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CAG Report : CAG रिपोर्ट में हुए कई खुलासे, 2,002 करोड़ रुपये का हुआ नुकसान; मुसीबत में AAP

by Live Times
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CAG Report : दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आम आदमी पार्टी की सरकार के दौरान पेश की गई शराब पॉलिसी को लेकर विधानसभा में CAG रिपोर्ट पेश की. इसके बाद से संसद में हंगामा तेज हो गया है.

CAG Report : दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आम आदमी पार्टी की सरकार के दौरान पेश की गई शराब पॉलिसी को लेकर विधानसभा में CAG रिपोर्ट पेश की. इसके बाद से संसद में हंगामा तेज हो गया है.

CAG Report : दिल्ली विधानसभा सत्र के दूसरे दिन CAG रिपोर्ट पेश की. इस दौरान संसद में हंगामा मच गया है. CAG की एक रिपोर्ट दिल्ली शराब घोटाले से जुड़ी हुई है तो दूसरी ‘6 फ्लैग स्टाफ रोड’ पर स्थित मुख्यमंत्री आवास यानी शीशमहल के नवीनीकरण में अनियमितताओं से जुड़ी हुई है. इन रिपोर्ट को सीएम रेखा गुप्ता ने संसद में पेश किया.

कई करोड़ रुपये हुए नुकसान

यह ऑडिट 2017- 2018 से लेकर 2020-2021 तक की 4 अवधि का है. ऐसे में विधानसभा में पेश की गई रिपोर्ट से मालूम चला कि दिल्ली की शराब नीति को बदलने से 2,002 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. CAG की इस रिपोर्ट में साल 2017-18 से लेकर 2020-21 के बीच शराब के रेगुलेशन और सप्लाई की जांच की गई . साथ ही इसमें 2021-2022 की आबकारी नीति की समीक्षा भी की गई है.

शराब घोटाले में CAG रिपोर्ट में क्या-क्या है?

यहां बता दें कि AAP सरकार ने शराब नीति से लगभग 2,002 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इसके साथ ही कई गलत फैसलों की वजह से दिल्ली सरकार को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था. नॉन कंफर्मिंग क्षेत्रों में लाइसेंस जारी करने में छूट देने के कारण करीब 940 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. रिटेंडर प्रक्रिया से 890 करोड़ रुपये का नुकसान. वहीं, कोविड-19 प्रतिबंधों की वजह से 28 दिसंबर, 2021 से 27 जनवरी, 2022 तक शराब कारोबारियों को लाइसेंस शुल्क में 144 करोड़ की छूट दी गई. सिक्योरिटी डिपॉजिट सही से इकट्ठा न करने की वजह से 27 करोड़ रुपये का नुकसान का सामना करना पड़ा. कुछ खुदरा विक्रेताओं ने शराब नीति खत्म होने तक लाइसेंस का इस्तेमाल करते रहे लेकिन कुछ ने इन्हें समय से पहले ही सौंप दिया. 

CAG रिपोर्ट में इन चीजों पर भी ध्यान

  • दो हजार करोड़ से ज्यादा का घाटा
  • लाइसेंस उल्लघंन
  • थोक विक्रेताओं का मार्जिन दोगुने से ज्यादा
  • कोई स्क्रीनिंग नहीं, अग्रिम लागतों की अनदेखी
  • अपने ही एक्सपर्ट्स की सिफारिशों का किया अनदेखा
  • पारदर्शिता की कमी, एक कारोबारी को 54 शराब चलाने की मंजूरी
  • कुछ खास ब्रांड को दिया बढ़ावा
  • कैबिनेट और एलजी की मंजूरी नहीं ली
  • कई इलाकों में अवैध रूप से खोली गईं शराब की दुकानें
  • शराब की कीमत में भी पारदर्शिता नहीं
  • परीक्षण नियमों का भी उल्लंघन
  • तस्करी के खिलाफ भी जरूरी कार्रवाई नहीं हुई
  • अवैध शराब व्यापार को बढ़ावा
  • नियम तोड़ने वाले शराब लाइसेंसधारियों के खिलाफ एक्शन नहीं
  • सुरक्षा लेबल परियोजना को छोड़ दिया गया

यह भी पढ़ें: आतिशी समेत AAP के कई विधायक दिनभर के लिए निलंबित, LG के अभिभाषण के बीच हंगामा

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