Manufacturing Sector : भारत मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ में भले पिछले महीने के मुकाबले थोड़ी कमी आई है, लेकिन 56.5 दर का मतलब है कि अभी भी विस्तार होने की पूरी संभावना है.
Manufacturing Sector : भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ को नवंबर के महीने में बड़ा झटका लगा है. सोमवार को जारी एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में दावा किया गया कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ रेट में 56.5 दर के साथ 11 महीने के निचले स्तर पर आ गई है. बताया जा रहा है कि कॉम्पिटीटिव सिचुएशन और महंगाई के दबाव की वजह से ऐसा हुआ है, जिसके कारण कारखानों के ऑर्डर में बढ़ोतरी कम हुई है. सर्वे की रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) अक्टूबर में 57.5 से गिरकर 56.5 तक पहुंच गई.
ग्रोथ में कमी आने के बाद भी विस्तार संभव
PMI के तहत 50 से ऊपर सूचकांक होने का मतलब है कि प्रोडक्शन के एरिया में काफी विस्तार हो रहा है और 50 से नीचे जाने का अर्थ है कि वह गिर रहा है. HSBC के मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा कि भारत मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ में भले पिछले महीने के मुकाबले थोड़ी कमी आई है, लेकिन 56.5 दर का मतलब है कि अभी भी विस्तार होने की पूरी संभावना है. मुख्य अर्थशास्त्री ने आगे कहा कि वैश्विक स्तर पर मांग बढ़ने से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को थोड़ा बढ़ावा मिला है. लेकिन इसके बाद भी प्रोडक्शन विस्तार की दर थोड़ी धीमी रही है.
बीते दो साल में सबसे निचले स्तर पर आर्थिक दर
शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, मैन्युफैक्चरिंग और माइनिंग सेक्टर में खराब प्रदर्शन की वजह से वित्त वर्ष 2024-25 की जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि दर घटकर दो साल के निम्न स्तर 5.4 प्रतिशत पर आ गई है. वहीं, भारतीय वस्तु उत्पादकों ने अक्टूबर 2013 के बाद से अपने विक्रय मूल्यों में सबसे ज्यादा वृद्धि की गई है. इसके अलावा सर्वेक्षण में कहा गया है कि इंटरनेशनल मांग में बांग्लादेश, चीन, कोलंबिया, ईरान, इटली, जापान, नेपाल, ब्रिटेन और अमेरिका वृद्धि दर अच्छी रही है.
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