Tariff War : भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर मुश्किलें थम नहीं रही हैं. अमेरिका लंबे समय से भारत से कहता आ रहा है कि वो अपने आयात शुल्क को कम करे जिससे अमेरिकी कंपनियों को फायदा हो.
Tariff War : भारत और अमेरिका के बीच होने वाले व्यापार को लेकर कई बदलाव हो सकते हैं. दोनों की देश के बीच टैरिफ को लेकर बातचीत जारी है. नए व्यापार समझौते के तहत अगर अमेरिका से आने वाले कुछ खास सामानों पर इम्पोर्ट ड्यूटी कम होती है तो भारतीय बाजार में ये प्रोडक्ट पहले से सस्ते हो सकते हैं. इससे लोगों को अमेरिकी समान सस्ते मिल सकते हैं. हालांकि, कई सेक्टरों पर इसका गहरा प्रभाव भी पड़ सकता है. भारत में अमेरिका पर लगे इम्पोर्ट ड्यूटी पर लगातार बवाल हो रहा है.
क्यो सस्ते होंगे अमेरिका के सामान?
भारत और अमेरिका के बीच चल रही टैरिफ जंग अब एक नए मोड़ पर आ गई है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की बात कही है. इसका मतलब ये है कि अगर भारत अमेरिकी सामानों पर ज्यादा टैक्स लगाएगा तो अमेरिका भी भारत के सामानों पर उतना ही टैक्स लगाएगी. हालांकि, भारत में अमेरिका के सामान पर 110 प्रतिशत तक इम्पोर्ट ड्यूटी लगती है. ट्रंप चाहते हैं कि भारत इन इम्पोर्ट ड्यूटीको कम करे.
क्या-क्या हो सकता है सस्ता?
भारत जिन सामानों पर इम्पोर्ट ड्यूटी कम कर सकता है उसमें इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, स्टील, इंजन, टायर, स्पेयर पार्ट्स, मेडिकल इक्विपमेंट, बादाम, अखरोट, वाइन जैसे कुछ खाद्य पदार्थ शामिल हो सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो आईफोन, लैपटॉप, स्मार्टवॉच, गाड़ियों के स्पेयर पार्ट्स और हेल्थकेयर से जुड़े प्रोडक्ट्स भारत में पहले से सस्ते हो सकते हैं. इसके अलावा हार्ले डेविडसन जैसी महंगी बाइकें भी सस्ती हो सकती हैं.
भारत व्यापार पर होगा असर
यहां बता दें कि अमेरिकी सामानों पर इम्पोर्ट ड्यूटी कम होने का असर भारतीय उद्योगों पर भी इसका असर देखा जा सकता है. अगर इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स सस्ते होते हैं तो भारतीय कंपनियों के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है, क्योंकि इनमें विदेशी ब्रांड्स को बढ़त मिलेगी. वहीं, अगर इसी तरह अगर ऑटो पार्ट्स सस्ते होते हैं तो भारतीय ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को भी नुकसान पहुंच सकता है.
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