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समुद्र में भारतीय नौसेना की बढ़ी ताकत, DRDO ने NASM-SR Missile का किया सफल परीक्षण

by Divyansh Sharma
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NASM-SR Missile: DRDO और भारतीय नौसेना ने मंगलवार को अपनी तरह की पहली NASM-SR यानि नेवल एंटी-शिप मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया.

NASM-SR Missile: भारतीय सेना की ताकत हर रोज बढ़ती ही जा रही है. इस बीच DRDO यानी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने ऐसा कमाल कर दिया है, जिससे चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मनों के पसीने छूट जाएंगे. दरअसल, DRDO और भारतीय नौसेना ने मंगलवार को अपनी तरह की पहली NASM-SR यानि नेवल एंटी-शिप मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है.

मैन-इन-लूप कंट्रोल का प्रदर्शन

रक्षा मंत्रालय की ओर से बुधवार को जारी बयान में बताया गया कि DRDO और भारतीय नौसेना ने मंगलवार ITR चांदीपुर से NASM-SR का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. मिसाइल को सी किंग हेलीकॉप्टर से लॉन्च किया गया. परीक्षण के दौरान मिसाइल ने मैन-इन-लूप कंट्रोल का प्रदर्शन किया. साथ ही एक छोटे जहाज के लक्ष्य को सटीक तरीके से निशाना बनाया गया.

गौरतलब है कि स्वदेशी इमेजिंग इंफ्रा-रेड सीकर, फाइबर ऑप्टिक गायरो INS और सॉलिड प्रोपल्शन की खूबियों से लैस यह मिसाइल वास्तविक समय में लक्ष को सटीकता से भेद सकती है. परीक्षणों में मिसाइल ने अपनी मैन-इन-लूप खूबी को सिद्ध कर दिया है. बता दें कि यह मिसाइल स्वदेशी इमेजिंग इंफ्रा-रेड सीकर का उपयोग करती है, जो इसके प्रहार को अचूक बना देता है. रक्षा मंत्रालय ने बताया कि मिशन में हाई बैंडविड्थ दो तरफा डेटालिंक प्रणाली का भी प्रदर्शन किया गया, जिससे मिसाइल फिर से लक्ष्य को भेदने के लिए सीकर की लाइव छवियों को पायलट तक वापस भेजा सकता है.

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NASM-SR Missile की खूबियां

  • यह भारतीय नौसेना के लिए विकसित पहली स्वदेशी वायु-प्रक्षेपित एंटी-शिप क्रूज मिसाइल है.
  • NASM-SR मिसाइल सी ईगल मिसाइलों का जगह लेगी, जो वर्तमान में नौसेना में प्रयोग में हैं.
  • सी किंग हेलीकॉप्टरों को भी चरणबद्ध तरीके से हटाया जा रहा है. ऐसे में यह नए MH-60R हेलीकॉप्टरों पर तैनात किए जा सकते हैं.
  • NASM-SR समुद्र तल से केवल 5 मीटर ऊपर उड़ सकता है. ऐसे में इसे रडार से ट्रैक करना और मार गिराना मुश्किल हो जाता है.
  • जहाज-रोधी मिसाइल को समुद्री स्कीमिंग के नाम से जाना जाता है.
  • लगभग 60 किलोमीटर की मारक क्षमता है.
  • हवा से प्रक्षेपित की जाने वाली जहाज रोधी मिसाइल मैक 0.8 (ध्वनि की स्पीड से भी धीमी) की स्पीड से लक्ष्य को भेद सकती है.
  • इसके वॉर हेड में 100 किलोग्राम तक विस्फोटक रखा जा सकता है, जो गश्ती नौकाओं को डुबोने तथा बड़े युद्धपोतों को क्षति पहुंचाने में सक्षम है.

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