सरकार जल्द ही दिल्ली के स्कूलों में बुजुर्गों की देखभाल से संबंधित पाठ्यक्रम शामिल करेगी.सरकार का मानना है कि वर्तमान परिवेश में बुजुर्गों की उपेक्षा हो रही है.
New Delhi: सरकार जल्द ही दिल्ली के स्कूलों में बुजुर्गों की देखभाल से संबंधित पाठ्यक्रम शामिल करेगी.सरकार का मानना है कि वर्तमान परिवेश में बुजुर्गों की उपेक्षा हो रही है.देखभाल के अभाव में वे परिवार से दूर एकाकी जीवन जीने को मजबूर हैं.अक्सर बच्चे अपने बुजुर्ग माता-पिता को वृद्धा आश्रम में छोड़ आते हैं. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली के स्कूलों में जल्द ही बुजुर्गों की देखभाल, योग और स्वयं सहायता पाठ्यक्रम शामिल किया जाएगा.
राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (SCERT) के एक अधिकारी ने बताया कि साइंस ऑफ लिविंग नामक एक नया पाठ्यक्रम भी शामिल किया जाएगा, जो छात्रों को योग, शारीरिक व्यायाम सहित ध्यान के विभिन्न रूपों से परिचित कराएगा. उन्होंने बताया कि यह पाठ्यक्रम किंडरगार्टन से कक्षा 10 तक के छात्रों के लिए होगा. अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि शिक्षा विभाग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर केंद्रित नए पाठ्यक्रम भी विकसित कर रहा है. उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे तकनीक विकसित होती जा रही है, कौशल विकास की आवश्यकता जरूरी हो गई है.
कई मौजूदा योजनाओं और पाठ्यक्रमों को भी किया जा रहा संशोधित
उन्होंने कहा कि इस मांग को पूरा करने के लिए हम नए पाठ्यक्रमों और गतिविधियों पर काम कर रहे हैं जो छात्रों को तकनीक की दुनिया में आगे रहने में मदद करेंगे. उन्होंने कहा कि कई मौजूदा योजनाओं और पाठ्यक्रमों को संशोधित किया जा रहा है. जिससे बच्चों को भविष्य में उसका लाभ मिल सके.
उन्होंने कहा कि इनमें से एक है NEEV (New Era of Entrepreneur Ecosystem and Vision), जो छात्रों को बिजनेस से जुड़ी गतिविधियों से परिचित कराएगी. अधिकारी ने बताया कि ‘राष्ट्रनीति’ नामक एक और नया कार्यक्रम सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए शुरू किया जाएगा ताकि उन्हें शासन, लोकतंत्र, सक्रिय नागरिकता और नीति निर्माण का व्यावहारिक ज्ञान दिया जा सके.
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