PKK Ceasefire With Turkey: साल 1999 से जेल में बंद विद्रोहियों के नेता अब्दुल्ला ओकलान के हवाले से बताया कि हम आज से प्रभावी युद्ध विराम की घोषणा करते हैं.
PKK Ceasefire With Turkey: तुर्की में 40 साल से विद्रोह कर रहे कुर्द लड़ाकों ने आखिरकार शनिवार को संघर्ष विराम की घोषणा कर दी. PKK यानि कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी की ओर से यह घोषणा तब की गई है, जब पड़ोसी देश सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद को सत्ता से हटाना, लेबनान में हिजबुल्लाह समूह का का कमजोर होना और गाजा में इजराइल-हमास युद्ध जैसे उलटफेर देखने को मिले हैं. PKK के करीबी मीडिया आउटलेट फिरात न्यूज एजेंसी ने यह जानकारी दी है.
कई देशों ने घोषित किया है आतंकी संगठन
फिरात न्यूज एजेंसी ने साल 1999 से जेल में बंद विद्रोहियों के नेता अब्दुल्ला ओकलान के हवाले से बताया कि हम आज से प्रभावी युद्ध विराम की घोषणा करते हैं, ताकि शांति और लोकतांत्रिक समाज का मार्ग प्रशस्त हो सके. जब तक हमला नहीं किया जाता, तब तक हमारी कोई भी सेना सशस्त्र कार्रवाई नहीं करेगी.
बता दें कि गुरुवार को कुर्द राजनेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने ओकलां के द्वीपीय जेल में अब्दुल्ला ओकलान से मुलाकात करने के बाद PKK से हथियार डालने और उसे भंग करने का आह्वान किया था. गौरतलब है कि साल 1984 में तुर्की और PKK के बीच संघर्ष के कारण अब तक हजारों लोगों की मौत हो चुकी है. तुर्की समेत अमेरिका और यूरोपीय संघ ने PKK को आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है.
Abdullah Ocalan, jailed leader of the outlawed Kurdish militant group PKK, called on his followers to lay down their arms. His appeal could have major implications for the region https://t.co/QjCNXyY7R2 pic.twitter.com/FfHIq9Yjdu
— Reuters (@Reuters) February 27, 2025
दरअसल, कुर्द लड़ाकों ने साल 1984 से ही तुर्की से अलग कुर्दिस्तान देश या तुर्की में ही कुर्दों को पहले से ज्यादा अधिकार देने की मांग कर रहे हैं. इसी को लेकर साल 1984 से लड़ाई जारी थी. इस जंग में अब तक 40 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. संगठन के नेता अब्दुल्लाह ओकलान को साल 1999 में तुर्की की स्पेशल फोर्स ने उसे केन्या से पकड़ा था. इसके बाद इस्तांबुल की एक स्पेशल जेल में कैद रखा गया है.
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साल 2013 से 2015 तक रहा संघर्ष विराम
जानकारी के मुताबिक PKK को कोंगरा-गेल के नाम से भी जाना जाता है. इसकी स्थापना साल 1978 में एकीकृत, स्वतंत्र कुर्दिस्तान बनाने के लक्ष्य के साथ की गई थी. इस समूह का उद्देश्य कुर्द अधिकारों और मान्यता को आगे बढ़ाने के लिए ईरान, इराक, सीरिया और तुर्की के कुर्द क्षेत्रों पर पूरा नियंत्रण हासिल करना है.
माना जाता है कि PKK ने इराक में अपना मुख्यालय बनाए रखा है और मुख्य रूप से दक्षिण-पूर्वी तुर्की के कुर्द क्षेत्र में तुर्की के ठिकानों पर हमलों को अंजाम देता है. इन हमलों के बाद से तुर्की सुरक्षा बलों ने PKK के अधिकांश अभियानों को इराक और सीरिया में धकेल दिया है. PKK और तुर्की सरकार ने 2013 से 2015 तक संघर्ष विराम बनाए रखा.
जानकारी के मुताबिक इस समूह में 4 हजार से अधिक लड़ाके शामिल हैं. PKK के लड़ाके गुरिल्ला युद्ध में भी माहिर माने जाते हैं. IED, कार बम, ग्रेनेड, छोटे हथियार, मोर्टार, आत्मघाती बम विस्फोट, अपहरण, मानव रहित ड्रोन जैसे हथियारों का इस्तेमाव करते हैं. PKK ने अंकारा और इस्तांबुल में तुर्की सरकार के कर्मियों और सुरक्षा बलों पर भी हमला किया है.
PKK के घातक हमले
- 10 दिसंबर 2016- इस्तांबुल: PKK के सहयोगी TAK यानि कुर्दिस्तान फ्रीडम हॉक्स के आतंकियों ने एक फुटबॉल स्टेडियम के बाहर कार बम विस्फोट और आत्मघाती बम विस्फोट किया. इसमें 44 लोग मारे गए और 155 घायल हो गए.
- 13 मार्च 2016- अंकारा: TAK ने गुवेनपार्क के एक बस स्टॉप पर कार बम विस्फोट किया. इसमें 37 लोग मारे गए और 125 घायल हो गए.
- 14 जुलाई 2011- सिल्वान: PKK और तुर्की सेना के बीच संघर्ष में 13 सैनिक और सात PKK लड़ाके मारे गए.
- 25 जून 2006- मनावगट: TAK ने एक पर्यटक स्थल पर बम विस्फोट किया, जिसमें चार लोग मारे गए और 28 घायल हो गए.
- 20 जून 1987- पिनार्सिक: PKK की एक शाखा कुर्दिस्तान पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने गांव में 30 लोगों की हत्या कर दी.
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