तो ऐसी हैं जो सालों बाद भी लोगों के दिलों दिमाग पर छाई हुई हैं. पीढ़ी दर पीढ़ी ये फिल्में लोगों को एंटरटेन कर रही हैं. ऐसे में अगर आप भी हिंदी सिनेमा के 100 साल के इतिहास को महसूस करना चाहते हैं तो राजस्थान के बीकानेर में राजमाता सुदर्शन कला दीर्घा में फिल्म पोस्टर एग्जीबिशन शुरू हो चुकी है.
200 से ज्यादा पोस्टर शामिल
नौशाद एकेडमी ऑफ हिंदुस्तानी म्यूजिक और अमन कला केंद्र की तरफ से आयोजित ये एग्जीबिशन हिंदी सिनेमा के 100 साल पूरे होने का प्रतीक है. यहां 1951 से 2001 के बीच रिलीज हुई फिल्मों के 200 से ज्यादा ओरिजनल फ्लेक्स पोस्टर लगाए गए हैं. इन्हें प्रोग्राम के ऑर्गेनाइजर एम. रफीक कादरी ने तैयार किया है. पुरानी फिल्मों के पोस्टर्स को संजो कर रखने की उनकी इस कोशिश में उनका जुनून साफ नजर आता है.
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12 सालों से जारी सिलसिला
पिछले 12 साल से आयोजित की जा रही ये प्रदर्शनी सिनेमा के शौकीन लोगों को पुरानी फिल्मों के खास पोस्टर्स के जरिए अनोखे सफर पर ले जाती है. इस एग्जीबिशन को देखने पहुंचे लोगों का मानना है कि इसके जरिए युवा पीढ़ी हिंदी सिनेमा के इतिहास को जान पाएगी. यहां पुरानी फिल्मों से जुड़ी ऐसी जानकारियां मिल सकती है जो उन्हें कहीं और नहीं मिलेगी. बीकानेर में लगी इस एग्जीबिशन में ‘नसीब’, ‘सीता और गीता’, ‘विधाता’, ‘सत्ते पे सत्ता’, ‘आन’, ‘धर्मात्मा’, ‘आवारा’, ‘मदर इंडिया’, ‘कुछ कुछ होता है’, ‘राजा रानी’, ‘राज कुमार’, ‘मुगल-ए-आजम’, ‘कुली’ और ‘शोले’ जैसी कई बेहतरीन फिल्मों के 200 से ज्यादा पोस्टर्स लगाए गए हैं.
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