तमिलनाडु के किसान की दो बेटियां देश की सबसे कठिन व प्रतिष्ठित संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा पास कर समाज के लिए मिसाल बन गईं हैं.
IAS-IPS SUCCESS STORY: तमिलनाडु के किसान की दो बेटियां देश की सबसे कठिन व प्रतिष्ठित संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा पास कर समाज के लिए मिसाल बन गईं हैं. दोनों बहनों की सफलता में संसाधनों की कमी कभी बाधक नहीं बनी. इनमें से एक ने IAS और दूसरी ने IPS बनकर परिवार के साथ देश व समाज का नाम रौशन किया है. यह उन छात्रों के लिए प्रेरणादायक है जो असफल होकर निराश हो जाते हैं या फिर संसाधनों व आर्थिक तंगी का रोना रोते हैं.
दोनों बहनों का सपना बचपन से ही देश की सबसे प्रतिष्ठित सेवा में जाकर समाज की सेवा करना था. ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी तमिलनाडु के कुड्डालोर जिले के एक किसान की दो बेटियों सुष्मिता रामनाथन और ईश्वर्या रामनाथन की है,जिन्होंने हर मुश्किल को पार करते हुए IPS और IAS अधिकारी बनकर दिखाया. एक छोटे से कृषि परिवार में जन्मीं सुष्मिता और ईश्वर्या को बचपन में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा. उनकी पढ़ाई के लिए सीमित संसाधन थे.
छोटी बहन ईश्वर्या ने सबसे पहले पास की 2018 में सिविल सेवा परीक्षा
उनके जीवन के सबसे दुखद पलों में से सन् 2004 था, जब सुनामी के दौरान उनका घर टूट गया था. लेकिन इस त्रासदी ने उनके हौसले को नहीं तोड़ा. बल्कि इसने उनकी हिम्मत और दृढ़ संकल्प को और मजबूत किया. इन मुश्किलों के बावजूद दोनों बहनों ने हार नहीं मानी और आखिरकार UPSC परीक्षा पास करके IAS और IPS बनीं. छोटी बहन ईश्वर्या ने सबसे पहले सफलता हासिल की. उन्होंने 2018 में सिविल सेवा परीक्षा पास की, जिसमें उन्हें अखिल भारतीय रैंक (AIR) 628 मिली और उनका चयन रेलवे अकाउंट्स सर्विस (RAS) के लिए हुआ. लेकिन वह अपनी रैंक से संतुष्ट नहीं थीं.
उन्होंने फिर से परीक्षा देने का फैसला किया. 2019 में उन्होंने फिर से UPSC की परीक्षा दी और 44वीं रैंक हासिल की. 22 साल की उम्र में वह तमिलनाडु कैडर की IAS अधिकारी बनीं. वह वर्तमान में तमिलनाडु के थूथुकुडी जिले में अतिरिक्त कलेक्टर (विकास) के रूप में कार्यरत हैं. दूसरी ओर सुष्मिता को कई असफलताओं का सामना करना पड़ा.
सुष्मिता ने छठे प्रयास में पाई सफलता, बनीं IAS
उन्होंने अपने पहले पांच प्रयासों में परीक्षा पास नहीं की. लेकिन उनकी दृढ़ता और समर्पण आखिरकार रंग लाई जब उन्होंने 2022 में अपने छठे प्रयास में सफलता हासिल की, जिसमें उन्होंने 528 की AIR हासिल की और आंध्र प्रदेश कैडर में IPS अधिकारी बनीं. वह वर्तमान में दक्षिणी राज्य के काकीनाडा जिले में सहायक पुलिस अधीक्षक (ASP) के रूप में कार्यरत हैं.
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