Russia-Ukraine War: डोनाल्ड ट्रंप की बदली हुई रूस नीति रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए मजबूत आर्थिक लाभ भी ला सकती है.
Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन के बीच जंग रुकवाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. रूस के प्रति बदले रुख को देखकर माना जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप ने रूस को एक जीवनदान दिया है. दरअसल, 3 साल से जारी युद्ध के बीच रूस की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई थी. अब अमेरिका की मध्यस्थता में रूस के साथ बातचीत को लेकर दावा किया जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप की बदली हुई रूस नीति रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए मजबूत आर्थिक लाभ भी ला सकती है.
सेना को फिर से बहाल करने की जरूरत
दरअसल, न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने रूस के केद्रींय बैंक के पूर्व उपाध्यक्ष ओलेग व्यूगिन के हवाले से कई बड़ी जानकारी दी है. ओलेग व्यूगिन ने कहा कि अमेरिका का फैसला ऐसे समय में आया है, जब रूस के पास सिर्फ दो विकल्प बचे थे. उन्होंने कहा कि रूस या तो यूक्रेन में कब्जे वाले इलाकों को हासिल करने के लिए सैन्य खर्च बढ़ाना बंद कर दे, या इसे जारी रख कर गिरती अर्थव्यवस्था और हाई इंफ्लेशन (मुद्रास्फीति) को बढ़ावा दे.
उन्होंने आगे कहा कि आर्थिक कारणों से ही रूस संघर्ष को समाप्त करने के लिए बातचीत करने में रुचि रखता है. ओलेग व्यूगिन ने बताया कि डोनाल्ड ट्रंप के बदले रुख से प्रतिबंधों में राहत मिल सकती है और रूस में पश्चिमी कंपनियों की वापसी हो सकती है. इससे आर्थिक दबाव कम हो सकते हैं. CEPA यानि सेंटर फॉर यूरोपियन पॉलिसी एनालिसिस के शोधकर्ता अलेक्जेंडर कोल्यान्डर ने कहा कि रूस रातों-रात हथियारों के उत्पादन पर खर्च बंद करने के लिए नहीं मानेगा, क्योंकि उन्हें मंदी का डर है और उन्हें सेना को फिर से बहाल करने की भी जरूरत है. कुछ सैनिकों को कम करने से बाजार पर दबाव थोड़ा कम हो जाएगा.
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रूस में काम करने वाले लोगों की कमी
गौरतलब है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण रूस में काम करने वाले लोगों की कमी हो गई है , जिससे रूस में बेरोजगारी दर रिकॉर्ड निम्नतम 2.3% पर पहुंच गई है. बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने युद्ध को समाप्त करने के लिए जल्द से जल्द समझौते पर जोर दे रहे हैं. उन्होंने पहली बातचीत में यूक्रेन को बाहर रखा और हमले के लिए यूक्रेन को बही दोषी ठहराया है. ऐसे में माना जा रहा है कि अमेरिकी प्रशासन रूस के ऊपर लगाए गए प्रतिबंधों में कुछ राहत दे सकता है.
डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयानों का असर रूसी बाजारों में पहले से ही तेजी के रूप में देखा जा रहा है. बता दें कि इस साल जनवरी में ही रूस का राजकोषीय घाटा 1.7 ट्रिलियन रूबल ($19.21 बिलियन डॉलर) तक बढ़ गया, जो कि साल दर साल 14 गुना वृद्धि है. तेल की कम कीमतें, बजट की कमी और खराब कॉर्पोरेट लोन भी रूस के लिए मुसीबत बन चुके हैं. बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि रूस अगर सहयोग करेगा, तो हम प्रतिबंधों में ढील दे सकते हैं, लेकिन सहयोग नहीं करेंगे तो हम स्थिति को और भी बदतर बना देंगे.
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