Home Religious भगवान राम से कैसे हुई थी मां शबरी की मुलाकात? जानिए पूरी कथा

भगवान राम से कैसे हुई थी मां शबरी की मुलाकात? जानिए पूरी कथा

मां शबरी भगवान राम से कैसे मिली थीं?

by Pooja Attri
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shabri

3 March 2024

शबरी को आज भी भक्ति का प्रतीक माना जाता है जो भगवान श्रीराम के परम भक्तों में से एक थीं। आज शबरी जयंती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, ये जयंती हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी को मनाई जाती है। इस दिन जो व्यक्ति भगवान राम के साथ मां शबरी का पूजन और उपवास करता है उस पर सदैव भगवान राम की कृपा बनी रहती हैं। इससे व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं।

मां शबरी कौन थीं?

हिंदू धर्म शास्त्रों के मुताबिक, रामायण के दौर पर माता शबरी की भगवान राम से जिस जगह भेंट हुई थी, वो शिवरीनारायण नाम से जाना जाता है जो अब छत्तीसगढ़ में मौजूद है। ये प्रचीन शहर बिलासपुर से 64 किलोमीटर दूर महानदी के तट पर है। माता शबरी भील समुदाय की शबर जाति में पैदा हुईं थीं। मान्यतानुसार मां शबरी की शादी एक भील जाति के व्यक्ति से तय हुई थी, लेकिन जब शादी की तैयार के दौरान सैकड़ों जानवरों की बलि दी जा रही थी, तब वह अपना घर छोड़कर चली गईं थीं।

तब मां शबरी मतंग ऋषि के आश्रम पहुंची थी, जहां उनको आश्रय मिला। अपने अंतिम पलों में मतंग ऋषि ने मां शबरी से कहा था, वह आश्रम में ही भगवान श्री राम और लक्ष्मण से मिलने की प्रतीक्षा करें, वे दोनों उनसे मिलने जरूर आएंगे। फिर प्रतीक्षा करने के बाद अंत में भगवान श्रीराम आश्रम आए, जहां शबरी ने उन्हें झूठे बेर खिलाए। भक्तिभाव से खिलाएं गए इन बेरों को खाकर भगवान राम ने उनकी मनोकामना पूर्ण की और अपने साथ बैकुंठ धाम में स्थान दिया।

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