RBI News : RBI ने कहा कि वर्गीकरण के लिए एफपीआई की ओर से किए गए सारे निवेश की जानकारी विदेशी मुद्रा प्रबंधन विनियम, 2019 के तहत दी गई समयसीमा के भीतर दी जानी चाहिए.
11 November, 2024
RBI News : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) के निवेश को लेकर गाइडलाइन जारी किया है. नियमों के अनुसार कोई यूनिट तय निवेश की सीमा को पार कर जाती है तो उसे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को एक बार फिर से कैटेगराइज किया जाएगा. विदेशी फोर्टफोलियो निवेशकों की मौजूदा समय में अपने निवेशक ग्रुप के साथ किया गया इन्वेस्ट कुल पेड इक्विटी कैपिटल (कंपनी के विभिन्न यूनिटों में मौजूद शेयर की कीमत सहित) के 10 प्रतिशत कम होना चाहिए.
दोबारा वर्गीकृत का है विकल्प
अगर कोई यूनिट तय सीमा से अपनी लिमिट क्रॉस से निवेश करने वाले किसी भी FPI के पास उल्लंघन करने वाले लेनदेन के निपटान की तारीख से पांच दिन के अंदर RBI और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) की शर्तों के तहत अपनी हिस्सेदारी को बेचने या ऐसी हिस्सेदारी को FDI के रूप में दोबारा वर्गीकृत करने का विकल्प है. वहीं, RBI ने एफपीआई की ओर से विदेशी पोर्टफोलियो निवेश को एफडीआई में एक बार फिर वर्गीकृत करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इस गाइडलाइन के मुताबिक FPI को सरकार से जरूरी अनुमोदन तथा संबंधित भारतीय निवेशकर्ता कंपनी की सहमति लेनी होगी.
कस्टोडियन से करना होगा संपर्क
वर्गीकरण के लिए एफपीआई की ओर से किए गए सारे निवेश की जानकारी विदेशी मुद्रा प्रबंधन विनियम, 2019 के तहत दी गई समयसीमा के भीतर दी जानी चाहिए. RBI ने बताया कि जानकारी देने के बाद FPI को अपने ‘कस्टोडियन’ से संपर्क कर भारतीय कंपनी के इक्विटी को अपने विदेशी पोर्टफोलियो निवेश डीमैट खाते से अपने एफडीआई को रखने के लिए बनाए गए डीमैट खाते में ट्रांसफर करने की अपील करनी चाहिए. केंद्रीय बैंक का साफ कहना है कि यह दिशा-निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होने चाहिए.
यह भी पढ़ें- महाराष्ट्र चुनाव ने बढ़ाई दिल्लीवालों की मुसीबत! स्टोर्स पर नहीं मिल रही ये सब्जी, लोगों का फूटा गुस्सा