Bihar Politics: तेजस्वी यादव ‘कार्यकर्ता दर्शन सह संवाद यात्रा’ के दसवें और अंतिम चरण में 19 से 21 फरवरी तक कई जिलों में कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहे हैं.
Bihar Politics: बिहार में इस साल के अंत तक विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले बिहार की सियासी धरती तपने लगी है. ऐसे में RJD यानि राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव भी सियासी यात्रा कर रहे हैं. ‘कार्यकर्ता दर्शन सह संवाद यात्रा’ के दसवें और अंतिम चरण में वह 19 से 21 फरवरी तक नालंदा, नवादा समेत पटना जिला में ‘कार्यकर्ता दर्शन सह संवाद यात्रा’ कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं. इस बीच RJD में सबसे बड़ी फूट की जानकारी सामने आ रहा है.
पार्टी विरोधी काम करने का आरोप
दरअसल, तेजस्वी यादव बुधवार की शाम नवादा पहुंचे. उनके पहुंचने से पहले जिले में कई जगहों पर पोस्टर लगाए गए थे. इन पोस्टर्स में दो प्रमुख विधायकों की तस्वीरें नदारत थी. नवादा से विधायक विभा देवी और रजौली से विधायक प्रकाश वीर की तस्वीरों की गैरमौजूदगी से सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया. माना जा रहा है कि नवादा में लालू के करीबी रहे राजबल्लभ यादव की पत्नी विभा देवी से तेजस्वी यादव नाराज चल रहे हैं. साथ ही दावा किया गया है कि दोनों विधायक पार्टी की बैठकों में शामिल नहीं होते हैं.
इसके अलावा पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव के दौरान भी दोनों विधायकों पर पार्टी विरोधी काम करने का आरोप लगा है. ऐसे में इस साल के अंत तक होने वाले विधानसभा चुनाव में दोनों ही विधायकों का टिकट कटना तय माना जा रहा है. ऐसे में दोनों विधायकों की तस्वीरें भी पोस्टर्स से हटा दी गई हैं. गौरतलब है कि कि नवादा जिले में कुल 6 विधानसभा सीटे हैं. बरबीघा, रजौली, हिसुआ, गोविंदपुर और वारिसलीगंज की विधानसभा सीट शामिल है. इनमें से तीन पर BJP के नेतृत्व नाले NDA का कब्जा है, तो तीन पर RJD का. ऐसे में यह सभी विधानसभा क्षेत्र दोनों ही दलों के लिए जरूरी हैं.
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RJD बिहार प्रदेश अध्यक्ष भी हैं नाराज
दोनों नेताओं को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा है कि तेजस्वी यादव के सामने यह सबसे बड़ी चुनौती है कि क्या वह इन विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे या फिर उन्हें मनाकर पार्टी में बनाए रखेंगे. बता दें कि चुनावी साल में RJD पर बड़ी टूट का संकट मंडरा रहा है. दरअसल, RJD के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पिछले कई दिनों से पार्टी ऑफिस में नजर नहीं आए हैं. जगदानंद सिंह ने न तो अपने पद से इस्तीफा दिया है और न ही लालू यादव ने उन्हें पद से हटाया है. पिछले साल ही रामगढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए थे. इस चुनाव में जगदानंद सिंह के बेटे अजीत कुमार सिंह चुनाव हार गए थे.
इसके बाद ही जगदानंद सिंह पार्टी कार्यालय नहीं जा रहे हैं. उनका पूरा परिवार ही RJD से नाराज बताया जा रहा है. हालांकि, पार्टी के वरिष्ठ नेता कह रहे हैं कि सब ठीक है. अब ऐसे में RJD के लिए सबसे बड़ा सवाल यह है कि जिस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक पिछले कई समय से पार्टी कार्यालय नहीं पहुंचे हैं, वह पार्टी प्रदेश में अपनी पूरी ताकत कैसे दिखा पाएगी. इसके साथ ही देखना दिलचस्प होगा कि इस टेंशन से तेजस्वी यादव और लालू यादव कैसे निपटेंगे.
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