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BSP सुप्रीमो मायावती का बड़ा फैसला, कोऑर्डिनेटर पद से हटाए गए आकाश, जानें क्या है वजह

by Divyansh Sharma
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UP Politics: मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर पद से हटा दिया है. उन्होंने अपने भाई आनंद कुमार और रामजी गौतम को नया कोआर्डिनेटर नियुक्त किया है.

UP Politics: BSP यानि बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को बहुत बड़ा फैसला लिया है. उन्होंने अपने भतीजे आकाश आनंद को राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर पद से हटा दिया है. बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हो रही पार्टी की राष्ट्रीय मीटिंग में भी आकाश आनंद शामिल नहीं हुए हैं.

अब BSP सुप्रीमो मायावती ने अपने भाई आनंद कुमार और रामजी गौतम को नया नेशनल कोआर्डिनेटर नियुक्त किया है. इससे पहले तक पार्टी में अभी तक एक ही नेशनल कोऑर्डिनेटर होते थे. अब मायावती ने यह नियम बदल दिया है. ऐसे में माना जा रहा है कि BSP अंतर्कलह से जूझ रही है. मायावती ने यह भी ऐलान किया है कि वह अपने जीते जी अपना कोई उत्तराधिकारी नहीं बनाएंगी और अंतिम सांस तक पार्टी का नेतृत्व करती रहेंगी.

पार्टी की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से हटाते हुए मायावती ने उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है. अशोक सिद्धार्थ को उन्होंने गुटबाजी और पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पिछले महीने BSP से निष्कासित कर दिया था. उन्होंने कहा कि अशोक सिद्धार्थ ने पूरे देश में BSP को दो गुटों में बांटकर उसे कमजोर करने की कोशिश की. साथ ही उन्होंने आकाश आनंद का राजनीतिक करियर भी बर्बाद कर दिया.

आकाश आनंद को लेकर आश्‍वस्‍त नहीं हैं मायावती

बता दें पिछले कुछ दिनों से यह जानकारी सामने आ रही थी कि मायावती अपने भतीजे आकाश आनंद को लेकर आश्‍वस्‍त नहीं हैं. इस बात का संकेत उन्होंने 16 फरवरी को एक X पोस्ट में दे दिया था. उन्होंने अपने X हैंडल पर एक के बाद एक किए 5 पोस्ट कर बताया था कि उनका वास्तविक उत्तराधिकारी कैसा होगा.

उन्होंने अपने पोस्ट में कहा था कि BSP कांशीराम की ओर से स्थापित की गई पार्टी और मूवमेंट में स्वार्थ, रिश्ते-नाते जैसी चीजें महत्वहीन यानि बहुजन-हित से सर्वोपरि है. साथ ही कहा कि कांशीराम के उत्तराधिकारी होने के नाते मैं भी उनके पद चिह्नों पर चलते हुए आखिरी सांस तक हर कुर्बानी देकर संघर्ष जारी रखूंगी.

इसके अगले पोस्ट में उन्होंने कहा कि कांशीराम की तरह ही मेरे जीते जी भी पार्टी और मूवमेंट का वास्तविक उत्तराधिकारी वही होगा, जब वह कांशीराम के अंतिम सांस तक और उनकी शिष्या की तरह हर दुःख-तकलीफ उठाकर पार्टी को आगे बढ़ाने में पूरे जी-जान से लगातार लगा रहे.

साथ ही कहा कि उसके लिए BSP के छोटे-बड़े सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को भी पार्टी प्रमुख की ओर से निर्देश, अनुशासन और दायित्व के प्रति पूरी निष्ठा से जवाबदेह होकर लगातार काम करते रहना भी जरूरी है. ऐसे में अब आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से मुक्त कर दिया गया है.

आकाश आनंद के ससुर को भी किया है पार्टी से निष्कासित

बता दें कि मायावती ने साल 2023 में अपने भतीजे आकाश आनंद को उत्तराधिकारी और पार्टी का कोओर्डिनेटर घोषित किया था. BSP की राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में एक बार फिर से उन्होंने आकाश आनंद को आशीर्वाद दिया था. ऐसे में यह तय माना जा रहा था कि मायावती ने आकाश आनंद को पूर्ण रूप से अपना उत्तराधिकारी मान लिया है.

इसके बाद मायावती ने लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान तीव्र और आक्रामक भाषण देने के चलते 7 मई, 2024 को आकाश आनंद को अपरिपक्व बताते हुए उत्तराधिकारी और कोओर्डिनेटर की जिम्मेदारियों से अलग कर दिया था. चुनाव खत्म होने के बाद उन्होंने फिर से आकाश आनंद को कोओर्डिनेटर पद पर नियुक्त किया था.

बता दें कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और BSP के गठबंधन के तहत चुनाव लड़ते समय आकाश आनंद की औपचारिक एंट्री हुई थी. मायावती ने ही आकाश आनंद को संगठन से लेकर चुनाव मैनेजमेंट की ट्रेनिंग दी और कई राज्यों में चुनाव कराने के लिए भेजा था. अब उन्होंने आकाश आनंद को फिर से सभी पदों से मुक्त कर दिया है.

इससे पहले उन्होंने 12 फरवरी को आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ और उनके करीबी माने जाने वाले नितिन सिंह को भी पार्टी से निष्कासित कर दिया. मायावती ने इस पर बयान जारी करते हुए कहा था कि BSP की ओर से खासकर दक्षिणी राज्यों के प्रभारी रहे डॉ. अशोक सिद्धार्थ और पूर्व सांसद नितिन सिंह चेतावनी के बावजूद भी गुटबाजी और पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण पातत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित किया जाता है.

यह भी पढ़ें: उत्तराधिकारी को लेकर मायावती ने कर दिया बहुत बड़ा एलान, अब बढ़ेगी आकाश आनंद की टेंशन

यह भी पढ़ें: UP Politics उपचुनाव खत्म! SP के 2 विधायकों ने दिखाए बागी तेवर; अब क्या करेंगे अखिलेश यादव

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