Home International खत्म हुआ 9 महीने का इंतजार, धरती पर वापसी के लिए सुनीता विलियम्स तैयार; कई सेहत समस्याओं का करना होगा सामना

खत्म हुआ 9 महीने का इंतजार, धरती पर वापसी के लिए सुनीता विलियम्स तैयार; कई सेहत समस्याओं का करना होगा सामना

by Live Times
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Sunita Williams Returning To Earth : सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर करीब 9 महीने के बाद अंतरिक्ष से पृथ्वी पर वापस लौटेंगे. क्रू 9 और सुनीता विलियम के प्रतिस्थापन क्रू-10 को रविवार 16 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से जोड़ा गया.

Sunita Williams Returning To Earth : सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर करीब 9 महीने के बाद अंतरिक्ष से पृथ्वी पर वापस लौटेंगे. क्रू 9 और सुनीता विलियम के प्रतिस्थापन क्रू-10 को रविवार 16 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से जोड़ा गया.

Sunita Williams Returning To Earth : नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर करीब 9 महीने के बाद पृथ्वी पर आने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. नासा की ओर से दी गई जानकारियों के मुताबिक 18 मार्च को शाम करीब 5:57 मिनट पर उनके धरती पर उतरने की उम्मीद है. यहां बता दें कि दोनों बीते साल 2024 में जून में बोइंग के स्टारलाइनर यान से अंतरिक्ष पहुंचे थे, लेकिन यान में तकनीकी खराबी के चलते वापस नहीं आ सके. वहीं, अब स्पेसएक्स का ड्रैगन क्राफ्ट यान रविवार को चार अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पहुंचा है.

सेहत पर पड़ सकता है असर

यहां बता दें कि 9 महीने से ज्यादा टाइम से अंतरिक्ष में रहने की वजह से दोनों यात्रियों के शरीर में कई बदलाव देखें जा सकते हैं, जिसकी वजह से उनके सेहत पर भी काफी असर देखने को मिलेगा. सबसे बड़ा बदलाव उनके मांसपेशियों और हड्डियों में होती है.

क्या-क्या हो सकती है समस्या?

गौरतलब है कि काफी समय तक अंतरिक्ष में रहने की वजह से शरीर में कई सारे बदलाव होते हैं. नासा के अंतरिक्ष यात्री Leroy Chiao कहते हैं कि दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को धरती पर आने के बाद चलने में परेशानी होने वाली है. लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने से अंतरिक्ष यात्रियों में ‘Baby Feet’ की दिक्कत पैदा होती है. उन्होंने आगे कहा कि हवा और गुरुत्वाकर्षण न होने के कारण अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस में वजनहीनता का आभास होता है और पैर की ऊपरी मोटी चमड़ी खत्म हो जाती है. इस दौरान उनके पैर बच्चों की तरह हो जाते हैं.

बोन डेंसिटी हो जाती है लॉस

यहां बता दें कि ज्यादा समय तक अंतरिक्ष में रहने की वजह से बेबी फीट के अलावा अंतरिक्ष यात्रियों को बोन डेंसिटी लॉस भी हो सकता है. इसकी वजह से उनकी हड्डियां कमजोर हो जाती है. वहीं, नासा का कहना है कि अंतरिक्ष में बिताया गया हर महीना एक प्रतिशत बोन डेंसिटी को कम कर देता है जिससे हड्डियों के टूटने का रिस्क बढ़ जाता है. पैरों और पीठ की मांसपेशियां भी शारीरिक गतिविधियों न होने के कारण कमजोर हो जाती हैं.

इन समस्याओं का भी होता है खतरा

धरती पर लौटते वापसी के बाद सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को कुछ महीनों तक और भी कई सारी समस्याएं बनी रह सकती हैं. इसमें अंतरिक्ष में ग्रैविटी कम होने की वजह से हड्डियों का घनत्व और मांसपेशियों की समस्या के साथ ही फ्रैक्चर होने या इससे संबंधित कई दिक्कतें बनी रह सकती हैं. अंतरिक्ष में रहने के कारण हृदय, मस्तिष्क और संचार प्रणाली भी प्रभावित होती है. अंतरिक्ष में माइक्रोग्रैविटी की वजह से मस्तिष्क में तरल पदार्थ की मात्रा बढ़ने लगती है. इससे सुनने की क्षमता में कमी, दृष्टि की कमजोरी और सेरेब्रल एडिमा यानी मस्तिष्क में सूजन होने की दिक्कत भी हो सकती है.
 
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