Russia–Ukraine War : यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध के तीन साल पूरे हो चुके हैं और इस दौरान खुशी बात यह है कि युद्ध समाप्ति के लिए अमेरिका-रूस के बीच बातचीत भी शुरू हो गई है.
Russia–Ukraine War : दुनिया में एक संपन्न देश कैसे बर्बाद हो सकता है उसका सबसे बड़ा उदाहरण वर्तमान में यूक्रेन बन गया है. सोवियत संघ से साल 1991 में अलग होने के बाद यूक्रेन लगातार हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा था लेकिन फिर वोलोदिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) देश के राष्ट्रपति बनाए गए जहां उन्होंने सबसे पहली इच्छा नाटो में शामिल जताई. लेकिन इसके लिए रूस मना करता रहा लेकिन इसके बाद भी यूक्रेन अमेरिका की तरफ अपने कदम आगे बढ़ाता रहा. इसके बाद रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया और इस युद्ध के तीन साल हो गए हैं. वहीं, इस युद्ध को समाप्त करने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने एक कदम आगे बढ़ाया है. इसी कड़ी में अमेरिका और रूस का डेलीगेशन बातचीत करने के लिए पिछले हफ्ते सऊदी अरब भी गया था.
क्या यूक्रेन से वापिस जाएगी रूसी सेना
सऊदी अरब में अमेरिकी और रूसी विदेश मंत्रियों के बीच चर्चा होने के बाद US ने एक मसौदा तैयार करने के बाद संयुक्त राष्ट्र में प्रस्तावित किया है. इसमें यूक्रेन से मास्को की सभी सेनाओं को तत्काल प्रभाव से वापस बुलाने की मांग की गई है. इस प्रस्ताव को पेश करने के बाद अमेरिका और यूरोप के बीच टकराव की स्थिति पैदा कर सकता है. इसका सबसे बड़ा कारण है कि युद्ध को समाप्त करने के लिए अमेरिका और रूस के बीच बातचीत चल रही है और इसमें यूरोप के किसी देश को नहीं बुलाया गया. इसके अलावा अब अमेरिका ने प्रस्ताव तैयार करने के बाद यूएन में पेश किया है. इसके अलावा जहां एक तरफ यूरोप की कुछ कंट्री इस युद्ध को अभी और लंबा खींचना चाहती थीं वहीं डोनाल्ड ट्रंप भी इसे तेजी से समाप्त करना चाहते हैं.
प्रस्ताव पर रूस ने संशोधन का आग्रह किया
यूरोपीय संघ के नेता इस बात से काफी नाराज हैं कि सऊदी अरब में की गई चर्चा में हिस्सा लेने के लिए नहीं बुलाया गया. दूसरी तरफ अमेरिका युद्ध समाप्त करने वाले संक्षिप्त प्रस्ताव को रूस की तरफ से यूक्रेन पर हमले करने के तीसरे साल में पेश किया है. प्रस्ताव में रूस-यूक्रेन संघर्ष के दौरान हुई दुखद जनहानि के लिए शोक व्यक्त किया है और संघर्ष को शीघ्र समाप्त करने की अपील की गई है. इसके अलावा प्रस्ताव में यूक्रेन और रूस के बीच स्थायी शांति का आग्रह किया गया है. साथ ही प्रस्ताव को लेकर यूएन में रूसी राजदूत वसीली नेबेंजिया ने कहा कि यह एक अच्छा कदम है. प्रस्ताव पर रूस ने एक संशोधन का भी सुझाव दिया है जिसमें संघर्ष को शीघ्र समाप्त करने की अपील गई है. साथ ही यूक्रेन और रूस के बीच स्थायी शांति का आग्रह किया गया है.
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