5 March 2024
हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का बेहद महत्व है। पंचांग के मुताबिक, हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। इस साल महाशिवरात्रि 8 मार्च की रात 9 बजकर 57 मिनट से लेकर अगले दिन शाम 6 बजकर 17 मिनट तक मनाई जाएगी। महादेव के पूजन का प्रदोष काल में बेहद महत्व है। धार्मिक मान्यतानुसार, इस दिन देवों के देव महादेव और मां पार्वती का विवाह हुआ था। इसलिए इस दिन भोलेनाथ और मां पार्वती के पूजन और उपवास का विधान है। धार्मिक मान्यतानुसार, ऐसा करने से बोले प्रसन्न होते हैं जिससे शुभफल की प्राप्ति होती है।
महाशिवरात्रि पूजन विधि (Mahashivratri Puja Vidhi)
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर महादेव और मां पार्वती का ध्यान करते हुए दिन की शुरूआत करें। फिर स्नानादि के बाद साफ वस्त्र दारण करें और सूर्य को जल चढ़ाएं। फिर मंदिर में चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और शिव परिवार को स्थापित करें। फिर कच्चा दूध, गंगाजल और दही आदि चीजों से अभिषेक करें। अब घी का दीपक जलाकर भोले और मां पार्वती का विधि-विधान से पूजन करें। फिर शंकर को बेल पत्र, मदार के पत्ते, भांग, धतूरा, फूल और नैवेद्य आदि चीजें चढ़ाएं। साथ ही आप शिव चालीसा और और महादेव की आरती करें। फिर भोग लगाकर प्रसाद बांटें।
वैज्ञानिक महत्व
वैज्ञानिक दृष्टि से भी महाशिवरात्रि बेहद महत्वपूर्ण है। मान्यतानुसार महाशिवरात्रि की रात ग्रह का उत्तरी गोलार्द्ध इस प्रकार अवस्थित होता है जिससे मानव शरीर के अंदर की ऊर्जा ऊपर की तरफ जाने लगती है। मानों प्रकृति खुद मनुष्य को आध्यात्मिक शिखर तक जाने में सहायता कर रही हो।
ये है धार्मिक महत्व
- वहीं इस रात के धार्मिक महत्व की बात की जाए तो, इस दिन भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती का विवाह हुआ था।
- इस दौरान भोलेनाथ ने वैराग्य जीवन को छोड़कर गृहस्थ जीवन में कदम रखा था।
- मान्यतानुसार जो व्यक्ति महाशिवरात्रि की रात शिव और शक्ति का पूजन करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
- मान्यतानुसार महाशिवरात्रि के इस पावन अवसर पर प्रकृति मनुष्य को परमात्मा से जोड़ती है।