RBI Repo Rate: शुक्रवार की सुबह तीन दिवसीय मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक के बाद इस बात का एलान किया जाएगा. मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी में छह सदस्य शामिल हैं.
RBI Repo Rate: RBI यानी भारतीय रिजर्व बैंक शुक्रवार को बड़ी घोषणा करने वाला है. RBI हाई इन्फ्लेशन और कमजोर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के बीच रेपो रेट पर फैसला लेगा. शुक्रवार की सुबह तीन दिवसीय मौद्रिक नीति पैनल (मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी) की बैठक के बाद इस बात का एलान किया जाएगा. इस दौरान RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास बैठक में लिए फैसलों पर जानकारी देंगे.
पिछले साल फरवरी में बढ़े थे रेपो रेट
दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक की तीन दिन से मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक जारी है. यह बैठक शुक्रवार को खत्म होगी. इस बैठक के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास रेपो रेट को लेकर हुए बदलावों पर फैसला सुनाएंगे. RBI के आधिकारिक X हैंडल पर इस बात की जानकारी दी गई है. मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी में छह सदस्य शामिल हैं. इस बीच कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्रीय बैंक रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं कर सकता है.
हालांकि, कैश रिजर्व रेशियो में कुछ बदलाव किया जा सकता है. बता दें कि इससे पहले रेपो रेट को पिछले साल फरवरी में बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया गया था. इसके बाद से RBI ने रेपो रेट में कोई भी बदलाव नहीं किया है. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने RBI को यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा है कि CCR यानी कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स आधारित इन्फ्लेशन 2 प्रतिशत के मार्जिन के साथ 4 प्रतिशत पर बनी रहे.
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CCR में 50-बेसिक पाइंट की कटौती की संभावना
एक्यूट रेटिंग्स के कार्यकारी निदेशक और मुख्य अर्थशास्त्री सुमन चौधरी ने कहा कि CCR में कटौती से बैंकिंग प्रणाली सही रहेगी. इससे रेपो रेट में प्रभावित नहीं होगा. उन्होंने यह भी कहा कि इस साल दिसंबर और अगले साल फरवरी के बीच CCR में 50-बेसिक पाइंट की कटौती की संभावना है. इससे यह 4.5 प्रतिशत से 4 प्रतिशत हो जाएगा.
बता दें कि रिटेल इन्फ्लेशन खाद्य कीमतों में वृद्धि के कारण 14 महीने के उच्चतम स्तर यानी 6.21 प्रतिशत पर पहुंच गया है. पिछले साल अगस्त में यह 6.83 प्रतिशत था. MK ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की ओर से RBI के फैसले से पहले एक रिपोर्ट जारी कर बताया गया है कि GDP में भारी गिरावट का मतलब है कि नीतिगत व्यापार-नापसंद और भी अधिक तीव्र हो गया है क्योंकि अर्थव्यवस्था इन्फ्लेशन की स्थिति में दिख रही है.
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