Home International जिहाद के आका पाकिस्तान में ‘धर्म के दुश्मनों’ की एंट्री, एक झटके में ISIS ने उड़ा दी सबकी नींद

जिहाद के आका पाकिस्तान में ‘धर्म के दुश्मनों’ की एंट्री, एक झटके में ISIS ने उड़ा दी सबकी नींद

by Divyansh Sharma
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Pakistan Suicide Blast: ‘यूनिवर्सिटी ऑफ जिहाद’ यानि दारुल उलूम हक्कानिया धार्मिक मदरसे के ब्लास्ट में ISIS के आतंकियों का नाम सामने आ रहा है.

Pakistan Suicide Blast: आतंकिस्तान यानि पाकिस्तान में ‘धर्म के दुश्मनों’ की एंट्री हो गई है. खुद आतंकियों को पाल-पोस कर बड़ा करने वाला पाकिस्तान उनसे ही परेशान हो गया है. आतंकियों ने 28 फरवरी को पाकिस्तान के ‘यूनिवर्सिटी ऑफ जिहाद’ यानि दारुल उलूम हक्कानिया धार्मिक मदरसे में बम फोड़ दिया था.

‘यूनिवर्सिटी ऑफ जिहाद’ में शुक्रवार को हुए आत्मघाती विस्फोट में आतंकी समूह अफगान तालिबान के जनक मौलाना समी-उल-हक के बेटे हामिद-उल-हक की मौत हो गई थी. दारुल उलूम हक्कानिया धार्मिक मदरसा को ‘यूनिवर्सिटी ऑफ जिहाद’ भी कहा जाता है. अब माना जा रहा है इस हमले को ISIS यानी इस्लामिक स्टेट के आतंकियों ने अंजाम दिया है.

कई देशों में ISIS को माना जाता है धर्म का दुश्मन

दरअसल, अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के नौशेरा जिले के दारुल उलूम हक्कानिया मदरसे में हुए हमले में नया एंगल सामने आ रहा है. पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि मदरसे पर हुए हमले की प्रवृत्ति अन्य हमलों से अलग है, जिसमें आतंकी ज्यादातर सुरक्षाकर्मियों और सरकारी अधिकारियों को निशाना बनाते है. मीडिया रिपोर्टों ने पुलिस अधिकारियों के हवाले से बताया कि यह एक आत्मघाती विस्फोट था और हामिद-उल-हक स्पष्ट रूप से इसका लक्ष्य था.

अभी तक इस हमले की जिम्मेदारी किसी आतंकी समूह ने नहीं ली है, लेकिन अफगान तालिबान ने संकेत दिया है कि इसमें स्वयंभू इस्लामिक स्टेट का हाथ हो सकता है. अफगान गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने हमले की निंदा करते हुए इसका दोष ‘धर्म के दुश्मनों’ पर मढ़ा है. ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि इस हमले के पीछे ISIS के आतंकी शामिल हो सकते हैं. बता दें कि कई इस्लामिक देशों में ISIS को धर्म का दुश्मन माना जाता है.

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अफगान तालिबान और ISIS के बीच कट्टर दुश्मनी

बता दें कि हक्कानिया के दिवंगत प्रमुख समी-उल-हक और उसके बेटे हामिद-उल-हक धार्मिक गतिविधियों के साथ-साथ राजनीति में भी सक्रिय थे. ISIS समूह के आतंकी इस तरह के मौलवियों को तिरस्कार की नजरों से देखते हैं. इसके साथ ही हक्कानी मदरसे के मजबूत संबंध भी थे. ऐसे में दावा किया जा रहा है कि अफगान तालिबान मजबूत संबंधों को लेकर इस तरह के हमले को अंजाम दिया गया हो. दरअसल, ISIS का अफगान सहयोगी ISIS-खुरासान हक्कानिया मदरसे की खुलेआम आलोचना करता रहा है.

बता दें कि अफगान तालिबान और ISIS-खुरासान के बीच कट्टर दुश्मनी है. हाल के समय में खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान के कुछ हिस्सों में लगातार आतंकी गतिविधियां देखी जा रही हैं. माना जाता है कि इस तरह से हमले प्रतिबंधित TTP यानि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और BLA यानि बलूच लिबरेशन आर्मी उससे जुड़े समूहों की ओर से किए जा रहे हैं. अब पहली बार ISIS का नाम सामने आने के बाद पाकिस्तान के सुरक्षा बलों की चिंता बढ़ गई है.

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