'रात की धड़कन जब तक जारी रहती है...' पढ़ें लोगों के दिल जीत लेने वाले राहत इंदौरी के शेर.

मजा चखा के ही माना हूं मैं भी दुनिया को, समझ रही थी कि ऐसे ही छोड़ दूंगा उसे.

मैं भी दुनिया

रोज पत्थर की हिमायत में गजल लिखते हैं, रोज शीशों से कोई काम निकल पड़ता है.

हिमायत में गजल

इक मुलाकात का जादू कि उतरता ही नहीं, तिरी खुशबू मिरी चादर से नहीं जाती है.

खुशबू मिरी चादर

 खयाल था कि ये पथराव रोक दें चल कर, जो होश आया तो देखा लहू लहू हम थे.

ये पथराव रोक दें

 रात की धड़कन जब तक जारी रहती है, सोते नहीं हम जिम्मेदारी रहती है.

रात की धड़कन

हमारे मीर-तकी-'मीर' ने कहा था कभी मियां ये आशिकी इज्जत बिगाड़ देती है.

इज्जत