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तेलंगाना सुरंग हादसा : टनल में फंसे आठ लोगों को नई जिंदगी देने उतर सकता है नौसेना का मार्कोस दल

by Sanjay Kumar Srivastava
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Telangana Tunnel Accident

तेलंगाना सुरंग हादसे में फंसे आठ लोगों को बचाने का सरकार भरसक प्रयास कर रही है. श्रीशैलम सुरंग नहर परियोजना के निर्माणाधीन टनल की छत का कुछ हिस्सा ढहने की घटना में अब तक बचाव दल को सफलता नहीं मिली है.

Telangana: तेलंगाना सुरंग हादसे में फंसे आठ लोगों को बचाने का सरकार भरसक प्रयास कर रही है. श्रीशैलम सुरंग नहर परियोजना के निर्माणाधीन टनल की छत का कुछ हिस्सा ढहने की घटना में अब तक बचाव दल को सफलता नहीं मिली है. बचाव अभियान का बुधवार को पांचवां दिन है. अभियान में सेना, NDRF,SDRF NGRI, GSI, RAT माइनिंग टीम, L&T, IIT मद्रास और अन्य टीमें लगी रहीं. अभी तक लापता लोगों का पता नहीं चल पाया है.

अभियान दल इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि जब तक कीचड़, पानी और निर्माण सामग्री को हटाया नहीं जाता, तब तक श्रमिकों का पता लगाना मुश्किल होगा. इस दौरान बचाव दल की तफ से एंडो बॉट और एफओबी जैसे विशेष कैमरे और स्कैनिंग उपकरण भी भेजे गए, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. ऐसी स्थिति में सरकार ने यह निष्कर्ष निकाला कि केवल मार्कोस ही ऐसी विशेष परिस्थितियों को संभाल सकता है.

मालम हो कि मार्कोस दल को कारगिल, कश्मीर और अन्य क्षेत्रों में जटिलताओं को पार करते हुए परिणाम प्राप्त करने का अच्छा इतिहास रहा है. बीआरओ के पास पहाड़ी और पर्वतीय क्षेत्रों में सुरंगों के निर्माण और रखरखाव का भी रिकॉर्ड है. इसके साथ ही मार्कोस और बीआरओ सहित 10 विशेषज्ञों की एक विशेष टीम बनाई गई है. भारतीय नौसेना के स्पेशल यूनिट ‘मार्कोस’ को इस अभियान में शामिल किया जा सकता है. मार्कोस कंमाडो के नाम विषम परिस्थितियों में समुद्री डाकुओं के छक्के छुड़ाने के रिकॉर्ड हैं.

सुरंग में महज 40 मीटर का बचा है फासला, जहां पहुंचना है बचाव दल को

सुरंग में महज 40 मीटर का फासला बचा है जहां बचाव दल को पहुंचना है. यही वो जगह है जहां 8 लोग फंसे हैं. इस जगह पर मिट्टी, पानी और कीचड़ भरा है. ‘मार्कोस’ कमांडो के पहुंचने की खबर से लोगों में आस जगी है.बता दें कि सेना और एनडीआरएफ की 34 सदस्यीय विशेष टीम मंगलवार को सुरंग के भीतर गई और स्थिति का जायजा लिया. दल ने पाया कि खासकर 13.85 किलोमीटर लंबी सुरंग का आखिरी 40 मीटर हिस्सा बचाव कार्य के लिए चुनौती भरा है.

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर मिट्टी का प्रतिशत पानी से ज्यादा हो तो उसमें हाथ-पैर भी नहीं हिलाए जा सकते. भारतीय मरीन कमांडो फोर्स को तैनात किया जाएगा जो कहीं भी, किसी भी मुश्किल परिस्थिति में जमीन, पानी, आसमान पर बचाव अभियान चलाने में सक्षम है. इनके सदस्यों को मार्कोस के नाम से जाना जाता है.सीमा सड़क संगठन (BRO) मार्कोस के साथ साझेदारी करेगा. सुरंग में छत ढहने की घटना के संदर्भ में सरकार ने बचाव अभियान की गति बढ़ा दी है.

ये भी पढ़ेंः भारत में घुसपैठ की कोशिश नाकाम, पठानकोट में BSF ने एक घुसपैठिए को मार गिराया

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