आगामी 25 मार्च को योगी सरकार के आठ वर्ष पूरे हो रहे हैं.यह आठ वर्ष नए भारत के नए उत्तर प्रदेश के सृजन के रहे हैं. आठ वर्ष पूरे होने के अवसर पर सभी जिलों में तीन दिवसीय मेले का आयोजन किया जाएगा.
LUCKNOW: आगामी 25 मार्च को योगी सरकार के आठ वर्ष पूरे हो रहे हैं.यह आठ वर्ष नए भारत के नए उत्तर प्रदेश के सृजन के रहे हैं. आठ वर्ष पूरे होने के अवसर पर सभी जिलों में तीन दिवसीय मेले का आयोजन किया जाएगा. इन मेलों में राज्य सरकार द्वारा विगत आठ वर्षों में जनता की सेवा, सुरक्षा और प्रदेश में सुशासन स्थापित करने के लिए किए गए प्रयासों और परिणामों से जनता को अवगत कराया जाएगा. इसके लिए CM योगी ने खास निर्देश भी जारी कर दिए हैं.
चिकित्सा शिक्षा में बदली प्रदेश की छवि
वर्ष 2017 से पहले बीमारू प्रदेश कहे जाने वाला उत्तर प्रदेश पिछले आठ वर्षों में स्वस्थ और उत्तम प्रदेश बनकर उभरा है. योगी के नेतृत्व में आयोजित प्रयागराज महाकुंभ से सूबे को पूरी दुनिया में पहचान मिली, साथ ही यहां की अर्थव्यवस्था में भी काफी इजाफा हुआ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का तेजी से विस्तार हुआ है. योगी सरकार ने पिछले आठ वर्षों में प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या में वृद्धि, एमबीबीएस-पीजी सीटों में विस्तार, सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों और रिसर्च संस्थानों की स्थापना तथा आयुष चिकित्सा को बढ़ावा देकर चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक नया स्वर्णिम अध्याय लिखा है.
UP में लाखों युवाओं को बेहतर चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण के अवसर
इन प्रयासों से प्रदेश के लाखों युवाओं को बेहतर चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण का अवसर मिल रहा है, जिससे भविष्य में प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे को और मजबूत किया जा सकेगा. चिकित्सा शिक्षा की डीजी किंजल सिंह ने बताया कि पिछले आठ वर्षों में प्रदेश में 80 मेडिकल कॉलेज संचालित किए गए हैं, जिनमें 44 राजकीय एवं 36 निजी मेडिकल कॉलेज शामिल हैं. यह उपलब्धि प्रदेश के स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में मील का पत्थर साबित हो रही हैं. प्रदेश सरकार की दूरदर्शिता का ही परिणाम है कि बिजनौर, बुलंदशहर, कुशीनगर, पीलीभीत, सुल्तानपुर, कानपुर देहात, ललितपुर, औरैया, चंदौली, गोंडा, सोनभद्र, लखीमपुर खीरी और कौशांबी जैसे जिलों में स्वशासी मेडिकल कॉलेजों में पठन-पाठन प्रारंभ हो चुका है.
वहीं, महाराजगंज, शामली और संभल में PPP (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल के तहत मेडिकल कॉलेजों की स्थापना कर चिकित्सा शिक्षा को और अधिक सुलभ बनाया गया है. वहीं प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा को मजबूती देने के लिए MBBS और PG सीटों में भी ऐतिहासिक वृद्धि की गई है. वर्तमान में सरकारी क्षेत्र में 5,250 एमबीबीएस सीटें उपलब्ध हैं, जबकि निजी क्षेत्र में 6,550 सीटें हैं. इसके अतिरिक्त पीपीपी मॉडल पर स्थापित तीन नए मेडिकल कॉलेजों में 350 अतिरिक्त सीटें जोड़ी गई हैं. इसी तरह सरकारी क्षेत्र में एमडी/एमएस/डिप्लोमा सीटों की संख्या 900 से बढ़कर 1,871 हो गई है, जबकि निजी क्षेत्र में 2,100 पीजी सीटें उपलब्ध हैं.जिससे प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा को और अधिक समृद्ध किया गया है.
आयुष बोर्ड के गठन से आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी चिकित्सा को बढ़ावा
योगी सरकार के प्रयासों से आयुष चिकित्सा शिक्षा को भी बढ़ावा मिला है. अयोध्या में राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय और वाराणसी में राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज की स्थापना की गई है. प्रदेश सरकार ने आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना करते हुए महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना की है. इसके अलावा प्रदेश में आयुष बोर्ड के गठन का भी निर्णय लिया गया है, जिससे आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी चिकित्सा को एक सुदृढ़ संरचना मिलेगी.
चिकित्सा सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए राजधानी लखनऊ में कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर इंस्टीट्यूट में ‘सेंटर फॉर एडवांस मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक्स एंड रिसर्च फॉर कैंसर’ की स्थापना की गई है. इसके अलावा संजय गांधी पीजीआई (SGPGI) में डायबिटीज सेंटर की स्थापना के साथ-साथ 500 बेड के एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर का निर्माण कार्य प्रगति पर है. IIT कानपुर के तहत 500 शैय्यायुक्त सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के साथ ‘स्कूल ऑफ मेडिकल रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी’ की स्थापना भी की जा रही है, जो चिकित्सा अनुसंधान और अत्याधुनिक तकनीकों को बढ़ावा देगा.
नर्सिंग और पैरामेडिकल के क्षेत्र में भी बड़ी उपलब्धि
उधर, योगी सरकार ने नर्सिंग और पैरामेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं. प्रदेश में स्वीकृत 27 नर्सिंग कॉलेजों में से 25 में निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया है. प्रदेश में लंबे समय से बंद पड़े 35 एएनएम (सहायक नर्सिंग मिडवाइफरी) प्रशिक्षण केंद्रों को पुनः शुरू किया गया है.
योगी सरकार ने प्रदेश को मेडिकल शिक्षा के बड़े संस्थानों की सौगात दी है. लखनऊ में अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है. वहीं गोरखपुर और रायबरेली में एम्स (AIIMS) का संचालन किया जा रहा है, जिससे पूर्वी और मध्य उत्तर प्रदेश के लोगों को विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं.
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- लखनऊ से धीरज त्रिपाठी की रिपोर्ट