Home National गृहमंत्री अमित शाह ने मणिपुर में सुरक्षा स्थिति को लेकर की बैठक, राष्ट्रपति शासन के बाद पहली मीटिंग

गृहमंत्री अमित शाह ने मणिपुर में सुरक्षा स्थिति को लेकर की बैठक, राष्ट्रपति शासन के बाद पहली मीटिंग

by Live Times
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Manipur Meeting : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की. इस दौरान बैठक में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला, सेना, अर्धसैनिक बल के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए.

Manipur Meeting : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की. इस दौरान बैठक में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला, सेना, अर्धसैनिक बल के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए.

Manipur Meeting : मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने आज यानी 1 मार्च को बैठक की है. ये समीक्षा बैठक सुबह 11 बजे से नॉर्थ ब्लॉक गृह मंत्रालय में शुरू हुई थी, जो अब खत्म हो चुकी है. अमित शाह मणिपुर की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की. गृहमंत्री के साथ बैठक में मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला, मणिपुर सरकार के अधिकारी, सेना के अधिकारी,अर्धसैनिक बल के शीर्ष अधिकारी भी शामिल रहे.

क्या है बैठक की बड़ी वजह?

यहां बता दें कि यह बैठक 9 फरवरी को मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद हुई है. लगातार चल रही हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता की वजह से मणिपुर में करीब 2 साल से हालात गंभीर बने हुए हैं. राज्य के राज्यपाल से 13 फरवरी को रिपोर्ट मिलने के बाद मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया. मणिपुर में मई 2023 से जातीय हिंसा जारी है और अब तक वहां 250 लोगों की जान जा चुकी है.

हथियार सरेंडर करने की अपील

गौरतलब है कि हिंसा के दौरान पहाड़ियों और घाटी दोनों में भीड़ ने लगभग 6500 बंदूकें और 6,00,000 गोला-बारूद लूट लिए थे. यह बैठक इसलिए भी जरूरी है क्योंकि यह ऐसे समय में हो रही है जब मणिपुर में सेना और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों सहित सभी बल लूटे गए हथियारों को वापस लाने के लिए काम कर रहे हैं. साथ ही हथियार सरेंडर करने के लिए केंद्रीय एजेंसियां ​​कुकी और मैतेई दोनों समूहों के साथ काम कर रही हैं. इस कड़ी में लोगों को हथियार वापस करने के लिए राज्यपाल भल्ला ने 7 दिन की माफी योजना शुरू की थी. इसके तहत 650 हथियार और गोला-बारूद लोगों ने सरेंडर किए हैं. पुलिस शस्त्रागारों से लूटे गए 6500 हथियारों में से, सेना अब तक सिर्फ 2500 के आसपास ही बरामद कर पाई है.

किन लोगों के बीच हुई थी हिंसा?

मणिपुर में जो जातीय हिंसा 3 मई, 2024 को शरू हुई थी, वह अभी तक लगभग 22 महीने बाद भी खत्म नहीं हो पाई है. वहीं, 13 फरवरी, 2024 को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था. इसके कुछ दिनों बाद ही मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने पार्टी के कुछ विधायकों के विद्रोह के बाद इस्तीफा दे दिया था. एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के एक महीने पहले ही केंद्र ने पूर्व गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को मणिपुर राज्य का राज्यपाल नियुक्त किया था.

बैठक में अमित शाह ने दिए निर्देश

इस बैठक के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने मणिपुर में सुरक्षा तैनाती की समीक्षा की. साथ ही केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और राज्य पुलिस अधिकारियों को क्षेत्र में शांति और व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश दिए. पिछले साल 3 मई को अखिल आदिवासी छात्र संघ द्वारा मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल करने की मांग के विरोध में आयोजित एक रैली के दौरान झड़प के बाद पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा भड़क उठी थी.

यह भी पढ़ें: Manipur Violence : मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, पुलिस समेत दो लोग हुए घायल, जांच जारी

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