DK Shivakumar In Sadguru Program : कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के महाशिवरात्रि के अवसर पर ईशा योग केंद्र समारोह में जाने पर विवाद हो गया है.
DK Shivakumar In Sadguru Program : कर्नाटक में उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार महाशिवरात्रि के अवसर पर ईशा योग केंद्र पहुंचे थे. इसके बाद से उनके इस दौरे को लेकर बवाल खड़ा हो गया है. इससे पहले उनके महाकुंभ में जानें और संगम स्नान को लेकर भी विवाद हुआ था. इस विवाद को लेकर कांग्रेस दो टीम में बट गई है. सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना ने सवाल उठाया कि शिवकुमार राहुल गांधी के आलोचक के साथ कैसे मंच साझा कर सकते हैं. इन सवालों पर पलटवार करते हुए डीके शिवकुमार ने कहा कि वह कांग्रेसी हैं लेकिन हिंदू पैदा हुए हैं और मरते दम तक हिंदू ही रहेंगे.
ಇಶಾದಲ್ಲಿ ಭಕ್ತಿ, ಭಾವ ಪರವಶ! 🔱✨
— DK Shivakumar (@DKShivakumar) February 27, 2025
ಎಲ್ಲೆಲ್ಲೂ ಶಿವನಾಮದ ಝೇಂಕಾರ,
ಆದಿಯೋಗಿ ಸನ್ನಿಧಿಯಲ್ಲಿ ಆತ್ಮ ಸಾಕ್ಷಾತ್ಕಾರ!
ಭಸ್ಮಭೂಷಿತನ ಸ್ಮರಣೆಯಲ್ಲಿ ಮಿಂದೆದ್ದರು ಜನ,
ನಟರಾಜನ ನಾದದಲ್ಲಿ ಸಮ್ಮಿಳಿತವಾಯಿತು ತನು-ಮನ! #Mahashivratri pic.twitter.com/FhiON0w4jP
केएन राजन्ना ने उठाए सवाल
केएन राजन्ना ने सवाल उठाते हुए कहा कि सद्गुरु ने खुद कहा था कि वह राहुल गांधी को नहीं जानते, है ना? शिवकुमार को मुझसे बेहतर पता है कि लोग लोकसभा में हमारे नेता के बारे में क्या कहते हैं. उन्हें जवाब देना चाहिए कि ऐसे लोगों के साथ मंच साझा करना कितना जायज है.
भाई के समर्थन में उतरें डीके सुरेश
वहीं, इस मामले को लेकर पूर्व सांसद डीके सुरेश ने अपने भाई का बचाव करते हुए दिखें. उन्होंने कहा कि पार्टी आलाकमान को इस बारे में सूचित किया गया था. सुरेश ने आगे कहा कि जब भी शिवकुमार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिले, उन्होंने पार्टी को सूचित किया. उन्होंने ईशा फाउंडेशन के महाशिवरात्रि कार्यक्रम में शामिल होने के बारे में भी उन्हें सूचित किया था. उन्होंने डीके शिवकुमार पर लगे गोपनीयता के सारे आरोपों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि उनके भाई ने पार्टी को हर मुलाकात की जानकारी दी थी. उन्होंने यह भी बताया कि महाशिवरात्रि कार्यक्रम में जाने की जानकारी भी पार्टी को थी.
बचाव में बोलें शिवकुमार
वहीं, अपने दौरे का बचाव करते हुए डीके शिवकुमार ने अपनी आस्था को लेकर स्पष्ट किया कि मैं हिंदू के रूप में जन्मा था और हिंदू के रूप में मरूंगा. उन्होंने आगे कहा कि सद्गुरु कर्नाटक से हैं. वह कावेरी जल के लिए लड़ रहे हैं. उन्होंने आकर मुझे व्यक्किगत रूप से निमंत्रण दिया था और मैनें उसे स्वीकार कर लिया. उस कार्यक्रम में अलग-अलग दल के राजनीतिक नेता मौजूद थे, इसलिए मैं वहां गया. यह मेरी व्यक्तिगत आस्था है.
विवाद पर ध्यान दें आलाकमान
वहीं, राज्य के लोक निर्माण मंत्री सतीश जारकीहोली ने कहा कि इसस विवादने अब कर्नाटक से निकलकर राष्ट्रीय स्तर पर तूल पकड़ लिया है और पार्टी आलाकमान को इस पर संज्ञान लेना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि अब यह सिर्फ कर्नाटक तक सीमित नहीं है. यह दिल्ली से जुड़े लोगों से संबंधित मामला बन चुका है. हमें नहीं मालूम क्या गलत है और क्या सही है, लेकिन दिल्ली के नेताओं को इस मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए.
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